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24 May 2023: दिन की पांच बड़ी ख़बरें 'Top 5 News Of The Day

 1.कब तक आ सकती है नीट यूजी आंसर की

नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (यूजी) 2023 में भाग लेने वाले स्टूडेंट्स के लिए लेटेस्ट अपडेट है। एनटीए की ओर से जल्द ही परीक्षार्थियों के लिए जल्द ही आंसर की जारी की जा सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नीट यूजी आंसर की जारी होने से संबंधित सभी तैयारियों को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से पूरा कर लिया गया है। आंसर की NEET NTA की ऑफिशियल वेबसाइट neet.nta.nic.in पर जारी की जाएगी जहां से आप ऑनलाइन माध्यम से इसे प्राप्त कर सकेंगे। आंसर की प्राप्त करने के लिए आपको लॉग-इन क्रेडेंशियल दर्ज करना होगा।

NEET UG Answer Key 2023: इन स्टेप्स से प्राप्त कर सकेंगे आंसर की

नीट यूजी आंसर की 2023 प्राप्त करने के लिए अभ्यर्थियों को सर्वप्रथम एनटीए की आधिकारिक वेबसाइट neet.nta.nic.in पर जाना होगा। ऑफिशियल वेबसाइट पर आंसर की जारी होने पर लिंक एक्टिवेट हो जायेगा। आपको इस लिंक पर क्लिक करना होगा। अब एक नए पेज पर आपको एप्लीकेशन नंबर एवं पासवर्ड दर्ज करके सबमिट करना होगा। अब आंसर की एक नहीं विंडो पर ओपन हो जाएगी जहां से आप इसे डाउनलोड कर सकते हैं। इसके बाद आप आंसर की के द्वारा सभी प्रश्न-उत्तरों का मिलान कर सकते हैं।

NEET UG 2023 Answer Key: दर्ज कर सकेंगे आंसर की पर आपत्ति

नीट यूजी आंसर की 2023 डाउनलोड करने के बाद अभ्यर्थी सभी प्रश्न एवं उत्तरों को भली-भांति मिलान कर लें। अगर आप किसी उत्तर से संतुष्ट नहीं होंगे तो आप ऑनलाइन माध्यम से उस पर निर्धारित तिथियों में आपत्ति दर्ज कर सकेंगे। आपत्ति के लिए एनटीए की ओर से लिंक एक्टिवेट कर दिया जायेगा। आपको आंसर की पर आपत्ति दर्ज करने के लिए प्रति प्रश्न शुल्क का भुगतान करना होगा। शुल्क भुगतान ऑनलाइन माध्यम से किया जा सकेगा।


प्रोविजनल आंसर की पर दर्ज की गयी आपत्तियों का एनटीए की ओर से निराकरण किया जायेगा। सभी आपत्तियों के निराकरण के बाद एनटीए की ओर से फाइनल आंसर की जारी की जाएगी। उम्मीदवार ध्यान रखें की वे किसी भी प्रकार से फाइनल आंसर की पर आपत्ति दर्ज नहीं कर सकेंगे। फाइनल आंसर की अंतिम एवं सर्वमान्य होगी।

2. कोरोना का खतरा टला नहीं:नया वैरिएंट या वायरस आ सकता है, ज्यादा जानलेवा महामारी के लिए तैयार रहें

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने कोरोना के बाद अगली महामारी को लेकर चेतावनी जारी की है। WHO के गवर्नर जनरल टेड्रोस एडनम घेब्रेयसस ने कहा कि दुनिया को अगले पेंडेमिक के लिए तैयार रहना चाहिए जो कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है।

स्विटजरलैंड के जेनेवा में हुई 76वीं वर्ल्ड हेल्थ असेंबली की मीटिंग में WHO ने अपनी रिपोर्ट पेश की। इस दौरान टेड्रोस ने कहा- कोरोना भले ही अब ग्लोबल इमरजेंसी नहीं है लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि इससे अब कोई खतरा नहीं है। कोविड-19 का नया वैरिएंट कभी भी आ सकता है। ऐसा भी हो सकता है कि कोई नई बीमारी सामने आ जाए जो इससे कहीं ज्यादा खतरनाक हो। ऐसे में हमें अभी से तैयारी करनी होगी।

कोरोना से मौत का असली आंकड़ा 2 करोड़ से ज्यादा

मीटिंग में टेड्रोस ने कहा- कोविड-19 सदी की सबसे खतरनाक बीमारी रही। जब कोरोना आया तो हम इससे मुकाबले के लिए तैयार नहीं थे। लेकिन दूसरी महामारी जरूर आएगी और हमें हर तरह से साथ मिलकर इसका सामना करना होगा। कोरोना के चलते करीब 70 लाख लोगों की मौत दर्ज की गई, जबकि वास्तविक आंकड़ा 2 करोड़ से ज्यादा हो सकता है। ये देखते हुए हमें अपने हेल्थ सेक्टर में जल्द से जल्द जरूरी बदलाव करने की जरूरत है।

कोरोना ग्लोबल हेल्थ टारगेट्स के लिए चैलेंज रहा

महामारी ने 2017 की वर्ल्ड हेल्थ असेंबली मीटिंग में घोषित ट्रिपल बिलियन लक्ष्यों की प्रगति को भी प्रभावित किया। टेड्रोस ने कहा कि भले ही कोरोना हमारे टारगेट के लिए बड़ा चैलेंज रहा लेकिन इससे हमें ये भी पता चला कि क्यों सस्टेनेबल गोल्स पर फोकस बनाए रखना जरूरी है। इस पीढ़ी में महामारी से समझौता नहीं करने की प्रतिबद्धता है क्योंकि यह वह लोग हैं, जिन्होंने अनुभव किया कि एक छोटा सा वायरस कितना भयानक हो सकता है।

इससे पहले 5 मई को WHO ने घोषणा की थी कि कोरोना अब ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी नहीं है। इसकी वजह तेजी से कम होते एक्टिव केस और मौत के आंकड़ों को बताया गया। टेड्रोस ने कहा था- वैक्सीनेशन की वजह से हमें काफी कामयाबी मिली। हेल्थ सिस्टम पर अब प्रेशर भी बहुत कम हो गया है। ज्यादातर देश नॉर्मल लाइफ पर लौट चुके हैं।

भारत में 27 जनवरी 2020 को आया था पहला केस

कोविड से दुनिया में करीब 70 लाख लोग मारे गए। 30 जनवरी 2020 को इसे ग्लोबल इमरजेंसी डिक्लेयर किया गया था। कोविड से सबसे ज्यादा लोग अमेरिका में मारे गए थे। भारत में इसका पहला केस केरल में 27 जनवरी 2020 को मिला था। आउटब्रेक इंडिया के मुताबिक, देश में अभी तक कोरोना के 4.49 करोड़ से ज्यादा केस आ चुके हैं। वायरस से 5.31 लाख से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। वहीं, वैक्सीनेशन का आंकड़ा 220 करोड़ पार कर चुका है।

3. आधी रात क्यों सूख जाता है गला...सावधान ! कहीं इस बीमारी की चपेट में तो नहीं आप


कई बार रात में गला सूखने की वजह से अचानक से नींद खुल जाती है. आप कितना ही पानी पीकर क्यों न सो जाएं लेकिन कई बार देर रात तेज प्यास लग जाती है और आंख खुल जाती है. क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर ऐसा होता क्यों है. कुछ लोग इसे हल्के में लेते हैं लेकिन यह कई तरह की बीमारियों का संकेत भी हो सकता है. तो चलिए जानते हैं रात में प्यास लगने की वजह (Excessive Thirst Causes) से नींद क्यों टूट जाती है और बार-बार प्यास लगना किस बीमारी के लक्षण हैं...

बार-बार क्यों लगती है प्यास

डिहाइड्रेशन (Dehydration)

शरीर में पानी की कमी डिहाइड्रेशन की तरफ इशारा है. कम पानी पीने की वजह से बॉडी में पानी की मात्रा कम हो जाती है. ऐसे में कितना भी पानी पी लें लेकिन प्याज बुझ नहीं पाती है. डिहाइड्रेशन से बचने के लिए पानी, फ्रूट जूस और नारियल पानी का ज्यादा से ज्यादा सेवन करना चाहिए. गर्मियों में डिहाइड्रेशन की समस्या ज्यादा होती है. ऐसे में ज्यादा से ज्यादा लिक्विड लेना चाहिए.

डायबिटीज (Diabetes)

ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ने पर शरीर शुगर को यूरिन के जरिए बाहर निकालने की कोशिश करता है. इसके लिए बार-बार पेशाब लगती है. इसी की मदद से बार-बार पानी शरीर से बाहर आता रहता है. जिससे बार-बार प्यास लगती है. कई बार रात में जब हम गहरी नींद में होते हैं तो प्यास लग जाती है और नींद टूट जाती है.

ब्लड प्रेशर (Blood Pressure)

ब्लड प्रेशर बढ़ने पर शरीर से पसीना खूब निकलता है. इससे डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है. फिर चाहे जितना ही पानी क्यों न पी लें, प्यास बुझ नहीं पाती है. हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होने पर समझ जाना चाहिए कि लाइफस्टाइल खराब हो रही है. ऐसे में हाई ब्लड प्रेशर होने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है. इस वजह से आधीर रात अचानक से आंख खुल जाती है और ऐसा लगता है कि बहुत तेज प्यास लगी हुई है.

4. IPL 2023: क्वालिफायर-1 में डॉट बॉल की जगह क्यों दिख रहा था पेड़ का इमोजी

चेन्नई सुपर किंग्स IPL 2023 के फाइनल में पहुंचने वाली पहली टीम रही. चेन्नई ने बीते मंगलवार (23 मई) गुजरात टाइटंस के खिलाफ 15 रनों से जीत हासिल कर फाइनल में जगह बनाई. यह आईपीएल 2023 के प्लेऑफ का पहला मुकाबला था. इस मैच में ग्राफिक्स में परिवर्तन देखने को मिला. दरअसल, मैच में जो डॉट बॉल फेंकी जा रही थी, उसकी जगह डॉट बॉल का नहीं बल्कि पेड़ का इमोजी दिखाई दे रहा था. इसके पीछे ही BCCI की एक बड़ी अच्छी पहल शामिल है. 

मैच में कमेंट्री कर रहे हर्षा भोगले और साइमन डूल ने इसके पीछे की वजह बताई. कमेंटटेर्स ने बताया कि ये पेड़ के इमोजी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की ओर से नई पर्यावरणीय पहल का प्रतीक हैं. बोर्ड ने हर डॉट बॉल की बदले 500 पेड़ लगाने का फैसला किया है. यानी आईपीएल 2023 के प्लेऑफ मुकाबलों में जितनी डॉट बॉल फेंकी जाएंगी, उसके बदले में बीसीसीआई पेड़ लगाएगा. अब आईपीएल 2023 के फाइनल क बाद देखना दिलचस्प होगा कि कितनी डॉट बॉल फेंकी जाती हैं. 

बीसीसीआई ने इस पहल के लिए टाटा ग्रुप से हाथ मिलाया है. बीसीसीआई और टाटा ग्रुप दोनों मिलकर हर एक डॉट पर 500 पेड़ लगाएंगे. इससे पहले टाटा मोटर्स की ओर से कहा गया था कि मैदान में खड़ी टाटा टियागो पर कोई भी शॉट यानी गेंद जाकर लगेगी, तो उसके बदले में टाटा पांच लाख पेड़ लगाएगा. सीज़न में अब तक चेन्नई के रुतुराज गायकवाड़ और मुंबई के निहाल वढेरा ऐसा शॉट लगा चुके हैं, जो सीधा गाड़ी में जाकर लगा था. 

बता दें कि गायकवाड़ ने लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ खेले गए मैच के दौरान ऐसा शॉट लगाया था, जबकि मुंबई इंडियंस ने निहाल वढेरा ने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ खेले गए एक मैच में शॉट लगाकर गाड़ी को हिट किया था. इस शॉट से गाड़ी पर डेंट भी आ गया था.  

5.AI की मदद से नागिन की तरह दोस्त का रूप किया धारण, फिर पीड़ित से कर ली 5 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का दौर चल रहा है. ChatGPT ने एआई को लेकर ऐसी क्रांति ला दी है कि कई कंपनियां अपने एआई चैटबॉट लेकर आ रही हैं. कई लोग अपने काम को आसान बनाने के लिए एआई का इस्तेमाल कर रहे हैं. अब हर सिक्के के दो पहलू होते हैं. एआई कुछ सुविधाएं लेकर आया है तो कुछ नुकसान भी. अफसोस की बात यह है कि लोग एआई का इस्तेमाल चोरी और ठगी में कर रहे हैं. एक व्यक्ति ने डीपफेक तकनीक का इस्तेमाल कर एक व्यक्ति से 5 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की है.

डीपफेक तकनीक क्या है? 

डीपफेक तकनीक का इस्तेमाल कर व्यक्ति को ठगने का मामला नॉर्थ चीन का है. टेक्नोलॉजी इतनी तेज़ी से आगे बढ़ रही है कि कुछ लोगों को तो मालूम भी नहीं है कि इस तरह की टेक्नोलॉजी एक्सिस्ट भी करती है. क्या आप डीपफेक तकनीक के बारे में जानते हैं? नहीं? डीपफेक टेक्नोलॉजी ऑनलाइन नकली तस्वीरें और वीडियो हैं. ये तस्वीर या वीडियो बिलकुल वास्तविक दिखते हैं. इनका इस्तेमाल गलत सूचना फैलाने के लिए किया जा सकता है.

इस तरह शख्स से की 5 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्तरी चीन में एक स्कैमर ने डीपफेक तकनीक का इस्तेमाल कर एक व्यक्ति को अपने अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने के लिए मना लिया. दरअसल, स्कैमर ने एआई-पावर्ड फेस-स्वैपिंग तकनीक का इस्तेमाल किया और पीड़ित के करीबी दोस्त का रूप धारण कर लिया. पीड़ित पहचान ही नहीं कर सका कि वह उसका करीबी दोस्त नहीं है. जालसाज ने वीडियो कॉल के दौरान पीड़ित के दोस्त का रूप धारण कर लिया था. फिर उसे 4.3 मिलियन युआन (लगभग 5 करोड़ रुपये) ट्रांसफर करने के लिए कहा. पीड़ित को लगा उसके दोस्त को सख्त पैसों की जरूरत है तो उसने पैसे ट्रांसफर कर दिए. इस घटना ने वित्तीय अपराधों को अंजाम देने के लिए एआई के इस्तेमाल को लेकर चीन में चिंता बढ़ा दी है.

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