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3 March 2023: दिन की पांच बड़ी ख़बरें 'Top 5 News Of The

 1. राहुल गांधी ने की चीन की तारीफ, कश्मीर को बताया 'तथाकथित हिंसक जगह' 

कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चीन की तारीफ की है. उनकी तरफ से जोर देकर कहा गया है कि चीन शांति का पक्षकार है. उन्होंने कई उदाहरणों के जरिए अपनी बात को समझाने की कोशिश की है. उन्होंने चीन की रणनीति का जिक्र किया है, उसके द्वारा किए गए विकास की बात की है और पश्चिमी देशों की विचारधारा पर भी विस्तार से बताया है.

राहुल गांधी ने कहा कि आप चीन में जिस तरह का इंफ्रास्ट्रक्चर देखते हो, रेलवे, एयरपोर्ट देखते हो, ये सबकुछ प्रकृति से जुड़ा हुआ है, नदी की ताकत है. चीन प्रकृति के साथ मजबूती से जुड़ा हुआ है. वहीं बात जब अमेरिका की आती है, वो खुद को प्रकृति से बड़ा मानता है. यही बताने के लिए काफी है कि चीन शांति में कितना ज्यादा दिलचस्पी रखता है. राहुल ने अपने संबोधन के दौरान पुलवामा हमले का भी जिक्र किया. उन्होंने जम्मू-कश्मीर को 'तथाकथित हिंसक जगह' बता दिया.

कांग्रेस नेता ने कहा कि कश्मीर इंसर्जेंसी प्रोन स्टेट है और तथाकथित हिंसक जगह. मैं उस जगह भी गया था जहां हमारे 40 जवानों को मार दिया गया था.

2. भारत और विश्व बैंक के बीच एक बिलियन अमेरिकी डॉलर का समझौता, स्वास्थ्य सेवा को बनाया जाएगा बेहतर

विश्व बैंक (World Bank) और भारत (India) ने शुक्रवार को 50-50 करोड़ डॉलर के दो पूरक ऋण पर हस्ताक्षर किए। दोनों के बीच हुए इन समझौतों से भारत के स्वास्थ्य ढांचे को और बेहतर बनाया जाएगा। मालूम हो कि एक बिलियन अमेरिकी डॉलर के इस संयुक्त वित्तपोषण के माध्यम से, विश्व बैंक भारत के प्रमुख प्रधानमंत्री-आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन (PM-ABHIM) का समर्थन करेगा

बता दें कि कि PM-ABHIM को अक्टूबर 2021 में लॉन्च किया गया था, ताकि देश भर में सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार किया जा सके। विश्व बैंक ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर के हस्तक्षेपों के अलावा, ऋणों में से आंध्र प्रदेश, केरल, मेघालय, ओडिशा, पंजाब, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश सहित सात राज्यों में स्वास्थ्य सेवा वितरण को प्राथमिकता देगा।

बता दें कि भारत की ओर से आर्थिक मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव रजत कुमार मिश्रा और 'विश्व बैंक इंडिया' के निदेशक अगस्टे तानो कौमे के बीच यह समझौता हुआ है। अगस्टे तानो कौमे ने कहा कि कोविड-19 ने दुनिया भर में महामारी की तैयारी और स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने की तत्काल आवश्यकता को सामने लाया। उन्होंने कहा कि महामारी से लड़ने की तैयारी वैश्विक स्तर पर सार्वजनिक भलाई है।

स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत के प्रदर्शन में समय के साथ सुधार हुआ है। विश्व बैंक के अनुमान के अनुसार, भारत की जीवन प्रत्याशा- 2020 में 69.8 पर था, जो 1990 में 58 पर रहा था। आंकड़ों के अनुसार, पांच वर्ष से कम आयु की मृत्यु दर (36 प्रति 1,000), शिशु मृत्यु दर (30 प्रति 1,000) और मातृ मृत्यु दर (103 प्रति 1,00,000 ) है।


3. नोएडा की दवा कंपनी के 3 अधिकारी गिरफ्तार, उज्बेकिस्तान में कफ सिरप से हुई 18 बच्चों की मौत से जुड़ा मामला

उज्बेकिस्तान में कफ सिरप से हुई कथित मौत के मामले में नोएडा स्थित दवा कंपनी के 3 अधिकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. दिसंबर के महीने में उज्बेकिस्तान ने दावा किया था कि भारतीय कफ सिरप से उसके देश में 18 बच्चों की मौत हो गई.  इन तीनों की गिरफ्तारी गुरुवार (2 मार्च) को दर्ज हुई एफआईआर के बाद हुई है. भारत के सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन (CDSCO) के ड्रग इंस्पेक्टर ने यह शिकायत की थी. इसमें भारतीय कंपनी मैरियन बायोटेक के दो डायरेक्टर सहित पांच लोगों के नाम थे. 

लाइसेंस क्यों निलंबित किया गया था?

उज्बेकिस्तान में कथित तौर पर 18 बच्चों की मौत के बाद उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) विभाग ने सेक्टर-67 स्थित दवा फर्म मैरियन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड का दवा उत्पादन लाइसेंस निलंबित कर दिया था. दवा रिकार्ड मेंटनेंस के अलावा रॉ मैटेरियल खरीद की जानकारी समय से नहीं उपलब्ध कराने पर कंपनी का दवा उत्पादन लाइसेंस निलंबित किया जा चुका है.

पुलिस ने क्या कहा?

पुलिस आयुक्त कार्यालय ने बताया कि गाजियाबाद के ड्रग इंस्पेक्टर आशीष ने थाना फेस -3 में बीती रात को रिपोर्ट दर्ज कराई. उन्होंने आरोप लगाया है कि सेक्टर 67 स्थित एक दवा बनाने की कंपनी में निर्मित कफ सिरप मानकों के ऊपर खरा नहीं उतरा. कार्यालय ने बताया कि इस मामले में कंपनी की डायरेक्टर जया जैन, सचिन जैन, ऑपरेशन हेड तुहीन भट्टाचार्य, मैन्युफैक्चरिंग केमिस्ट अतुल रावल और मूल सिंह आदि के खिलाफ धारा 274, 275, 276 ,औषधि प्रसाधन सामग्री अधिनियम 17,17ए,17 -बी के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है.

कार्यालय से जुड़े एक अधिकारी के अनुसार, पुलिस ने तुहीन भट्टाचार्य, अतुल रावत और मूल सिंह को गिरफ्तार कर लिया है. उन्होंने बताया कि कंपनी के मालिक मालकिन फरार हैं जिनकी तलाश की जा रही है. उन्होंने दावा किया कि जल्द ही उनकी गिरफ्तारी कर ली जाएगी.

4. CBSE ने जारी किया CTET परीक्षा का परिणाम, ऐसे चेक करें रिजल्ट और जरूरी जानकारी

जो उम्मीदवार CTET परीक्षा में शामिल हुए थे, उनके लिए अच्छी खबर है. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने CTET परीक्षा के नतीजे जारी कर दिए हैं. सीबीएसई ने सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (CTET) के 16वें संस्करण के लिए परीक्षा 28 दिसंबर 2022 से लेकर 7 फरवरी 2023 तक आयोजित की थीं. ये परीक्षा सीबीटी मोड में आयोजित हुई थी. जिसके अब नतीजे जारी कर दिए गए हैं. उम्मीदवार इस परीक्षा का रिजल्ट सीटीईटी की वेबसाइट ctet.nic.in और सीबीएसई की वेबसाइट cbse.nic.in पर देखा सकते हैं.कैंडिडेट सीटीईटी दिसंबर-2022 को अपने ऑनलाइन एप्लीकेशन फॉर्म  में दिए गए मोबाइल नंबर के जरिए भी डाउनलोड कर सकते हैं. उम्मीदवारों की मार्कशीट और क्वालीफाइंग सर्टिफिकेट जल्द डिजिलॉकर में अपलोड कर दिए जाएंगे. पेपर 1 में 17 लाख से ज्यादा उम्मीदवारों ने परीक्षा के लिए रजिस्टर किया था. पेपर 1 की परीक्षा देने वाले कुल 14 लाख से ज्यादा उम्मीदवारों में से 5,79,844 ने यह परीक्षा क्वालीफाई की है. वहीं, पेपर 2 के लिए 15 लाख से ज्यादा उम्मीदवारों ने परीक्षा के लिए रजिस्टर किया था. जिसमें परीक्षा देने वाले 12 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों में से केवल 3,76,025 उम्मीदवारों ने यह परीक्षा पास की है.

इतने प्रतिशत नंबर जरूरी

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की CTET परीक्षा में पास होने के लिए सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को 60 प्रतिशत अंक हासिल करने की जरूरत होती है. जबकि एससी, एसटी, ओबीसी और पीडब्ल्यूडी कैटेगरी के लिए क्वालीफाइंग अंकों में 5 से 10 फीसदी की छूट प्रदान की जाती है.

ऐसे चेक करें रिजल्ट

स्टेप 1: उम्मीदवार रिजल्ट चेक करने के लिए सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट ctet.nic.in पर जाएं.

स्टेप 2: फिर उम्मीदवार होमपेज पर रिजल्ट लिंक पर क्लिक करें.

स्टेप 3: इसके बाद उम्मीदवार अपने लॉग इन डिटेल्स दर्ज करें.

स्टेप 4: फिर उम्मीदवार की स्क्रीन पर उनका रिजल्ट आ जाएगा.

स्टेप 5: अब उम्मीदवार रिजल्ट को डाउनलोड करें.

स्टेप 6: आखिरी में उम्मीदवार रिजल्ट का एक प्रिंट आउट निकाल लें और उसे भविष्य के लिए रख लें.

5. क्या 2024 में एकजुट विपक्ष कर देगा BJP के सपने को चकनाचूर 

लोकसभा चुनाव 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजयी रथ को रोकने के लिए विपक्षी पार्टियां पूरा जोर लगा रही हैं. इसके मद्देनजर कांग्रेस समेत तमाम सियासी दल विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश में जुटे हुए हैं. माना जा रहा है कि अगर विपक्षी एकता अस्तित्व में आ जाती है तो बीजेपी के लिए सिरदर्द साबित होगी. हाल ही में सामने आए एक सर्वे में ये बात तकरीबन सच साबित होती भी लग रही है.टीवी9 भारतवर्ष और पोलस्ट्रैट के एक हालिया सर्वे के आंकड़े इशारा कर रहे हैं कि अगर 2024 से पहले विपक्षी एकजुटता बन जाती है तो बीजेपी के सत्ता में लगातार तीसरी बार आने के सपने को धुआं-धुआं कर सकती है. दरअसल, इस सर्वे में एक वर्ग ऐसा भी है जिसने पीएम नरेंद्र मोदी की टेंशन बढ़ाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है. आइए जानते हैं इस हालिया सर्वे में कौन से लोग बीजेपी के लिए मुसीबत बन सकते हैं...

क्या विपक्ष के एकजुट होने से बीजेपी को होगा नुकसान?

तीसरे मोर्चे से लेकर विपक्षी एकता की तमाम कवायदों के बीच इस हालिया सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. विपक्ष के एकजुट होने से बीजेपी को नुकसान होगा के सवाल पर 48.7 प्रतिशत लोगों का मानना है कि ऐसा हो सकता है. आसान शब्दों में कहें तो करीब 49 प्रतिशत लोग बीजेपी के लिए इसे एक बड़े खतरे के तौर पर देख रहे हैं. वहीं, सर्वे में 29.4 प्रतिशत लोगों का मानना है कि ये बीजेपी के लिए कोई खतरा नहीं होने वाला है.कौन बढ़ा रहा है पीएम मोदी की टेंशन?

इसी सर्वे में 21.9 प्रतिशत लोग ऐसे हैं, जिन्होंने इस सवाल पर कहा है कि वो इस मामले पर कुछ कह नहीं सकते हैं. दरअसल, ये लोग ही बीजेपी के साथ पीएम नरेंद्र मोदी के लिए टेंशन बढ़ा सकते हैं. अगर 2024 के लोकसभा चुनाव में इन लोगों का मूड बदलता है तो ये बीजेपी के लिए खतरे का संकेत हो सकता है. हालांकि, ये लोग पक्ष या विपक्ष दोनों ही जगह जा सकते हैं, तो इस बारे में कोई राय नहीं बनाई जा सकती है.

हिंदुत्व और राम मंदिर के मुद्दे पर बीजेपी पाएगी सत्ता!

हिंदुत्व, राम मंदिर, विश्वगुरु छवि, विकास, कॉमन सिविल कोड जैसे मुद्दों में कौन सा बीजेपी के लिए गेमचेंजर होगा. इस सवाल के जवाब में हिंदुत्व के पक्ष में 23.9 प्रतिशत, राम मंदिर को लेकर 20.9 प्रतिशत, विश्वगुरु छवि में 11.5 प्रतिशत, कॉमन सिविल कोड में 5.8 प्रतिशत, विकास को 17.9 प्रतिशत और अन्य मुद्दों पर 20.0 प्रतिशत लोगों ने भरोसा जताया है.


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