कॉम्पिटिटिव एग्जाम के लिए ऐसे करें लॉजिकल रीजनिंग सेक्शन की तैयारी
लॉजिकल रीजनिंग सेक्शन में तैयारी करने और अच्छा प्रदर्शन करने में आपकी मदद करने के लिए नीचे 5 टिप्स दे रहे हैं।
1: परीक्षा पैटर्न को समझें (Understand the Exam Pattern)
यदि लॉजिकल रीजनिंग के सारे टॉपिक्स की बात करें तो कुल मिलाकर बीस के करीब टॉपिक होते हैं, लेकिन समझने की बात यह है कि सारे टॉपिक किसी एक एग्जाम में पूछे नहीं जाते।
जैसे यदि IIM-CAT की बात करें तो अधिकतर प्रश्न डेटा अरेंजमेंट और लॉजिकल पजल्स पर आधारित होते हैं। वहीं 'पेपर फोल्डिंग' से सम्बंधित प्रश्न केवल एस.एस.सी. की कुछ एक्साम्स में पूछे जाते हैं। UPSC-CSAT में एक मिक्स आने लगा है।
इसलिए लॉजिकल रीजनिंग सेक्शन की तैयारी शुरू करें, परीक्षा पैटर्न और पाठ्यक्रम को समझना महत्वपूर्ण है। इसलिए सबसे पहले, पूछे गए प्रश्नों के प्रकार, सेक्शन के लिए आवंटित समय का पता करें। यह समझ आपको अपनी तैयारी की योजना बनाने और उसके अनुसार समय आवंटित करने में मदद करेगी।
2: बेसिक्स को मजबूत रखते हुए एनेलिटिकल स्किल्स विकसित करें(Develop analytical skills while keeping the basics strong)
लॉजिकल रीजनिंग के टॉपिक्स की बेसिक वोकैब्युलरी और कॉन्सेप्ट्स की समझ सबसे पहले आवश्यक है। मान लीजिये किसी 'गेम्स और टूर्नामेंट' सम्बन्धी प्रश्न में ऐसा लिखा है कि टूर्नामेंट 'राउंड रोबिन पद्धति' से खेला जाएगा, और आप को इस टर्म का मतलब नहीं मालूम है तो फिर आपके लिए प्रश्न में आगे बढ़ना मुश्किल हो जाएगा।
एनेलिटिकल स्किल्स में, पैटर्न की पहचान, डिडक्टिव लॉजिक, संभावित परिणामों की रेंज निकालने और फिर उसमें से एक एक कर विकल्पों को हटाने, एक ही परिस्थिति को विभिन्न एंगल्स से देखने और सोचने और तार्किक निष्कर्ष निकालने की आवश्यकता होती है।
अपने एनेलिटिकल स्किल्स को विकसित करने के लिए, ऐसी गतिविधियों में संलग्न रहें जिनमें क्रिटिकल थिंकिंग और प्रॉब्लम सॉल्विंग शामिल हो। पहेलियां सुलझाएं, रणनीति-आधारित गेम खेलें, चेस खेले, रुबिक क्यूब सॉल्व करें, सुडोकू हल करें इत्यादि।
लॉजिकल रीजनिंग में विजुअलाइजेशन एक महत्वपूर्ण कौशल है। दी गई जानकारी की कल्पना करने के लिए अपने दिमाग को प्रशिक्षित करें, विशेष रूप से बैठने की व्यवस्था, पहेलियाँ और डेटा व्याख्या से संबंधित प्रश्नों में। दी गई जानकारी को दर्शाने के लिए मानसिक चित्र बनाएं या चित्र बनाएं और समस्या का विश्लेषण और समाधान करना आसान बनाएं।
ये गतिविधियां आपकी सोचने की क्षमता को तेज करेंगी और लॉजिकल रीजनिंग सेक्शन में आपके प्रदर्शन को बढ़ाएंगी।
3: नियमित रूप से अभ्यास करें(Practice Regularly)
आपका दिमाग कितना भी अच्छा हो, ट्रेनिंग और प्रैक्टिस का बहुत फर्क पड़ता है। किसी भी एग्जाम के लॉजिकल रीजनिंग सेक्शन की तैयारी के लिए आपको छह से आठ महीने रोज कुछ घंटों के लिए उस एग्जाम में पूछे जाने वाले प्रश्नों के तरह की प्रेक्टिस जरूर करना चाहिए। इससे परफॉर्मेंस में जमीन, आसमान का फर्क आता है।
विभिन्न प्रकार के लॉजिकल रीजनिंग प्रश्नों का अभ्यास करने के लिए प्रतिदिन समर्पित समय आवंटित करें। आसान स्तर के प्रश्नों से शुरुआत करें और धीरे-धीरे अधिक जटिल प्रश्नों की ओर बढ़ें।
विभिन्न प्रकार के प्रश्नों को हल करने से आपको विभिन्न पैटर्न का पता चलेगा और आपको विभिन्न प्रॉब्लम-सॉल्विंग एट्टीट्यूड और टाइम मैनेजमेंट विकसित करने में मदद मिलेगी।
4: मॉक टेस्ट और पिछले वर्ष के पेपर हल कर गलतियों की समीक्षा करें और उनसे सीखें(Review and learn from mistakes by solving mock tests and previous year papers)
मॉक टेस्ट और पिछले वर्ष के पेपर परीक्षा की तैयारी के लिए अमूल्य संसाधन हैं। वे आपको वास्तविक परीक्षा का अनुभव देते हैं, आपके प्रदर्शन का आकलन करने में मदद करते हैं और आपकी ताकत और कमजोरियों की पहचान करते हैं। मॉक टेस्ट में अपने प्रदर्शन का विश्लेषण करें और उन क्षेत्रों में सुधार करने पर ध्यान केंद्रित करें जहां आपको चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। परीक्षा पैटर्न को समझने और पूछे गए प्रश्नों के प्रकार से खुद को परिचित करने के लिए पिछले वर्ष के प्रश्नपत्रों को हल करें।
गलतियां सीखने की प्रक्रिया का एक हिस्सा हैं। मॉक टेस्ट या अभ्यास सेट को हल करने के बाद, अपने उत्तरों की समीक्षा करें और अपनी गलतियों का विश्लेषण करें। उन अवधारणाओं को समझें जिन्हें आप भूल गए हैं या जिन तर्कों को आपने गलत तरीके से लागू किया है। अपनी गलतियों से सीखने से आपको भविष्य में उनसे बचने में मदद मिलेगी और आपके लॉजिकल रीज़निंग कौशल मजबूत होंगे।
5: परीक्षा के दौरान शांत और केंद्रित रहें (Stay calm and focused during the exam)
वास्तविक परीक्षा के दौरान, शांत और संयमित रहना महत्वपूर्ण है। प्रत्येक प्रश्न को ध्यान से पढ़ें, आवश्यकताओं को समझें और मुख्य जानकारी की पहचान करें। एक ही प्रश्न पर बहुत देर तक अटके रहने से बचें। यदि आपको कोई प्रश्न चुनौतीपूर्ण लगता है, तो उसमें समय व्यर्थ न करें आगे बढ़ जाएं।
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