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15 February 2023: दिन की पांच बड़ी ख़बरें 'Top 5 News Of The Day'

1. दिल्ली में शख्स ने लिव-इन-पार्टनर की गला घोंटकर ली जान

देश की राजधानी दिल्ली में श्रद्धा के बाद एक और ऐसा हत्याकांड सामने आया है. जिसके बारे में सुनकर ही कई लोग सहम जाएंगे. बाबा हरिदास नगर इलाक़े के मित्राऊ गांव में साहिल नाम के शख्स ने कार में अपनी लिव-इन-पार्टनर निक्की की हत्या की. फिर उसके शव को 40 किलोमीटर दूर अपने ढाबे में ले जाकर शव को फ़्रिज में छिपा दिया. इतना ही नहीं आरोपी साहिल गहलोत ने अगले ही दिन किसी दूसरी लड़की से शादी भी कर ली. क्राइम ब्रांच ने आरोपी को गिरफ़्तार किया है. हालांकि अब आरोपी को कोर्ट की तरफ से पुलिस रिमांड पर भेजा जा चुका है. अब इस मामले में नई जानकारी सामने आई है. पुलिस सूत्रों ने आज बताया कि दिल्ली में जिस लड़की यानि निक्की का शव मंगलवार को सड़क किनारे एक ढाबे के फ्रिज में मिला था, उसके लिव-इन पार्टनर ने डेटा केबल से गला घोंटकर उसे मारा था. 24 वर्षीय साहिल गहलोत को श्रद्धा हत्याकांड जैसी ही एक घटना में कथित रूप से अपनी प्रेमिका की हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. उसने 23 वर्षीय निक्की यादव की हत्या कर दी और उसके शव को अपने परिवार के ढाबे में फ्रिज में रखने का फैसला किया.

सूत्रों ने कहा कि जिस कार में निक्की यादव की कथित तौर पर हत्या की गई थी, उसे जब्त कर लिया गया है. फिलहाल आरोपी को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. 24 वर्षीय फार्मा ग्रेजुएट साहिल ने हत्या के दिन कथित तौर पर दूसरी महिला से शादी कर ली थी. निक्की यादव के लापता होने पर पुलिस ने साहिल को ढूंढ निकाला. इस मामले में निक्की के पड़ोसी ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. हरियाणा में झज्जर में उसके परिवार को नहीं पता था कि वह कहां है. पुलिस ने कहा कि निक्की और साहिल मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी के दौरान मिले थे.

इसके बाद से वो लिव-इन रिलेशनशिप में थे. उसे नहीं पता था कि साहिल की सगाई किसी दूसरी महिला से हो गई है. निक्की के पिता सुनील यादव ने साहिल के लिए मौत की सजा की मांग की है. यह घटना पिछले साल दिल्ली में हुई श्रद्धा वाकर हत्याकांड से काफी मिलती-जुलती है. श्रद्धा की कथित रूप से हत्या उनके लिव-इन पार्टनर आफताब पूनावाला ने की थी, पुलिस ने कहा था कि उसके शरीर को कई टुकड़ों में काट दिया और उन्हें जंगली इलाके में फेंकने से पहले 300 लीटर फ्रिज में रख दिया.

2. SBI ने दिया झटका और महंगे कर दिए लोन, जानें RBI के रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद किन बैंकों ने बढ़ा दिया ब्याज


रिजर्व बैंक देश में महंगाई पर लगाम (Inflation in India) लगाने के लिए लगातार बड़े प्रयास कर रहा है. केंद्रीय बैंक ने पिछले साल मई से लेकर अब तक अपने रेपो रेट में कुल 2.50 फीसदी का इजाफा किया है. आरबीआई ने 8 फरवरी, 2023 में एक बार फिर अपने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की है. इसके बाद कई बैंकों ने अपनी ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है. अब इस लिस्ट में देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक यानी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank of India MCLR) का नाम भी जुड़ गया है. भारतीय स्टेट बैंक ने अपने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (Marginal Cost of Lending Rate) में 10 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया है. इस बढ़ोतरी के बाद होम लोन, कार लोन, एजुकेशन लोन, आदि की ईएमआई (EMI) में इजाफा होगा. नये रेट्स 15 फरवरी, 2023 यानी आज से लागू हो गए है.

जानिए SBI के नये MCLR-

इस बढ़ोतरी के बाद एसबीआई (SBI) का अलग-अलग अवधि के MCLR में 0.10 फीसदी तक बढ़ गए हैं. ऐसे में एक दिवसीय एमएलसीआर 7.85 फीसदी से बढ़कर 7.95 फीसदी तक पहुंच गया है. वहीं एक महीने का एमएलसीआर 8.00 फीसदी से बढ़कर 8.10 फीसदी तक पहुंच गया है. 3 महीने का एमएलसीआर 8.00 फीसदी से बढ़कर 8.10 फीसदी तक पहुंच गया है. 6 महीने का एमएलसीआर 8.30 फीसदी से बढ़कर 8.30 फीसदी से बढ़कर 8.40 फीसदी हो गया है. वहीं 1 साल का एमएलसीआर 8.40 फीसदी से बढ़कर 8.50 फीसदी, 2 साल का एमएलसीआर 8.50 फीसदी से बढ़कर 8.60 फीसदी और 3 साल का एमएलसीआर 8.60 से बढ़कर 8.70 फीसदी तक पहुंच गया है.

PNB ने बढ़ाया लोन पर ब्याज दर-

स्टेट बैंक के अलावा देश के दूसरे सबसे बड़े पब्लिक सेक्टर के बैंक पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank Loan Rate Hike) ने भी अपनी रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) ने 25 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की है. अब यह 9.00 फीसदी से बढ़कर 9.25 फीसदी तक पहुंच गया है. नई दरें 9 फरवरी, 2023 से लागू हो चुकी है.

बैंक ऑफ बड़ौदा ने बढ़ाया MCLR-

बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda MCLR Hike) ले एमसीएलआर में इजाफा किया था. बैंक की आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक MCLR में  5 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी एमसीएलआर में की गई है और ये 12 फरवरी 2023 से प्रभावी हो चुका है. इस बढ़ोतरी के बाद अब बैंक 7.9 से लेकर 8.55 का एमसीएलआर अलग-अलग टेन्योर के लिए हो चुका है.

बैंक ऑफ महाराष्ट्र का MCLR-

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट्स ने (Bank of Maharashtra MCLR Hike) बढ़ोतरी की थी. नई दरें 13 फरवरी, 2023 से लागू हो चुकी हैं. इस बढ़ोतरी के बाद बैंक अलग-अलग अवधि पर 7.50 फीसदी से लेकर 8.40 फीसदी तक ब्याज दर ऑफर कर रहा है.

3. बच्‍चों और स्टूडेंट्स के लिए बड़े काम का है Digital Writing Pad, ड्राइंग बनाना और लिखना हो जाएगा बेहद आसान

आज के समय में टेक्नोलॉजी लगातार एडवांस होती जा रही है। कई तरह के ऐसे गैजेट्स आ रहे हैं, जो काम को आसान बना रहे हैं। इनमें से ही एक है डिजिटल राइटिंग पैड। इन राइटिंग पैड में एलसीडी स्क्रीन मिल रही है, जिसमें बच्चे या बड़े कुछ भी लिख सकते हैं। इन Latest Digital Writing Pad का इस्तेमाल घर, ऑफिस या स्कूल कहीं पर भी किया जा सकता है। इन राइटिंग पैड में कई सारे लेटेस्ट फीचर्स मिल रहे हैं। इनमें ड्रॉइंग करना काफी इंट्रस्टिंग हो सकता है। इन राइटिंग पैड को आसानी से कैरी किया जा सकता है।

इसे आप अपने बच्चे की बर्थडे पर भी गिफ्ट कर सकते हैं। इस राइटिंग पैड को रफ कॉपी की तरह यूज कर सकते हैं, जिसमें आप मैथ्‍स के सम्‍स भी सॉल्‍व कर सकते हैं। इनमें कई सारे ऑप्‍शन दिए जा रहे हैं, जिसे आप अपनी चॉइस पर ले सकते हैं।

यह मीडियम साइज वाला डिजिटल राइटिंग पैड है। इसमें आप ड्रॉइंग, पेंटिंग, स्केचिंग आदि बहुत सारी चीजें कर सकते हैं। इसमें 20 रिप्लेसमेंट निब दी गई है। इस डिजिटल राइटिंग पैड में यूएसबी केबल दी गई है। यह बेहद लाइटवेट है, जिसे आप आसानी से कैरी कर सकते हैं। इसमें आप अपने मैथ्‍स के सम्‍स को भी सॉल्व कर सकते हैं। 

यह पिंक कलर का शानदार Digital Writing Pad On Amazon है। इसमें इरेज बटन, लॉक की, सेफ बैटरी सॉल्ट जैसे कई सारे फीचर्स दिए गए हैं। इस राइटिंग पैड का इस्तेमाल आप क्लास रूम, ऑफिस या घर कहीं पर भी कर सकते हैं। इसे लंबे समय तक इस्तेमाल में लाया जा सकता है। इस राइटिंग पैड में 12 इंच बड़े साइज में एलसीडी स्क्रीन दी गई है।

15 इंच की एलसीडी डिस्‍प्‍ले वाला डिजिटल राइटिंग पैड है। इसमें हाईलाइट डिस्प्ले दी गई है। यह राइटिंग पैड सेफ और डस्ट फ्री है। इसमें वन क्लिक इरेज बटन दिया गया है। इसके अलावा इसमें स्‍मार्ट लॉक स्क्रीन स्विच भी मिल रहा है। ग्रे कलर का यह राइटिंग पैड आसानी से इस्तेमाल में लाया जा सकता है। कॉम्‍पैक्‍ट डिजाइन वाले इस रा‍इटिंग पैड को आप कहीं भी लेकर जा सकते हैं। 

यह अल्ट्रा थिन साइज वाला डिजिटल राइटिंग पैड है। इसमें आसानी से देखने के लिए ब्लू लाइट दी गई है। साथ ही इसमें आई प्रोटेक्शन भी दिया गया है। इस राइटिंग पैड को आप मल्टी पर्पस इस्तेमाल में ला सकते हैं। इसमें प्रेशर सेंसिटिव एलसीडी स्क्रीन दी गई है। इस राइटिंग पैड को आप बच्‍चे के बर्थ डे पर गिफ्ट भी कर सकते हैं। 

यह ईजी टू यूज ग्राफिक ड्रॉइंग टैबलेट है। इस Digital Writing Pad में वन टच इरेजर दिया गया है। इसमें दिया गया पेन बैटरी फ्री है। इसके पेन के साथ में एक्‍स्‍ट्रा 8 निब दी गई है। इससे आप ऑनलाइन टीचिंग या स्‍टडी भी कर सकते हैं। स्‍लिम और कॉम्‍पैक्‍ट साइज वाले इस पैड में कई सारे फीचर्स मिल रहे हैं। 


4. क्या होते हैं CBRN हथियार, एनएसजी और अमेरिकी स्पेशल फोर्स ले रही हैं ट्रेनिंग?

वर्तमान में पूरी दुनिया के लिए आतंकवाद बहुत बड़ी चुनौती बन गया है. आतंकवादी संगठन हर रोज नए-नए तरीके से इंसानियत को जख्मी कर रहे हैं. तकनीकी हुनर के साथ-साथ अब आतंकवादी साइंस के वो नुस्खे भी सीख चुके हैं, जो बहुत खतरनाक हो सकते हैं. इन्हीं खतरों को ध्यान में रखते हुए अब अमेरिका और भारत ने भी रासायनिक और जैविक हमलों से निपटने के लिए खुद को तैयार करना शुरू कर दिया है.  

आतंकवादियों के रासायनिक हमलों से निपटने के लिए भारत का नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) और अमेरिका का स्पेशल ऑपरेशन्स फोर्स (SOF) ने अपने छठे संयुक्त आतंकरोधी अभ्यास तरकश में पहली बार केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और न्यूक्लियर हमलों (CBRN) से निपटने और उन्हें विफल करने की ट्रेनिंग दी जा रही है. 

कब से कब तक चलेगा अभ्यास

इस अभ्यास की शुरुआत 16 जनवरी 2023 को हुई थी और आज यानी 14 फरवरी को इसका समापन हो रहा है. वर्तमान में सेना इसकी ट्रेनिंग चेन्नई में ले रहे हैं. चार हफ्तों तक चल रहे इस अभ्यास में सेना को रासायनिक हमलों से निपटने के लिए क्या-क्या करना है इसकी खास तौर पर तैयारी की गई है. 

इस ट्रेनिंग के दौरान चेन्नई के अलग-अलग इलाकों में नेशनल सिक्योरिटी गार्ड और अमेरिका का स्पेशल ऑपरेशन्स फोर्स के जवानों ने मॉक ड्रिल भी की है. 

अब समझते हैं कि CBRN हथियार क्या होते हैं. 

CBRN का मतलब केमिकल, बायलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और न्यूक्लियर. वहीं, अब अगर CBRN हथियार की बात करें, तो ये बड़े पैमाने पर तबाही मचाने वाला हथियार है. इसके इस्तेमाल से एक ही बार में बड़े पैमाने पर लोगों को निशाना बनाया जा सकता है. यही वजह है कि इसे 'वेपन ऑफ मास डिस्ट्रक्शन' यानी सामूहिक विनाश के हथियारों के तौर पर देखा जाता है. 

2005 की एक स्टडी के मुताबिक, इन हथियारों की रेंज बहुत ज्यादा होती है. CBRN केमिकल हथियारों में मस्टर्ड गैस और नर्व एजेंट शामिल है. मस्टर्ड गैस त्वचा, फेफड़े और आंखों को नुकसान पहुंचाने का काम करता है. वहीं, नर्व एजेंट इंसान को बेहोश करने वाला होता है. इससे पीड़ित व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत भी होती है. कई बार इंसान की मौत भी हो जाती है.

दोनों देशों की टीम ने की मॉक ड्रिल

इस ट्रेनिंग में पहली बार रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु (CBRN) आतंकवादी प्रतिक्रिया मिशन के लिए एक वेलिडेशन एक्सरसाइज की. इसमें किए मॉक ड्रिल में आतंकी इंटरनेशनल समिट को निशाना बनाते हैं. इस मॉक ड्रिल में आतंकी अपने साथ रासायनिक हथियार लेकर आते हैं. 

वहीं एनएसजी और एसओएफ के जवान न सिर्फ आतंकियों को हरा कर रासायनिक हथियार को नाकाम करते हैं बल्कि वहां उपस्थित लोगों को सुरक्षित बाहर भी निकालते हैं. इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य आतंकवादियों को तेजी से बेअसर करना था, बंधको छुड़ाना और आतंकवादियों द्वारा लाए गए रासायनिक हथियारों को निष्क्रिय करना था. 

‘मॉक ड्रिल’ क्या होता है

मॉक ड्रिल इस बात का पूरा प्रदर्शन है कि आपदा आने पर कैसे प्रतिक्रिया दी जाए. यह संभावित त्रुटियों और जोखिमों की पहचान करता है. विभिन्न आपदा नियंत्रण विभागों के बीच समन्वय में सुधार करता है. यह दिखाता है कि ऊंची मंजिलों, इमारतों में फंसे लोगों को कैसे बचाया और बचाया जाए.

क्या है रासायनिक या जैविक हथियार 

रासायनिक हथियारों में रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है. रासायनिक हमले सबसे पहले इंसान के नर्वस सिस्टम (तंत्रिका तंत्र) और श्वसन तंत्र को नुकसान पहुंचाते हैं. आम तौर पर यह जानलेवा होते हैं. 

रासायनिक हथियारों के कुछ प्रकार

नर्व एजेंट- इसे सबसे खतरनाक रासायनिक हथियार माना जाता है. ये लिक्विड या गैसीय अवस्था में हो सकते हैं और इन्हें सांस या त्वचा के जरिये शरीर में पहुंचाया जाता है. इस हथियार से हमला करने पर इंसान के नर्वस सिस्टम को भारी क्षति पहुंचती है और उसकी जान भी जा सकती है. 

ब्लिस्टर एजेंट- रासायनिक हथियार के इस प्रका को गैस, एयरोसॉल या तरल अवस्था में इस्तेमाल किए जाते हैं. इसके इस्तेमाल से इंसान की त्वचा बुरी तरह जल जाती है और बड़े छाले पड़ जाते हैं. अगर यह सांस के रास्ते शरीर में जाए तो श्वसन तंत्र बुरी तरह प्रभावित होता है. सल्फर मस्टर्ड, नाइट्रोजन मस्टर्ड और फॉसजीन ऑक्सीमाइन इसके कुछ उदाहरण हैं.

चोकिंग एजेंट- यह भी सांस लेने के रास्ते से इंसान की शरीर में प्रवेश करता है और उसे प्रभावित करता है. रासायनिक हथियार का यह प्रकार दमघोंटू होते हैं. फॉसजीन, क्लोरीन और क्लोरोपिक्रिन जैसे केमिकल इस श्रेणी में आते हैं.

ब्लड एजेंट- यह केमिकल शरीर में ऑक्सीजन के प्रभाव को कम करते हैं. जिससे इंसान की मौत हो जाती है.

रॉयट एजेंट- आंसू गैस का गोला रॉयट एजेंट की श्रेणी में आता है. इनके इस्तेमाल से आंखें जलती हैं और लोगों को सांस लेने में तकलीफ होती है. पुलिस या सुरक्षाबल कई देशों में प्रदर्शनकारियों को काबू करने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं. 

अंतरराष्ट्रीय नियमों के हिसाब से हथियारों के इस्तेमाल पर प्रतिबंधित 

अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार केमिकल और बायोलॉजिकल हथियारों का इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध लगाया गया है. साल 1925 में जिनेवा प्रोटोकॉल में ये तय किया गया था कि किसी भी अंतरराष्ट्रीय सैन्य गतिरोध या दो देशों के बीच चल रहे युद्ध में रासायनिक या जैविक हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. हालांकि इस प्रतिबंध के पहले और बाद में भी केमिकल हथियारों का इस्तेमाल होता रहा है.

हाल के युद्धों में रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल

पिछले साल शुरू हुए रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान रूस ने यूक्रेन और उसके सहयोगी देशों पर खार्किव में रासायनिक हमला करने का आरोप लगाया था. इस आरोप के साथ ही रासायनिक हथियारों से हमले की चर्चा शुरू हो गई. 

इसके अलावा सीरिया पर रासायनिक हथियार इस्तेमाल करने का आरोप लग चुका है. इस देश में चल रहे गृह युद्ध में होम्स, अलेप्पो और दमिश्क में यह हथियार इस्तेमाल किए जाने की जानकारी सामने आती रही है. हालांकि ओपीसीडब्ल्यू के इस इल्जाम को सीरिया लगातार खारिज करता रहा है.

साल 2019 में चीन से कोरोना वायरस की शुरुआत होने के मामले सामने आने शुरू हुए तो एक बार फिर इस जैविक हथियारों की चर्चा होने लगी थी. हालांकि कोरोना वायरस के बायोलॉजिकल हथियार होने का कोई भी सबूत आज तक सामने नहीं आया. 

हथियारों के विशेषज्ञों की मानें तो इराकी तानाशाह सद्दाम हुसैन ने 1980 के दशक में ईरान से हुए युद्ध में भी रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया था. इसके अलावा उन्होंने अपनी ही कुर्द आबादी के खिलाफ 1988 में सारीन, टाबुन और सल्फर मस्टर्ड जैसे केमिकल इस्तेमाल किए थे.

5. बीबीसी ने अपने कर्मचारियों को किया मेल, कहा- IT टीम का सहयोग करें, लेकिन पर्सनल इनकम पर...

बीबीसी के दिल्ली और मुंबई स्थित दफ्तर में 14-15 फरवरी की रात तक आयकर विभाग का सर्वे चला. माना जा रहा है कि आज (15 फरवरी) भी यह सर्वे किया जाएगा. इस बीच अब बीबीसी ने अपने कर्मचारियों के लिए एक नया मेल जारी किया है. इस मेल में सभी लोगों से जारी सर्वे में सहयोग करने के लिए कहा गया है. इसमें सभी से आईटी अधिकारियों का सपोर्ट करने और उनके सवालों का व्यापक जवाब देने के लिए कहा गया है. मेल में साफ-साफ शब्दों में कहा गया है कि सभी कर्मचारी पर्सनल इनकम पर पूछे जाने पर सवालों के जवाब देने से परहेज कर सकते हैं. उन्हें वेतन से जुड़े अन्य सवालों का जवाब देना चाहिए. इसके साथ ही केवल ब्रॉडकास्टिंग डिपार्टमेंट को ऑफिस बुलाया गया है. बाकी सभी से वर्क फ्रॉम होम के लिए कहा गया है. 

'सभी कर्मचारी करें सहयोग'

बीबीसी ने इससे पहले एक ट्वीट किया था जिसमें बताया गया कि आयकर विभाग की टीम (Income Tax Team) दिल्ली और मुंबई ऑफिस में मौजूद है. हम उन्हें पूरा सहयोग कर रहे हैं. सर्वे का काम अभी भी जारी है. ऑफिस में काम शुरू हो गया है. दरअसल, यहां आयकर विभाग की 24 लोगों की टीम ने सर्वे किया. मुंबई के सांताक्रूज इलाके में बीबीसी स्टूडियोज पर भी इनकम टैक्स विभाग की टीम पहुंची थी. टैक्स अधिकारियों की कहना था कि कुछ जानकारियां हाथ लगने के बाद सर्वे किया जा रहा है. 

बीबीसी पर क्या है आरोप

बीबीसी पर आरोप है कि कंपनी ने ट्रांसफर प्राइसिंग नियमों के तहत गैर-अनुपालन, हस्तांतरण मूल्य निर्धारण मानदंडों का लगातार और जानबूझकर उल्लंघन किया है. साथ ही जानबूझकर मुनाफे की महत्वपूर्ण राशि को डायवर्ट किया. आयकर अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार कर अधिकारियों की ओर से की गई इस तरह की कार्रवाई को सर्वे कहा जाता है न कि तलाशी या छापेमारी. इस तरह के सर्वेक्षण नियमित रूप से आयोजित किए जाते हैं और इन्हें छापेमारी नहीं माना जाता. 


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