एनवायर्नमेंटल साइंस और सस्टेनेबल डेवलपमेंट में बढ़ रही है डिमांड
नेचुरल (प्राकृतिक) घटनाएं मनुष्यों को सबसे ज्यादा प्रभावित करती हैं। संयुक्त राष्ट्र सहित कई एजेंसियों की रिपोर्ट्स ग्लोबल वार्मिंग, क्लाइमेट चेंज और मनुष्यों की अनसस्टेनेबल हैबिट्स के चलते आने वाली प्राकृतिक आपदाओं जैसे साइक्लोन, हीटवेव्स, सूखे, बाढ़, लैंड स्लाइड, ग्लेशियरों के पिघलने, कोरल ब्लीचिंग, दावाग्नि और बारिश के पैटर्न के बदलने से होने वाले नुकसानों के अनुमानों से भरी पड़ी है।
जरा कल्पना कीजिए भविष्य में इस क्षेत्र से जुड़े करिअर ऑप्शंस कितने इम्पॉर्टेन्ट होंगे। मुझे हॉलीवुड की 'इंटरस्टेलर' फिल्म के सीन याद आते हैं … पूरे ग्रह पर तेज धूल भरी आंधियां चलती हैं और ना डॉक्टर और न इंजीनियर बल्कि एग्रीकल्चर साइंटिस्ट होना उस समय का सबसे बड़ा करिअर विकल्प होता है। इंजीनियर और डॉक्टर तो हिकारत की ही नजर से देखे जा रहे होते हैं।
आज हम एनवायर्नमेंटल साइंस और सस्टेनेबल डेवलपमेंट में करिअर के अवसरों पर बात करेंगे।
ऊपर दिए उदाहरणों से अब आपको इतना तो समझ आ ही गया होगा कि क्लाइमेट चेंज, पॉल्यूशन और संसाधनों की कमी एक बड़ा क्षेत्र है जहां कार्य किए जाने की आवश्यकता है। इस क्षेत्र के प्रोफेशनल्स इन समस्याओं के अभिनव समाधान खोजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
करिअर के अवसर और बढ़ती मांग
1. एनवायर्नमेंटल रेग्युलेशन और पॉलिसी (Environmental regulation and policy)
दुनिया भर में सरकारें कड़े पर्यावरणीय नियम लागू कर रही हैं। इन नियमों को बनाने के लिए सरकारों को एनवायर्नमेंटल कंसल्टेंट्स की आवश्यकता होती है।
2. कॉर्पोरेट करिअर (Corporate careers)
कॉर्पोरेशंस अब सस्टेनेबल डेवलपमेंट के महत्व को पहचानते हैं। अपनी नीतियों में एनवायर्नमेंट के पक्ष को चेक करने के लिए कॉर्पोरेट्स को भी एनवायर्नमेंटल एक्सपर्ट्स की आवश्यता होती है और रहेगी।
3. रिसर्च एंड डेवलपमेंट (Research and development)
उदाहरण के लिए रेचल कार्सन (Rachel Carson – “Silent Spring”) को लीजिए, जिन्हें मॉडर्न एनवायर्नमेंट मूवमेंट का फाउंडर कहा जाता है। अमेरिका के पेंसिल्वेनिया में जन्मीं कार्सन ने जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय और वुड्स होल मरीन बायोलॉजिकल लेबोरेटरी में जीव विज्ञान का अध्ययन किया, यू.एस. फिश एंड वाइल्डलाइफ सर्विस के लिए काम करने के बाद कार्सन ने ‘द सी अराउंड अस’ और अन्य किताबें प्रकाशित कीं। हालांकि उनका सबसे प्रसिद्ध काम 1962 का विवादास्पद ‘साइलेंट स्प्रिंग’ था, जिसमें उन्होंने कीटनाशकों के विनाशकारी पर्यावरणीय प्रभावों का वर्णन किया था।
इसके अलावा अन्य क्षेत्रों में क्लाइमेट मिटिगेशन और एडेप्टेशन, कंज़र्वेशन और बायोडायवर्सिटी, आदि क्षेत्रों में स्पेशलाइजेशन इत्यादि संभव है।
पढाई के लिए उपलब्ध विभिन्न ब्रांचेज(Various branches available for studies)
एनवायर्नमेंटल साइंस और सस्टेनेबल डेवलपमेंट में एक सफल करिअर बनाने के लिए स्टूडेंट्स इसकी विभिन्न ब्रांचेज में पढ़ाई कर सकते हैं जैसे एनवायर्नमेंटल साइंस, सस्टेनेबल डेवलपमेंट, रिन्यूएबल एनर्जी, कंज़र्वेशन बायोलॉजी, एनवायर्नमेंट पॉलिसी मैनेजमेंट इत्यादि।
कहां से कर सकते हैं पढ़ाई (From Where Can Study)
वैसे तो कई सारे संस्थानों में डिप्लोमा, डिग्री से लेकर पोस्ट ग्रेजुएशन और डॉक्टरेट लेवल तक की पढाई के अवसर उपलब्ध है। फिर भी बी. आर. अम्बेडकर यूनिवर्सिटी दिल्ली, एमिटी यूनिवर्सिटी, क्राइस्ट यूनिवर्सिटी, लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी इत्यादि के नाम उल्लेखनीय हैं।
कमाई की संभावना और जॉब आउटलुक(Earning Potential and Job Outlook)
एनवायर्नमेंटल साइंस और सस्टेनेबल डेवलपमेंट में कमाई की क्षमता योग्यता, अनुभव और नौकरी में भूमिका जैसे कारकों के आधार पर भिन्न होती है। क्षेत्र में प्रवेश स्तर की स्थिति आम तौर पर प्रतिस्पर्धी वेतन प्रदान करती है, जो अनुभव के आधार पर बढ़ती है। इस क्षेत्र में पेशेवरों के लिए नौकरी का क्षेत्र आशाजनक है।
जैसे-जैसे सभी क्षेत्रों के संगठन सस्टेनेबिलिटी और पर्यावरणीय जिम्मेदारी को प्राथमिकता देते जा रहे हैं, कुशल प्रोफेशनल्स की मांग बढ़ती रहती है। सरकारी एजेंसियां, अनुसंधान संस्थान, गैर-लाभकारी संगठन (एनजीओ), परामर्श फर्म और कॉर्पोरेट स्थिरता विभाग रोजगार के व्यापक अवसर प्रदान करते हैं।
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