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स्टूडेंट हैं तो पढ़ाई के दौरान सीखें ‘मनी मैनेजमेंट’!



यह एक सामान्य धारणा है कि अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के उपरांत ही आप अच्छी नौकरी कर सकते हैं, लेकिन आधुनिक समय में यह धारणा पूर्णतः सत्य नहीं है. बढ़ते महंगाई के दौर में जहाँ हर चीज महँगी हो रही है वहीं शिक्षा पाना भी काफी महंगा हो गया है.

ऐसे में अगर आप पढ़ाई के बाद ही पैसे की चाल समझने का विचार रख रहे हैं तो यह समझदारी भरा निर्णय नहीं होगा! इसलिए बहुत आवश्यक है कि अपनी पढ़ाई के दौरान आप अपनी 'मनी मैनेजमेंट' पर भी ध्यान दें, जिससे आपको आर्थिक उलझनों से सुलझन की तरफ बढ़ने की राह मिले!

यहाँ ऐसे कुछ टिप्स हम आपको बताएँगे जिनसे पढ़ाई के दौरान आप आर्थिक समझ बढाने की दिशा में बढ़ सकते हैं

आमदनी के साधनों की खोज(Search For Sources Of Income)

इंटरनेट के दौर में अगर आप ध्यान दें तो पार्टटाइम जॉब की भरमार है. यहाँ आप घर बैठे अपनी पसंद और हुनर के हिसाब से पार्टटाइम काम कर सकते हैं. अगर आपको लेखन का शौक है तो ऑनलाइन फ्रीलांस लेखक का जॉब आप कर सकते हैं. इसके अलावा अगर आप वीडियो मेकिंग का काम जानते हैं, तो यहाँ भी अवसरों की भरमार है. इसके अलावा टीचिंग का काम भी आप पार्टटाइम में कर सकते हैं.

खर्चों को कम करें(Reduce Expenses)

इसमें कोई सन्देह नहीं है कि जब कोई युवा घर से बाहर पढ़ाई के लिए जाता है तो उसके तमाम खर्चे होते हैं. ऐसे में रहने के लिए जब आप किसी पीजी या शेयरिंग रूम का चुनाव करें तब बजट का ख्याल जरूर रखें. अक्सर ऐसा होता है कि दिखावे के चक्कर में आप महंगा रूम या पीजी का सेलेक्शन कर लेते हैं और थोड़े ही समय में आर्थिक रूप से समस्या में घिर जाते हैं. इससे बचने के लिए आपको बेहद सावधानी से चलना होगा और बेवजह के दिखावे से बचना होगा.

मस्ती से बचें और संयम बरतें(Avoid Fun and Exercise Moderation)

मस्ती और उल्लास की कोई सीमा नहीं होती है. आप जितना इसमें डूबेंगे यह उतना ही गहरा होते जायेगा. हालाँकि मस्ती करना हमेशा ही गलत नहीं होता है. इसकी भी जीवन में आवश्यक भूमिका है, लेकिन अगर आप अपने माता -पिता के पैसों पर मस्ती कर रहे हैं तो इसमें अति करने से बचना चाहिए.

अपने दोस्तों के बीच यह कतई सन्देश न दें कि आपके पास पैसों की कोई कमी नहीं है. इससे आप अनियंत्रित पैसे खर्च करने से बच पाएंगे. जब आप ग्रुप में कहीं घूमने जाएँ तो खर्चे के हिसाब का पूरा ध्यान रखें.

इन तरीकों को अपना कर आप अपनी पढ़ाई के दौरान अपने खर्चों को तो नियंत्रित रख ही सकते हैं, साथ ही आने वाले दिनों के लिए 'आर्थिक समझ' बेहतर कर सकते हैं. यकीन मानिये, इसका अभ्यास आपको आगे के दिनों में उतना ही काम आएगा, जितना उपयोगी आपका अकादमिक ज्ञान होगा!



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