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हिंदी लिखते समय आमतौर पर होने वाली 9 गलतियां



"यदि भाषा सही नहीं है, तो जो कहा जाता है उसका मतलब नहीं समझा जाता। यदि जो कहा जाता है उसका सही मतलब नहीं समझा जाता, तो जो काम किया जाना चाहिए वह नहीं होता।" ~ कन्फ्यूशियस

प्रसिद्ध चीनी दार्शनिक ने ऊपर कही बात में सही भाषा का प्रयोग न हो पाने के कारण 'कम्युनिकेशन गैप' से होने वाले नुकसान पर ध्यान केंद्रित किया है।

देवनागरी लिपि दुनिया की साइंटिफिक और लॉजिकल लिपियों में से एक है। अर्थात इस लिपि में जैसे शब्दों को बोला जाता है वैसे ही लिखा भी जाता है, लेकिन अशुद्ध वर्तनी इसकी सुन्दरता को खराब करती है। हिंदी भाषी लोग ही अनेकों छोटी-बड़ी गलतियां करते देखे जा सकते हैं।

आज हम हिंदी लिखते समय होने वाली गलतियों और उनसे बचने के टिप्स को जानेंगे। बिना त्रुटि वाली भाषा हमेशा एक अच्छा इम्प्रेशन बनाने में मदद करती है।

हिंदी लिखते समय आमतौर पर होने वाली 9 गलतियां

1) छोटी ‘इ’ और बड़ी 'ई' का गलत प्रयोग: बड़ी 'ई' की मात्रा, बहुवचन में छोटी 'इ' की हो जाती है।

उदाहरण – एकवचन में 'दवाई' किन्तु बहुवचन में 'दवाइयां' आएगा। 'बीमारी' का बहुवचन 'बीमारियां' होगा।

2) छोटे 'उ' और बड़े 'ऊ' का का गलत प्रयोग: इसके उपयोग का कोई नियम नही है, लेकिन इसका गलत उपयोग, अर्थ को बदल देता है।

उदाहरण – कुटा (जो कूटा गया हो), कूटा- (कूटने की क्रिया); वाक्य – आखिर धान “कुटा” गया, ताकत तो बहुत लगी पर मैंने अच्छे से “कूटा”।

अन्य उदाहरण – कुल (सब, वंश), कूल (किनारा). धुल (धुलने की क्रिया), धूल (गर्द). फ़ुल (अंग्रेजी/पूरा, पूर्ण), फूल (पुष्प). घुस (घुसने की क्रिया), घूस (बड़ा चूहा). चुना (चुनाव करना), चूना (पान या दीवार पर लगाने वाला), इत्यादि।

3) लिंग सम्बंधित गलतियां: एक वाक्य में जब भी दोनों लिंगों यानी स्त्रीलिंग और पुल्लिंग आए तो वाक्य की संरचना हमेशा पुल्लिंग के अनुसार होगी। जैसे, सोहन और रीटा खेल रहे थे। यहां वाक्य रचना सोहन के अनुसार है। यह लिखना गलत होगा कि सोहन और रीटा खेल रही थे। (दही पुल्लिंग है पर अक्सर हम दही को खट्टी मानकर काम चला लेते हैं।)

4) तरल पदार्थों का बहुवचन नहीं होता: बहुधा लोग सभी शब्दों के एकवचन से बहुवचन बनाकर वाक्य लिखते हैं। जबकि तरल पदार्थों का बहुवचन नहीं होता है।

उदाहरण – “राहुल ने दो गिलास पानी पिए” - गलत वाक्य है। सही वाक्य होगा – राहुल ने दो गिलास पानी पिया।

5) की और कि का सही प्रयोग: ध्यान रखना चाहिए कि 'की’ हमेशा शब्दों के बीच सम्बन्ध स्थापित करने के लिए प्रयोग किया जाता है, वहीं ‘कि’ किसी बात को स्थापित करने के लिए किया जाता है।

जैसे – मुझे चाय पीने की आदत है। राधा कह रही थी कि सुनीता बाज़ार गई है।

6) ‘हैं’ शब्द का सही प्रयोग: बहुवचन के शब्द में हैं का प्रयोग आता है, और सम्मान देने के अर्थ में एकवचन शब्द के साथ भी ‘हैं’ का प्रयोग होता है।

उदाहरण – राम कार चला सकता है। हम कार चला सकते हैं। गांधीजी कहते रहे हैं कि अहिंसा कायरों का आभूषण नहीं।

7) अल्पविराम और पूर्ण विराम संबंधी गलतियां: उदाहरण के लिए नीचे दिए गए चित्र में लिखे वाक्य पर गौर करें।

इसमें दिख रहा है कि – गलत सहो मत करो शिकायत

कहीं कोई अल्पविराम है ही नहीं तो अर्थ का अनर्थ हो सकता है।

अब दो बातें हो सकती हैं

a) गलत सहो, मत करो शिकायत। और

b) गलत मत सहो, करो शिकायत।

केवल एक अल्पविराम के वाक्य में अलग जगहों पर उपयोग करने से मतलब भी बदल जाता है।

8) शब्दों की गलतियां – उदाहरण के लिए - राजनैतिक (सही) है राजनीतिक (नहीं), आक्रामक (सही) है आक्रमक (नहीं), आशीर्वाद (सही) है आर्शीवाद (नहीं), गीतांजलि (सही) है गीतांजली (नहीं), अनुकूल (सही) है अनुकुल (नहीं), नमस्कार (सही) है नमष्कार (नहीं), उज्ज्वल (सही) है उज्वल (नहीं) तथा प्राप्ति (सही) है प्राप्ती (नहीं) ।

9) नुक्ते की गलतियां – उर्दू से हिन्दी में लिए गए शब्दों में नुक्ता लगाया जाता है। इसके अतिरिक्त अंग्रेजी आदि विदेशी भाषाओं के कुछ शब्दों में भी नुक्ते का उपयोग होता है। नुक्ता भाषा विशेष की सही ध्वनि को प्रकट करता है, लेकिन हिन्दी में लिखते समय प्रायः कई बार लोग नुक्ता लोप कर देते हैं। जहाँ नुक्ता न लगना हो वहाँ लगा देना अजीब लगता है जैसे 'फल' के स्थान पर 'फ़ल' तथा 'फिर' के स्थान पर 'फ़िर' सरासर गलत है।

कुछ नुक़्ता वाले शब्द

कमज़ोर, तूफ़ान, ज़रूर, इस्तीफ़ा, ज़ुल्म, फ़तवा, मज़दूर, ताज़ा, फ़कीर, फ़रमान, इज़्ज़त आदि।

क, ख, ग में नुक़्ता का प्रयोग हिंदी भाषा में अनिवार्य नहीं है परन्तु 'ज़' और 'फ़' में नुक़्ता लगाना आवश्यक है

हिंदी लिखने में होने वाली गलतियों को ठीक करने के लिए 6 टिप्स

1. अखबार और अन्य पुस्तकें ध्यान से पढ़ें।

2. बोल-बोल कर लिखने का प्रयास करें।

3. अपने लिखने के बाद उसको एक बार स्वयं पढ़ें।

4. अपना लिखा किसी और को पढ़ने के लिए दें।

5. अगर किसी शब्द के बारे में कोई उलझन हो तो शब्दकोश की मदद लें या गूगल सर्च करें।

6. छोटे बच्चों को हिंदी व्याकरण पढ़ाएं, इससे आपको भी लाभ मिलेगा।



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