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11 May 2023: दिन की पांच बड़ी ख़बरें 'Top 5 News Of The Day

 1. ICSE & ISC Results 2023 Date: आईसीएसई और आईएससी नतीजे CISCE जल्द करेगा जारी, cisce.org पर कर पाएंगे चेक

काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (Council For The Indian School Certificate Examinations, CISCE) जल्द ही ICSE (10वीं) और ISC (12वीं) के नतीजे घोषित करेगा। हालांकि, CISCE ने ICSE क्लास 10वीं और 12वीं रिजल्ट डेट और टाइम 2023 के बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसे दावे किए जा रहे हैं कि काउंसिल अगले सप्ताह में 10वीं के नतीजे जारी कर सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि आईसीएसई 10वीं का रिजल्ट 10 मई के बाद घोषित किया जाएगा। अब चूंकि 10 तारीख तो बीच चुकी है तो अगर मीडिया रिपोर्ट्स ठीक निकलती हैं तो आईसीएसई रिजल्ट इसी सप्ताह के अंत या फिर अगले सप्ताह जारी हो सकते हैं। 

वहीं, 12वीं के नतीजे भी जल्द जारी किए जाएंगे।CISCE की ओर से कोई ऑफिशियल सूचना नहीं रिलीज हुई है। इसलिए स्टूडेंट्स को सलाह दी जाती है कि केवल काउंसिल की ओर से जारी होने वाली सूचना पर ही भरोसा करें। वहीं, नतीजे जारी होने के बाद आधिकारिक वेबसाइट cisce.org पर चेक किए जा सकेंगे। बता दें कि आईसीएसई बोर्ड परीक्षा 2023 का आयोजन 27 फरवरी से 25 मार्च तक आयोजित की गई थी। वहीं, कक्षा 12वीं यानी कि (आईएससी) परीक्षा 13 फरवरी से 31 मार्च तक आयोजित की गई थी। अब सभी छात्र-छात्राओं को अपने परिणाम का इंतजार है।

सबसे पहले स्टूडेंट्स काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) की आधिकारिक वेबसाइट cisce.org पर लॉग इन करें। इसके बाद उस लिंक को देखें, जिसमें लिखा हो, "आईसीएसई कक्षा 10वीं या 12वीं का परिणाम 2023 डाउनलोड करें।" यह लिंक होमपेज पर उपलब्ध होगा। अब विशिष्ट आईडी (विशिष्ट पहचान संख्या), इंडेक्स नंबर और कैप्चा कोड जैसे लॉगिन विवरण दर्ज करें। अब आपका सीआईएससीई आईसीएसई या 12वीं परिणाम 2023 स्क्रीन पर घोषित किया जाएगा। आप उसका प्रिंटआउट लेकर सेव करके रख सकते हैं।


2. इंटरनेशनल स्पैम कॉल को लेकर केंद्र सरकार सख्त, व्हाट्सएप को नोटिस भेजकर मांगेगी जवाब

वॉह्टसएप (Whatsapp) को केंद्र सरकार नोटिस भेजने की तैयारी में है. हाल के दिनों में कई यूजर्स ने ये शिकायत की है उन्हें उनके मोबाइल फोन पर वाह्टसएप के जरिए इंटरनेशनल नंबरों से स्पैम कॉल आ रहे हैं जिसे लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय  (MeitY) वाह्टसएप को नोटिस भेजने वाली है. 

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ये जानकारी देते हुए बताया कि इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की जिम्मेदारी है कि वे यूजर्स की सुरक्षा और भरोसे को बनाए रखें. ये उनकी जवाबदेही है. उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ भी होता है तो मंत्रालय उसका संज्ञान लेता है और जवाब देना उनका फर्ज है. उन्होंने बताया कि वॉह्टसएप को जल्द ही नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाएगा. दरअसल ट्विटर पर एक यूजर ने ट्वीट कर ये जानकारी दी थी वाह्टसएप बैंकग्राउंड में माइक्रोफोन का इस्तेमाल कर रहा है. इस यूजर के ट्वीट पर 10 मई को राजीव चंद्रशेखर ने ट्वीट किया कि इसे निजता का हनन है जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि हम मामले का अध्ययन करेंगे और प्राइवेसी का उल्लंघन हुआ है तो कार्रवाई करेंगे. उन्होंने बताया कि नया डिजिटल पर्सवल डाटा प्रोजेक्ट्सन बिल तैयार किया जा रहा है. 

कई दूसरे यूजर्स ने भी ऐसी ही शिकायत सोशल मीडिया पर की कि उनके पास वाह्टसएप पर ऐसे स्पैम कॉल आ रहे हैं.  यूजर्स का कहना है कि इस प्रकार के स्पैम कॉल इंडोनेशिया के कोड (+62), वियतनाम के (+84), मलेशिया के (+60), केन्या के (+254) और इथिओपिया से (+251) से आ रहे हैं. 

3. जीएसटी पर सरकार ने जारी किया बड़ा अपडेट, 1 अगस्त से इन लोगों को भरना होगा चालान

सरकार ने जीएसटी के नियमों में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है। एक अगस्त से पांच करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार वाले व्यापरियों को बी2बी लेनदेन के लिए इलेक्ट्रॉनिक या ई-चालान जनरेट करना अनिवार्य होगा। वर्तमान में जीएसटी के तहत 10 करोड़ रुपये और उससे अधिक के टर्नओवर वाले व्यवसायों को सभी B2B लेनदेन के लिए ई-इनवॉइस जनरेट करना आवश्यक है।वित्त मंत्रालय ने 10 मई को ई-चालान के लिए लेनदेन की सीमा में होने वाली कमी को अधिसूचित कर दिया है। ये नियम 1 अगस्त से प्रभावी होगा। वित्त मंत्रालय ने कहा है कि 5 करोड़ रुपये से अधिक के टर्नओवर वाले किसी भी करदाता को बी2बी ट्रांजैक्शन के लिए ई-चालान जारी करना अनिवार्य हो जाएगा।

क्या होगा इस बदलाव का असर

डेलॉइट इंडिया पार्टनर लीडर इनडायरेक्ट टैक्स महेश जयसिंह ने कहा कि इस घोषणा के साथ, ई-चालान के तहत एमएसएमई का दायरा बढ़ाया जाएगा और उन्हें ई-चालान लागू करने की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि कंपनियों के लिए ई-चालान अभिशाप के बजाय वरदान है, क्योंकि आपूर्तिकर्ता जो ई-चालान जनरेट करते हैं, उसी आधार पर वे इनपुट टैक्स क्रेडिट में योगदान करते हैं।

बढ़ेगा सरकार का राजस्व

एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के सीनियर पार्टनर रजत मोहन ने कहा कि ई-चालान के चरणबद्ध कार्यान्वयन के परिणामस्वरूप व्यवधान कम हुए हैं, अनुपालन में सुधार हुआ है और राजस्व में वृद्धि हुई है। ई-चालान शुरू में 500 करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार वाली बड़ी कंपनियों के लिए लागू किया गया था और 3 साल के भीतर इस सीमा को घटाकर अब 5 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

व्यापारियों को क्या होगा लाभ

ई-चालान व्यवस्था में एमएसएमई क्षेत्र को शामिल करने से लागत कम करने, त्रुटियों को तर्कसंगत बनाने, तेजी से चालान प्रोसेसिंग सुनिश्चित करने और लंबी अवधि में वाणिज्यिक विवादों को सीमित करने में मदद मिलेगी। इससे बिजनेस इकोसिस्टम को भी लाभ होगा।

गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) कानून के तहत, 1 अक्टूबर, 2020 से 500 करोड़ रुपये से अधिक के टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए बिजनेस-टू-बिजनेस (बी2बी) लेनदेन के लिए ई-चालान अनिवार्य कर दिया गया था, जिसे बाद में 1 जनवरी, 2021 से 100 करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर तक था।

4. इस्तीफा न देते तो बच सकती थी उद्धव ठाकरे की कुर्सी, सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी

महाराष्ट्र में पिछले साल हुई राजनीतिक उठापटक और सत्ता परिवर्तन से जुड़े मसले पर दोनों प्रतिद्वंद्वी गुटों उद्धव ठाकरे और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की ओर से दायर विभिन्न याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने आज फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि अभी इस मामले में कोई निर्णय लेना जल्दबाजी होगी, इसलिए इसे 7 जजों की बड़ी बेंच को सौंपा जा रहा है। बता दें कि पिछले साल एकनाथ शिंदे और उनके गुट के कुछ विधायकों ने बगावत कर ली थी और उसके बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली तत्कालीन महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन सरकार गिर गई थी।

शिंदे सरकार को राहत 

SC ने अपने फैसले में कहा कि  तत्कालीन सीएम उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट का सामना नहीं किया था इसलिए एमवीए सरकार को बहाल नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने इसी के साथ कहा कि सबसे बड़े दल भाजपा के समर्थन से एकनाथ शिंदे को शपथ दिलाना राज्यपाल द्वारा उचित था।

तो बच जाती उद्धव सरकार...

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि वो उद्धव ठाकरे सरकार को वापिस बहाल नहीं किया जा सकता है। इसी के साथ कोर्ट ने कहा कि अगर उद्धव इस्तीफा नहीं देते तो स्थिति कुछ और होती। 

स्पीकर का फैसला अवैध, राज्यपाल की भूमिका भी घेरे में

सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि गोगावाले (शिंदे समूह) को शिवसेना पार्टी के मुख्य सचेतक के रूप में नियुक्त करने का स्पीकर का फैसला अवैध था। कोर्ट ने कहा कि आंतरिक पार्टी के विवादों को हल करने के लिए फ्लोर टेस्ट का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। न तो संविधान और न ही कानून राज्यपाल को राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश करने और अंतर-पार्टी विवादों में भूमिका निभाने का अधिकार देता है।

सुप्रीम कोर्ट ने फैसला रखा था सुरक्षित

संविधान पीठ ने बीते 16 मार्च को संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई पूरी करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में अंतिम सुनवाई 21 फरवरी को शुरू हुई थी और नौ दिनों तक दोनों पक्षों की दलीलें सुनी गई थीं।

शीर्ष अदालत ने सुनवाई के अंतिम दिन आश्चर्य व्यक्त किया था कि वह उद्धव ठाकरे की सरकार को कैसे बहाल कर सकती है जबकि तत्कालीन मुख्यमंत्री ने सदन में बहुमत परीक्षण का सामना करने से पहले ही इस्तीफा दे दिया था। 

ठाकरे गुट ने किया था ये आग्रह

ठाकरे गुट ने सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया था कि वह 2016 के अपने उसी फैसले की तरह उनकी सरकार बहाल कर दे, जैसे उसने अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री नबाम तुकी की सरकार बहाल की थी।

5. क्या महंगे दूध से छुटकारा मिलेगा,भारतीय डेयरी संघ अध्यक्ष ने दिया जवाब

भारत में पिछले कुछ महीनों में दूध के दाम में जबरदस्त बढ़ोतरी (Milk Price Hike) दर्ज की गई है. महंगे दूध से परेशान जनता को कब तक राहत मिलेगी इस सवाल का जवाब भारतीय डेयरी संघ अध्यक्ष डॉ. रूपिंदर सिंह सोढ़ी (Indian Dairy Association President Rupinder Sodhi) ने दिया है. डॉ. सोढ़ी ने कहा है कि गर्मियों का सीजन खत्म होने के बाद दिवाली तक दूध के दाम में कमी देखी जा सकती है. गौरतलब है कि गर्मी के सीजन में दूध की मांग में कई गुना तक इजाफा हो जाता है. आइसक्रीम, दही, छाछ आदि प्रोडक्ट्स की वजह से दूध की डिमांड बढ़ जाती है और इसके साथ ही दूध की खपत में भी इजाफा होता है. वहीं हीट वेव के कारण इसके उत्पादन में भी कमी आती है.

दूध के दाम में हुआ 13 से 15 फीसदी तक का इजाफा

देश में पिछले 15 महीने में अनाज के दाम में बढ़ोतरी के कारण दूध 13 से 15 फीसदी तक महंगा हो गया है. वहीं पिछले कुछ महीनों में हुई बेमौसम बरसात ने जानवरों के चारे के उत्पादन पर असर डाला है. ऐसे में इनकी कीमत में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई है. इसके साथ ही कोरोना लॉकडाउन के कृत्रिम गर्भाधान (Artificial Insemination) में भी कमी आई है और इस वजह से दूध उत्पादन करने वाले जानवरों की संख्या कम हुई है. 


ऐसे में अक्टूबर 2022 से फरवरी 2023 के महीने में भी देश के हर साल के मुकाबले दूध उत्पादन में बढ़त नहीं हुई. लाइव मिंट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक अमूल के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ.आर एस सोढ़ी ने कहा कि हमारी कोशिश है कि हम देश में दूध की कमी न होने दें. इसके लिए आने वाले दो सालों कई जरूरी कदम उठाए जाएंगे जिससे जनता और किसानों दोनों का ही फायदा हो.


मई में हुई बारिश से होगा फायदा

उन्होंने ने यह भी कहा कि मार्च से लेकर मई के बीच हुई बारिश दूध उत्पादन में मददगार साबित हो सकती है. इस दौरान मिल्क प्रोडक्शन में 5 फीसदी की बढ़ोतरी देखी जा सकती है. आमतौर पर गर्मियों के सीजन में दूध प्रोडक्शन में 15 फीसदी तक की गिरावट आती है. इसके साथ ही उन्होंने भी कहा कि भारत अगले 25 सालों में 628 मिलियन टन तक दूध उत्पादन कर पाएगा. कृषि जीडीपी में अनाज का हिस्सा 37 फीसदी था जो अब घटकर होकर 17 फीसदी हो गया है. वहीं डेयरी एग्रीकल्चर का हिस्सा 10 फीसदी से बढ़कर 24 फीसदी तक पहुंच गया है और आगे भी इसमें बढ़त की संभावना है.



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