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3 April 2023: दिन की पांच बड़ी ख़बरें 'Top 5 News Of The Day

 1.महासागरों में तैर रहा है 170 ट्रिलियन प्लास्टिक का कचरा, इंसानी जीवन के लिए कितना बड़ा है ये खतरा

दुनिया के महासागरों में प्लास्टिक प्रदूषण का स्तर पिछले 15 सालों में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. एक रिसर्च के मुताबिक महासागरों में 170 ट्रिलियन प्लास्टिक के टुकड़े जमा हो गए हैं. जिनका वजन लगभग 2 मिलियन मीट्रिक टन है. रिसर्च में ये कहा गया है कि अगर कोई तत्काल कार्रवाई नहीं की जाएगी तो साल 2040 तक ये कचरे तीन गुना तक बढ़ सकते हैं. 

प्लास्टिक के इन कचरों में माइक्रोप्लास्टिक्स सबसे ज्यादा है. परेशान करने वाली बात ये है कि 2005 में इन कचरों का ज्यादातर हिस्सा हटा दिया गया था. अब रिसर्च में ये साबित हुआ कि साल 2005 के बाद से इन कचरों में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की गई है. 

5 गाइरेंस इंस्टीट्यूट (कैलिफोर्निया) की लिसा एम एर्डल और मार्कस एरिक्सन, मूर इंस्टीट्यूट फॉर प्लास्टिक पॉल्यूशन रिसर्च (कैलिफोर्निया) के विन काउगर, स्टॉकहोम रेजिलिएंस सेंटर (स्वीडन) की पेट्रीसिया विलाररूबिया-गोमेज़ के अलावा छह शोधकर्ताओं ने इस मुसीबत से तुरंत निजात के लिए कदम उठाने को कहा है . 

दस साल से कम समय में बढ़ी ये गंदगी

विलाररुबिया गोमेज ने अपने एक बयान में ये कहा कि महासागरों की स्थिति उम्मीद से कहीं ज्यादा खराब है. 2014 में यह अनुमान लगाया गया था कि समुद्र में 5 ट्रिलियन प्लास्टिक के कचरे थे. अब दस साल से भी कम समय बाद ये गंदगी 170 ट्रिलियन पर पहुंच चुकी है. 

क्या आने वाले समय में महासागरों में जमा इन प्लास्टिकों में बढ़ोत्तरी होगी ?

रिसर्च में बताया गया है कि आने वाले समय में इन प्लास्टिक में इजाफा होगा. शोधकर्ताओं ने 40 साल की अवधि के बीच दुनिया भर के 11,000 से ज्यादा स्टेशनों से प्लास्टिक के नमूने लिए थे. 40 साल के बीच के इस शोध में साल 1979 और 2019 के बीच के नमूने लिए गए थे. 

रिजल्ट में 1990 तक कोई परिणाम नहीं मिला, लेकिन 1990 और 2005 के बीच इसके परिणामों में उतार-चढ़ाव देखा गया. इस दौरान महासागरों में प्लास्टिक प्रदूषण की मात्रा रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई. 

2005 के बाद तेजी से हुई बढ़ोत्तरी

लिसा एर्डले ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा कि शोध पत्र लिखते समय मैंने ये पाया कि 2005 के बाद से महासागरों में जमा प्लास्टिक में तेजी से वृद्धि हुई है. महासागरों के प्रदूषण को काबू करने की कुछ नीतियां भी है लेकिन शोध के नतीजों को देख के ऐसा लग रहा है कि समुद्र में प्लास्टिक के कचरों को नियंत्रित करने में ये कोई खास काम नहीं कर पाईं.  

इस अध्ययन में उत्तरी अटलांटिक, दक्षिण अटलांटिक, उत्तरी प्रशांत, दक्षिण प्रशांत, भारतीय और भूमध्यसागरीय महासागरों में नमूनों की जांच की गई. लिसा एर्डले का ये भी कहना था कि 2005 के बाद से हमने दुनिया में 5,000,000 टन से ज्यादा नए प्लास्टिक का उत्पादन किया है, और ज्यादा प्लास्टिक के इस्तेमाल से ज्यादा प्रदूषण पनपा है.  

अध्ययन में ये बताया गया है कि समुद्र में माइक्रोप्लास्टिक्स सहित प्लास्टिक के कचरों की एकाग्रता 2000 के दशक के मध्य से महासागरों में आसमान छू रही है. शोधकर्ताओं ने आगे इस बात का जिक्र किया कि अगर दुनिया भर के देश इस मुद्दे पर कोई कठोर कार्रवाई नहीं करते हैं तो 2040 तक जलीय वातावरण में बहने वाले प्लास्टिक में 2.6 गुना बढ़ोत्तरी होगी. 

2.  सरकार ने 651 आवश्यक दवाओं के दाम घटाए

दवाओं के बढ़ते दाम की वजह से परेशान जनता के लिए सरकार ने एक राहत की खबर सुनाई है। राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) ने कहा है कि 651 आवश्यक दवाओं की कीमत को 1 अप्रैल से औसतन 6.73 प्रतिशत कम कर दिया गया है।स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले साल सितंबर में आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची (NLEM) में संशोधन किया था।  इसमें कुल 870 दवाओं को शामिल किया गया है, जिसमें से 651 आवश्यक दवाओं की कीमत में कैपिंग सीलिंग प्राइस को तय कर दिया गया है। 

उपभोक्ताओं को होगा फायदा

एनएलईएम के मुताबिक, दवाओं की कीमत कम होने का सबसे बड़ा फायदा उपभोक्ताओं को होगा। अगर पिछले आंकड़ों को देखें तो थोक मूल्य सूचकांक (WPI) पर आधारित दवाओं की कीमतों में 12.12 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि हुई है। 2022 के लिए वार्षिक परिवर्तन 12.12 प्रतिशत था। हालांकि, फिर भी कीमतों को कम करने में सफलता मिली है।

2013 से तय किए जा रहे हैं दाम

यह पहली बार नहीं है जब आवश्यक दवाओं की अधिकतम कीमत तय की जा रही है। कीमतों को  तय करने का आदेश DSPO द्वारा 2013 से दिया जा रहा है। यह एक विशेष चिकित्सीय खंड द्वारा की जाती है, जो 1 प्रतिशत से अधिक की बिक्री वाली सभी दवाओं के सामान्य औसत पर आधारित है। ज्यादातर दवाओं की कीमत घटी 

राष्ट्रीय दवा मूल्य नियामक ने अपने एक ट्वीट में कहा कि सरकार आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची के तहत सूचीबद्ध कुल 870 दवाओं में से अब तक 651 दवाओं की अधिकतम कीमत तय करने में सफल रही है। इससे हर व्यक्ति तक जरूरी दवाओं की पहुंच को बढ़ाया जा सकेगा। 

एनपीपीए ने कहा है कि अधिकतम कीमतों की कैपिंग के साथ 651 आवश्यक दवाओं की कीमत में पहले ही 16.62 प्रतिशत की कमी की गई थी। आवश्यक दवाओं की कीमत 12.12 प्रतिशत बढ़नी थी, लेकिन अब 1 अप्रैल से इसे 6.73 प्रतिशत कम कर दिया गया है।

3. मानहानि केस में राहुल गांधी को जमानत, सजा पर रोक के लिए 13 अप्रैल को सुनवाई


चार साल पुराने मानहानि के एक मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को जमानत मिल गई है। राहुल गांधी ने सूरत मजिस्ट्रेट कोर्ट के फैसले के खिलाफ सेशंस कोर्ट में अपील दायर की थी। राहुल को अदालत से राहत मिली है। अब मामले में अगली सुनवाई 13 अप्रैल को होगी। सूरत की अदालत ने सभी पक्षों से राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि मामले में 10 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने को कहा है।

राहुल गांधी के साथ कई नेता भी पहुंचे

राहुल गांधी सूरत कोर्ट में अपील दायर करने के लिए सोमवार दोपहर दिल्ली से रवाना हो गए थे। राहुल गांधी के साथ उनकी बहन प्रियंका गांधी भी आई थीं। साथ ही छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, पंजाब के सीएम सुखविंदर सुक्खू और राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत भी थे।

4. CBI की स्थापना को हुए 60 साल, कैसे हुई स्थापना?

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी सीबीआई के डायमंड जुबली कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने सीबीआई अधिकारियों से कहा कि कोई भी भ्रष्टाचारी बचना नहीं चाहिए और हमारी कोशिशों में कोई भी ढील नहीं आनी चाहिए। आइए जानते हैं सीबीआई क्या है, इसकी स्थापना कब हुई, इसका उद्देश्य क्या है और इसने अब तक किन-किन मामलों की जांच की...

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी सीबीआई के डायमंड जुबली कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने सीबीआई अधिकारियों से कहा कि कोई भी भ्रष्टाचारी बचना नहीं चाहिए और हमारी कोशिशों में कोई भी ढील नहीं आनी चाहिए। आइए जानते हैं सीबीआई क्या है, इसकी स्थापना कब हुई, इसका उद्देश्य क्या है और इसने अब तक किन-किन मामलों की जांच की...

एक अप्रैल 1963 को हुई सीबीआई की स्थापना

सरकार ने भ्रष्टाचार के उन्मूलन और सत्यनिष्ठा को स्थापित करने के लिए लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के संकल्प से दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टैब्लिशमेंट एक्ट, 1946 पारित हुआ। सन 1962 में लाल बहादुर शास्त्री ने प्रशासन में भ्रष्टाचार की बढ़ती घटनाओं से निपटने और सुझाव देने के लिए संथानम कमेटी नियुक्ति की। कमेटी की संस्तुतियों पर अमल करते हुए भारत सरकार ने एक अप्रैल 1963 को प्रस्ताव द्वारा केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरी यानी सीबीआई की स्थापना की।

केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) भारत की प्राथमिक जांच एजेंसी है, जिसे 1 अप्रैल 1963 को गृह मंत्रालय, भारत सरकार के एक संकल्प द्वारा स्थापित किया गया था।

सीबीआई के पहले डायरेक्टर कौन थे?

सीबीआई के पहले डायरेक्टर डी.पी.कोहली थे। उन्होंने सीबीआई अधिकारियों का मार्गदर्शन करते हुए कहा- जनता आपसे कार्यकुशलता और सत्य निष्ठा दोनों में उच्चतम स्तर की अपेक्षा करती है। इस विश्वास को बनाए रखना है।

सीबीआई ने देश की विभिन्न संस्थाओं और जनता का जीता विश्वास

शुरुआत से ही सीबीआई ने अपने आदर्शवाद के उद्यमिता, निष्पक्षता और सत्यनिष्ठा के पथ पर चलते हुए अत्यंत जटिल और संवेदनशील मामलों की जांच में सत्य को उजागर कर देश की विभिन्न संस्थाओं और जनता का विश्वास अर्जित किया है। सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट, केंद्र व राज्य सरकार, लोकपाल और केंद्रीय सतर्कता आयोग ने निरंतर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व की संगीन आपराधिक मामलों की जांच सौंपकर सीबीआई की जांच प्रणाली में अपना विश्वास व्यक्त किया है।

5. ट्रेन में शख्स ने पेट्रोल डाल तीन लोगों को जिंदा फूंका, पुलिस को टेरर एंगल का शक

केरल के कोझिकोड में एक रोंगटे खड़े करने वाला मामला सामने आया है. कोझिकोड में रविवार (2 अप्रैल) को एक एक्सप्रेस ट्रेन में चढ़ने को लेकर हुए झगड़े में एक शख्स ने यात्री को आग लगा दी. रेलवे से मिली जानकारी के मुताबिक आग में कई लोग झुलस गए और हादसे में 3 लोगों की मौत हो गई. रेलवे अधिकारी ने बताया कि आग की वजह से अलप्पुझा-कन्नूर एग्जिक्यूटिव एक्सप्रेस के यात्रियों ने आपातकालीन चेन खींची थी. जिसके बाद ट्रेन धीमी होने पर आरोपी शख्स फरार हो गया. उन्होंने बताया कि आरोपी की पहचान नहीं हो पाई है.

रेलवे से मिली जानकारी के मुताबिक घटना रविवार रात करीब नौ बजकर 45 मिनट पर हुई जब ट्रेन कोझिकोड शहर को पार करने के बाद कोरापुझा रेलवे पुल पर पहुंची थी. इसी दौरान ट्रेन में बैठने को लेकर दो लोगों में लड़ाई हो गई और शख्स ने दूसरे यात्री को आग लगा दी. पुलिस ने कहा कि हादसे में कम से कम आठ लोग झुलस गए है. उन्होंने बताया कि घटना के तुरंत बाद घायलों को अस्पतालों में भेजा गया.

टेरर एंगल होने का है शक

पुलिस अधिकारी ने बताया कि जब ट्रेन कन्नूर पहुंची, तो कुछ यात्रियों ने घटना के बाद एक महिला और एक बच्चे के लापता होने की शिकायत की. उन्होंने कहा कि लापता व्यक्तियों की खबर सामने आने के बाद पटरियों का निरीक्षण किया गया जहां उन्हें महिला और बच्चे सहित तीन शव बरामद हुए.

उन्होंने बताया कि मरने वालों की पहचान मत्तनूर निवासी रहमत, उसकी बहन और उसकी दो साल की बेटी के रूप में हुई है. पुलिस अधिकारी ने कहा कि उन्हें संदेह है कि आग देखकर वे ट्रेन से गिर गए या उतरने की कोशिश की थी. इसके अलावा पुलिस को मामले में टेरर एंगल होने का शक है, क्योंकि पटरियों से एक बैग बरामद हुआ था जिसमें पेट्रोल की एक और बोतल और दो मोबाइल फोन थे.

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