15 April 2023: दिन की पांच बड़ी ख़बरें 'Top 5 News Of The Day
1. शाहजहांपुर में बड़ा हादसा, पुल से नीचे गिरी ट्रैक्टर ट्रॉली, 12 लोगों की मौत
शाहजहांपुर (Shahjahanpur) में एक दर्दनाक सड़क हादसे की खबर सामने आई है, जहां पर ट्रैक्टर-ट्राली पुल की रेलिंग तोड़कर नीचे गिर गई. हादसे में महिला, बच्चों सहित लगभग 13 लोगों की मौत हो गई है. इसके साथ ही कई लोगों के घायल होने की सूचना भी है. सभी श्रद्धालु गर्रा नदी में जल भरने आये थे. यह हादसा थाना तिलहर क्षेत्र के बिरसिंगपुर गांव के पास का बताया जा रहा है. हादसे के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई, जिसके बाद प्रशासनिक अफसर भी मौके पर पहुंचे. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर राहत बचाव कार्य शुरू कर दिया है. शाहजहांपुर में हुए इस हादसे के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने दुख जाहिर किया है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शाहजहांपुर में गर्रा नदी में हुए हादसे में हुई जनहानि पर गहरा दुख प्रकट किया है. मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शांति की कामना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर जिला प्रशासन के अधिकारियों को उनके समूचित इलाज के निर्देश दिए हैं. इसी के साथ घायलों के जल्द स्वस्थ होने की भी कामना की है. इस दर्दनाक हादसे को लेकर जिलाधिकारी उमेश प्रताव सिंह ने एबीपी गंगा से बातचीत में बताया इस हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई है. वहीं हादसे में घायल हुए 15 से 20 लोगों का इलाज चल रहा है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर जिला प्रशासन के अधिकारियों, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में जुट गई हैं. यह हादसा उस दौरान हुआ जब ट्रैक्टर-ट्राली अजमतपुर गांव में हो रही भगवत कथा के लिए निकली थी, तभी जल लेने के बाद दोनों ट्रॉलियां एक दूसरे के आगे पीछे चल रही थी और दोनों एक दूसरे को ओवरटेक करने लगीं. जिसके बाद दोनों ट्रैक्टर-ट्राली पुल की रेलिंग तोड़कर नीचे गिर गई. बताया जा रहा है कि ट्राली में करीब 42 लोग सवार थे, जिनमें से 13 लोगों की मौत के बाद अन्य लोग घायल बताए जा रहे हैं. हादसे के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई.
2. राज्यों ने स्कूल का करिकुलम बदला तो चलेगा कानून का डंडा
देश के स्कूलों में बच्चे क्या पढ़ेंगे और क्या नहीं पढ़ेंगे इस का निर्णय राज्य सरकारें अपने स्तर पर नहीं कर सकती हैं। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने स्कूलों में बच्चों के सिलेबस में एकरूपता पर जोर दिया है। आयोग ने सभी राज्यों को पत्र भेजकर सरकारी और प्राइवेट दोनों स्कूलों में एनसीईआरटी और एससीईआरटी की तरफ से निर्धारित पाठ्यक्रम और मूल्यांकन प्रक्रिया का पालन करने के लिए निर्देश जारी करने को कहा है। लेटर में शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क का भी हवाला दिया गया है।
आयोग ने कहा है कि बोर्ड की तरफ से अपने स्वयं के पाठ्यक्रम को लागू करने का कोई भी प्रयास जो राज्य शैक्षणिक प्राधिकरण, एनसीईआरटी के अनुपालन में नहीं है, कानून का उल्लंघन है। आयोग ने मांग की है कि स्कूलों को अनुपालन के निर्देश जारी किए जाएं और 30 दिनों के भीतर एनसीपीसीआर को कार्रवाई रिपोर्ट सौंपी जाए। NCPCR के चीफ प्रियांक कानूनगो ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रमुख सचिवों और सचिवों को लेटर लिखा है। इसमें कहा गया है कि सभी स्कूलों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी किए जाएं कि यदि कोई राज्य, बोर्ड या स्कूल निर्धारित सिलेबस के अलावा अपना पाठ्यक्रम (सिलेबस और टेक्स्ट बुक) लागू करता है तो इसे प्रथम दृष्टया आरटीई अधिनियम का उल्लंघन माना जाएगा।
सरकारी किताबों पर ना हो भेदभाव
इसमें कहा गया है कि शैक्षणिक प्राधिकरण (एनसीईआरटी/एससीईआरटी) की तरफ से प्रकाशित और निर्धारित पुस्तकों को ले जाने के लिए स्कूल द्वारा किसी भी बच्चे के साथ भेदभाव, उत्पीड़न या उपेक्षा नहीं की जाएगी। ऐसा होने पर मानसिक और शारीरिक पीड़ा होती है। साथ ही यह भी कहा गया है कि बच्चे के खिलाफ कोई कदम उठाने पर जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के प्रोविजन के तहत ऐक्शन लिया जा सकता है। साथ ही इस बात पर भी जोर दिया गया है कि राज्य की तरफ से जारी ऐसे निर्देश उनके विभाग की वेबसाइट पर प्रदर्शित किए जाएंगे। साथ ही स्कूलों को कहा जाए कि वे इस आशय के दिशा-निर्देश स्कूल की वेबसाइट और नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित करें।
आरटीई अधिनियम का उल्लंघन
आयोग ने अपने पत्र में चिंता व्यक्त की है कि यह देखा गया है कि कुछ बोर्ड अपने स्वयं के पाठ्यक्रम और मूल्यांकन प्रक्रियाओं को निर्धारित करके आरटीई अधिनियम का उल्लंघन कर रहे हैं। एनसीपीसीआर प्रमुख उदाहरण देते हुए कहते हैं कि सीबीएसई द्वारा निर्धारित प्रणाली की समीक्षा करने पर, यह देखा गया कि प्रारंभिक स्तर पर निरंतर और व्यापक मूल्यांकन के विचार का समर्थन करते हुए बोर्ड ने न केवल एनसीईआरटी के डोमेन में कदम रखा, बल्कि आरटीई अधिनियम के तहत अधिसूचित प्राधिकरण भी सीसीई के पूरे उद्देश्य की गलत व्याख्या की।
एनसीईआरटी सिलेबस को फॉलो करें
इसलिए सितंबर 2017 में, आयोग ने सीबीएसई को आदेश दिया कि मूल्यांकन की अपनी नई समान प्रणाली को या तो एनसीईआरटी द्वारा अनुमोदित और मान्य किया जाए या इसे रद्द कर दिया जाए। परिणामस्वरूप सीबीएसई ने 2018 में कक्षा 6 से 8 के लिए प्रणाली को निरस्त कर दिया। इसके साथ, एनसीईआरटी द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम को सीबीएसई से संबद्ध सभी स्कूलों में पालन करने के लिए कहा गया, जिसमें निजी स्कूल और केंद्रीय विद्यालय जैसे केंद्रीय विद्यालय शामिल हैं। आरटीई अधिनियम सभी स्कूलों में पाठ्यक्रम में एकरूपता और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बात करता है।
3. Second Hand Laptop लेने से पहले ये बातें जरूर जान लें, फिर लें डिसीजन
4. कांस्टेबल भर्ती परीक्षा: गृह मंत्रालय का ऐतिहासिक फैसला क्षेत्रीय भाषाओं में भी तैयार होगा पेपर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व में एक ऐतिहासिक फैसले के तहत गृह मंत्रालय ने सीएपीएफ (CAPFs) के लिए हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 13 क्षेत्रीय भाषाओं में कांस्टेबल (GJ) परीक्षा आयोजित करने को मंज़ूरी दे दी है. ये फैसला गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) की पहल पर सीएपीएफ में स्थानीय युवाओं की भागीदारी बढ़ाने और क्षेत्रीय भाषाओं को प्रोत्साहन देने के लिए लिया गया है.
इस फैसले के मुताबिक,प्रश्न पत्र हिंदी और अंग्रेजी के अलावा असमिया, बंगाली, गुजराती, मराठी, मलयालम, कन्नड़, तमिल, तेलुगु, ओडिया, उर्दू, पंजाबी, मणिपुरी और कोंकणी में तैयार किया जाएगा. इसके तहत लाखों उम्मीदवार अपनी मातृभाषा और क्षेत्रीय भाषा में परीक्षा में भाग ले सकेंगे, जिससे उनके चयन की संभावनाएं बढ़ेंगी.
हिन्दी- इंग्लिश के अलावा इन क्षेत्रीय भाषाओं में तैयार होगा पेपर
असमिया
बंगाली
गुजराती
मराठी
मलयालम
कन्नड़
तमिल
तेलुगु
ओडिया
उर्दू
पंजाबी
मणिपुरी
कोंकणी
मातृभाषा में परीक्षा देने के लिए मिलेगा प्रोत्साहन
कांस्टेबल (GD), कर्मचारी चयन आयोग की तरफ से आयोजित प्रमुख परीक्षाओं में से एक है, जिसमें देशभर से लाखों उम्मीदवार भाग लेते हैं. हिन्दी और अंग्रेजी के अतिरिक्त 13 क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा का आयोजन 01 जनवरी, 2024 से होगा. इस फैसले के बाद ये उम्मीद है कि राज्य / केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारें स्थानीय युवाओं को अपनी मातृभाषा में परीक्षा देने के लिए प्रोत्साहित करेंगी.
5. TRAI: फर्जी और काम की कॉल के बीच अब आप आसानी से कर पाएंगे अंतर, कंपनियों को मिलेगी एक यूनिक नंबर सीरीज
टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन को एक प्रोजल भेजा था जिसमें TRAI ने एक यूनिक नंबर सीरीज कंपनियों को अलॉट करने की बात कही थी ताकि लोग प्रमोशनल और काम की कॉल के बीच अंतर कर पाएं. TRAI के इस प्रपोजल को DOT ने हरी झंडी दे दी है. यानि अब जल्द लोग बैंक या किसी प्रोडक्ट बेस्ड कंपनी से आने वाली काम की कॉल को नंबर के आधार पर पहचान पाएंगे.
वर्तमान में यदि ऐसी कोई कॉल आती है तो लोग उसमें अंतर नहीं कर पाते क्योकि काम की कॉल और फर्जी कॉल का नंबर एक जैसा ही होता है. इस समस्या को खत्म करने के लिए TRAI ने ये नया प्रोपोजल तैयार किया था. जल्द TRAI इस विषय में एक विस्तृत गाइडलाइन लेकर आएगा. हर कंपनी को एक यूनिक नंबर सीरीज अलॉट की जाएगी और जब किसी व्यक्ति के पास इस नंबर से कॉल जाएगी तो उसकी स्क्रीन पर वो ये देख पाएगा कि ये कॉल किसी विषय में है. फिलहाल 140 नंबर सीरीज टेलीमार्केटिंग कंपनियों को अलॉट की गई है लेकिन इसमें भी लोग ये अंतर नहीं कर पाते कि कौन-सी कॉल सर्विस से जुडी हुई है और कौन-सी कॉल सेल्स प्रमोशन के लिए है. ऐसे में व्यक्ति फोन को काटना पसंद करता है काम की बात रह जाती है. लेकिन अब नए अपडेट के बाद कंपनियों को एक यूनिक नंबर सीरीज अलॉट की जाएगी और आप आसानी से इनमें अंतर कर पाएंगे.
अनरजिस्टर्ड टेलीमार्केटर्स को फौरन किया जाए ब्लॉक
इसके साथ ही TRAI ने टेलीकॉम ऑपरेटरो को अनरजिस्टर्ड टेलीमार्केटर्स को ब्लॉक करने के लिए अतरिक्त समय दिया है. दरअसल, कई टेलीमार्केटिंग कंपनियां 10 डिजिट वाले मोबाइल नंबर से लोगों को सेल्स और प्रमोशन से जुडी चीजें डिलीवर कर रही थी. TRAI ने टेलीकॉम कंपनियों को ऐसे टेलीमार्केटर्स को फौरन ब्लॉक करने के लिए कहा है साथ ही सभी रजिस्टर्ड टेलीमार्केटर्स को हर 20 से 60 दिनों में री वेरीफिकेशन के लिए कहा गया है.
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