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14 April 2023: दिन की पांच बड़ी ख़बरें 'Top 5 News Of The Day

 1. जानें किस परिस्थिति में किया जाता है किसी का एनकाउंटर

गुरुवार को यूपी एसटीएफ ने झांसी में उमेश पाल हत्याकांड के आरोपित अतीक अहमद के बेटे असद और उसके एक गुर्गे को मार गिराया था. यूपी एसटीएफ द्वारा किए गए एनकाउंटर के बाद यह सवाल उठ रहा है कि एनकाउंटर किस स्थिति में होती है और यूपी पुलिस ने ये जो एनकाउंटर किया गया है वो सही है या गलत. इस देश में बदमाश खुले तरीके से हथियार लेकर घूमते हैं. नाजायज हथियार और हर तरह के हथियार उपलब्ध हैं. ऐसे लोगों से जब आपका सामना होता है, जब उन्हें गिरफ्तार करना होता है तो ऐसी स्थिति में वे पुलिस पर फूल तो नहीं ही बरसाते हैं. एनकाउंटर में दो ही परिस्थितियां होती हैं. पहला यह कि दुश्मन आप पर (पुलिस पर) हावी हो सकता है या फिर दूसरी स्थित में पुलिस को बदमाश पर हावी होना होता है. जहां ज्यादा खतरनाक स्थिति होती है उसमें यही कहा जाता है कि चाहे आप आरोपित अभियुक्त को मार दें या खुद मारे जाएं. आदमी तैयार हो कर जाता है तब ऐसी स्थिति में मुठभेड़ होता है.

हम प्रथम दृष्टया तो यही मानेंगे की जो मुठभेड़ झांसी में हुई है, यूपी के स्पेशल टास्क फोर्स में और इन भागे हुए अपराधियों में वो वास्तविक है. लेकिन जैसा कि सुप्रीम कोर्ट और ह्यूमन राइट्स का गाइडलाइंस है ऐसे मुठभेड़ों में मिनिस्ट्रियल इन्क्वायरी होगी और उससे जो तथ्य समाने आएंगे वो सरकार के सामने होंगे और अगर कुछ पुलिस ने गलत काम किया है तो इसके लिए संबंधित अधिकारियों को दंडित भी किया जाएगा. लेकिन शुरुआत में इस एनकाउंटर पर सवाल उठाना सही नहीं है. मुझे नहीं पता है कि इस देश में लोग क्या सोचते हैं.

एनकाउंटर करना नहीं पड़ता है. यह हो जाता है. एनकाउंटर करने के लिए आपकी तैयारी होनी चाहिए. आपके पास हथियार होना चाहिए और अगर अपराधी हथियार का इस्तेमाल करता है तो आप भी हथियार का जवाब हथियार से दीजिए. एनकाउंटर करने का मतलब यह नहीं है कि हम पहले से ही सोच कर जा रहे हैं कि एनकाउंटर ही करना है. पुलिस ऐसा सोचकर नहीं जाती है. यह परिस्थितियों वश हो जाता है. अगर आप एनकाउंटर करते हैं, इसका मतलब है कि आप कुछ गलत कार्य कर रहे हैं. इससे अपराधियों को ये मैसेज जाता है कि अगर आप हत्या करेंगे, लूट करेंगे पुलिस आपको नहीं बख्शेगी और अगर आप गिरफ्तार नहीं हो सके और पुलिस पर हथियार चलाने की कोशिश करेंगे वैसे में पुलिस भी इसका जवाब हथियार से ही देगी. गोली का जवाब गोली से देगी. फिर आप मरने के लिए तैयार रहिए. जब यह हुआ तो दो पुलिसकर्मी भी मारे गए. उनकी कोई बात नहीं करता है. लगता है कि वो बस मर गए सो मर गए. उनके बारे में कोई सवाल नहीं पूछता है कि वे दो पुलिसकर्मी कौन थे. क्यों मारे गए. लेकिन असद मारा गया तो 100 सवाल किये जा रहे हैं.

योगी जी के मिट्टी में मिला देने का यह मतलब थोड़ी न है कि किसी को भी कुछ कर देंगे. उनका कहने का मतलब था कि ये जो अपराधी हैं अतीक अहमद जैसे उनके आर्थिक नेटवर्क को तोड़ कर उन्हें घुटने पर लाना है. उनका जो एम्पायर है हजारों करोड़ रुपये की उसको तहस-नहस कर दिया जाएगा. उनके खिलाफ लीगल एक्शन करके उन्हें खत्म कर दिया जाएगा और मिट्टी में मिलाने वाली बात का उन्होंने मुहावरे के तौर पर इस्तेमाल किया था. इसका मतलब उन्होंने यह नहीं कहा था कि किसी उल्टे-सीधे तरीके से किसी को मार दिया जाएगा. सख्त से सख्त कार्रवाई की जाने की बात है. अपराधियों को जेल के अंदर किया जाएगा. अगर इसके बावजूद अपराधी अपने आप को बहुत होशियार समझते हैं और सोचते हैं कि गोली चलाएंगे तो वे धोखे में नहीं रहे पुलिस भी गोली चलाना जानती है.

सरकार बार-बार अखबार के माध्यम से कह रही है कि जीरो टॉलरेंस अगेंस्ट क्राइम, मतलब साफ है कि जो लोग इस तरह के अपराध करेंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा. ये बात सरकार डंके के चोट पर कह रही है. सरकार चाहती है कि अपराधी सरेंडर कर दें. राम राज्य तो नहीं हो सकता है लेकिन इस तरह से समाज में अपना पूरा आतंक फैला देना, टांगा चलाते-चलाते हजारों करोड़ का मालिक बन जाना ऐसा कही होता है. ऐसे लोगों के गलत कृत्यों पर अंकुश लगाना है. उन्होंने जो गलत किया है उसे खत्म करना है. हर स्टेट में समस्याएं अलग-अलग हैं. लेकिन यूपी में जो कुछ हो रहा है वो दूसरे राज्यों के लिए भी नजीर बन सकता है. बदमाशों के अंदर पुलिस और कानून का भय होना जरूरी है. ---प्रकाश सिंह , पूर्व DGP उत्तर प्रदेश 

2. हीट वेव से अलर्ट रहें बच्चे और बुजुर्ग, अभी से बरतें ये सावधानियां!

गर्मियां शुरू हो गई है. मौसम में गर्मी अधिक बढ़ने लगी है. ऐसे में गर्मियों से होने वाली बीमारियों का खतरा भी मंडराने लगा है. आमतौर पर हीट वेव चलने पर हीट स्ट्रोक का खतरा अधिक रहता है. कई बार लोग स्ट्रोक की चपेट में आ जाते हैं, जिससे जी मिचलाना, सिरदर्द, उल्टी, डायरिया जैसी शिकायत देखने को मिलती है. बड़े हो या बच्चे कोई भी हीटवेव से परेशान हो सकता है. ऐसे में जानने की जरूरत है कि हीटवेव से किस तरह बचाव जा सकता है. इसके लिए कुछ सावधानी बरतनेे की सलाह दी गई है. 

डाइट में नारियल पानी शामिल करें

आने वाले दिनों में गर्म हवाएं चलना शुरू हो जाएंगी. जरा सी लापरवाही पर तपती गर्मी भारी पड़ सकती है. ऐसे में रेग्यूलर डाइट में नारियल पानी शामिल कर लेना चाहिए. बच्चे आमतौर पर पानी कम पीते हैं. उन्हें नारियल पानी फायदा कर सकता है. नारियल पानी मेें कई जरूरी एंजाइम्स, खनिज और विटामिन होते हैं. उन्हें ये फायदा कर सकता है. 

खीरा ककड़ी जरूर खाएं

गर्मी से बचना है तो बॉडी में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए. इससे बचाव के लिए ऐसे फूड आइटम का प्रयोग करना चाहिए, जिससे बॉडी में पानी की पूर्ति होती रहे. खीरा और ककड़ी बेहतर ऑप्शन हो सकते हैं. खीरा और ककड़ी में विटामिन ए, बी, के और फाइबर अधिक मिलता है. इनके खाने से लू बचने में मदद मिलती है. 

कुछ देर के लिए पानी में डुबा लें पैर 

पैरों के तलुए बहुत अधिक गर्म हो जाते हैं. इससे निकलने वाली गर्मी सीधे सिर पर चढ़ती है. इससे बचाव के लिए ठंडे पानी की बाल्टी या टब मेें पैर डुबाकर रख लें. मुंह पर ठंडे पानी की छींटे मारते रहे. 

सोने की जगह में भी करें बदलाव 

सोने की जगह का चयन सही होना भी जरूरी है. यदि घर में ऊपर बने कमरे में सो रहे हैं और नीचे कमरे खाली पड़े हैं तो कोशिश करें कि ऊपर वाले कमरे न सोएं. नीचे वाले कमरे में सोना शुरू कर दें. 

3. सरकार का दावा- देश में नहीं है दूध और मक्खन की कमी, आयात की जरूरत से इनकार

देश में मक्खन व अन्य डेयरी उत्पादों की कमी के कयासों पर सरकार ने शुक्रवार को विराम लगा दिया. केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने देश में डेयरी उत्पादों की कमी होने की खबरों को निराधार बताया और कहा कि इनका आयात करने की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार लगातार इस मामले में नजरें बनाए हुए है.

रुपाला ने बताई ये बात

रुपाला के पास अभी मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय की जिम्मेदारी है. उन्होंने तमाम कयासों के बीच साफ किया कि भारत को अभी बटर या किसी भी अन्य डेयरी उत्पाद का आयात करने की जरूरत नहीं है. देश में ही मौजूद संभावनाओं का अच्छे से दोहन नहीं किया गया है. ऐसे में घरेलू क्षेत्र से ही डेयरी उत्पादों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित हो जाएगी और इंडस्ट्री की स्थिति को सुधार लिया जाएगा.

कयासों में नहीं है सच्चाई

केंद्रीय मंत्री रुपाला शुक्रवार को एक कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे. उन्होंने इससे इतर संवाददाताओं से बात करते हुए देश में डेयरी उत्पादों की कमी के कयासों को लेकर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, इन कयासों में कोई सच्चाई नहीं है. इनका कोई आयात नहीं होगा. देश में दूध या दूध से बने उत्पादों की कोई कमी नहीं है. सरकार लगातार स्थिति की निगरानी कर रही है.

सरकार करेगी अच्छे से मैनेज

उन्होंने दावा किया कि भले ही दूध व दूध से बने उत्पादों की मांग बढ़ी है, लेकिन देश में ही इसका काफी बड़ा क्षेत्र है, जिसका फायदा नहीं उठाया गया है. हम उनका इस्तेमाल करने का प्रयास करेंगे. हम इसे अच्छे से मैनेज करेंगे. इस बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.

4. कोरोना अलर्ट: नोएडा-गाजियाबाद के स्कूलों के लिए आई गाइडलाइंस, दिल्ली में भी बढ़ने लगी टेंशन

कोरोना के मरीज बढ़ने से लोगों की चिंता भी बढ़ रही है। सबसे ज्यादा टेंशन बच्चों को लेकर हैं, जो रोज स्कूल जा रहे हैं। दिल्ली-NCR में रहने वाले अभिभावक इस बात को लेकर फिक्रमंद हैं। अब काफी संख्या में बच्चे मास्क पहनकर जाते देखे जा रहे हैं। दिल्ली की बात करें तो पिछले 24 घंटे में 1527 नए मामले सामने आए हैं और पॉजिटिविटी रेट 27 प्रतिशत के ऊपर है। संक्रमण से दो लोगों की मौत भी हुई है। चिंता की बात यह है कि 7 महीने बाद दिल्ली में एक दिन में कोरोना के आंकड़े 1000 के ऊपर गए हैं। एक्सपर्ट कह रहे हैं कि राजधानी में अगले कुछ महीनों में कोरोना का पीक आ सकता है। दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा है कि सरकार जल्द ही स्कूलों के लिए गाइडलाइंस जारी करेगी। इधर, नोएडा और गाजियाबाद के स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सुनिश्चित करें कि बच्चे और टीचर मास्क पहनकर ही आएं और सामाजिक दूरी बनाए रखी जाए।

दिल्ली में 18 दिन के बच्चे को कोरोना

LNJP के चिकित्सा निदेशक डॉ. सुरेश कुमार की मानें तो बच्चों को लेकर ज्यादा एहतियात बरतने की जरूरत है क्योंकि उनका टीकाकरण नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि बच्चों में बुखार, खांसी-सर्दी, आंखों में संक्रमण, पेट में दिक्कत जैसे लक्षण पता चल रहे हैं। डॉ. कुमार ने कहा, 'कोरोना का यह सब-वेरिएंट XBB.1.16 बच्चों को ज्यादा प्रभावित कर रहा है।' हालात ऐसे ही समझिए कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल में 18 दिन के शिशु को भर्ती किया गया जो कोरोना से संक्रमित है। एक्सपर्ट ने सलाह दी है कि स्कूलों और सार्वजनिक स्थलों पर मास्क पहनना जरूरी है। बुजुर्गों को भी मास्क लगाकर निकलना चाहिए। राहत की बात यह है कि अभी अस्पताल में भर्ती होने वाले कोविड मरीजों की संख्या कम है।

उधर, दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी का कहना है कि सरकार कोविड हालात की समीक्षा कर रही है, बहुत जल्द स्कूलों के लिए गाइडलाइंस आएगी। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बच्चों में कोरोना के मामले काफी कम हैं। उन्होंने कहा, 'चिंता करने की कोई बात नहीं है, एक्सपर्ट ने विशेष रूप से बच्चों को खतरे पर कोई एडवाइजरी जारी नहीं की है।' अभी केवल 3 प्रतिशत मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती करने की नौबत आ रही है। ये ऐसे लोग हैं जो पहले से किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। हालांकि दिल्ली के स्कूल बच्चों को मास्क पहनने और सामाजिक दूरी बनाने का निर्देश देने लगे हैं। कई स्कूलों में टच-फ्री हैंड सेनिटाइजर की व्यवस्था की गई है। बच्चे लगातार स्कूल आ रहे हैं।

गाजियाबाद में अध्यापकों और विद्यार्थियों को मास्क पहनने का निर्देश जारी किया गया है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, गाजियाबाद की ओर से जारी आदेश के मुताबिक स्कूल प्रशासन ऐसी व्यवस्था करे कि बच्चे एक दूसरे से निश्चित दूरी पर ही बैठें। स्कूलों को गेट पर थर्मल स्कैनर लगाने को कहा गया है। साबुन से हाथ धोने और सैनिटाइजर की भी व्यवस्था की जाए। कक्षाओं, रेलिंग और प्ले एरिया को सैनिटाइज किया जाए।

नोएडा में भी बच्चों पर विशेष फोकस

गौतम बुद्ध नगर जिले के स्वास्थ्य विभाग ने भी कुछ निर्देश दिए हैं। स्कूलों, कॉलेजों, कार्यालयों, शॉपिंग मॉल, अस्पतालों और दूसरे सार्वजनिक स्थलों पर सामाजिक दूरी का पालन करने के साथ ही मास्क लगाने को कहा गया है। गुरुवार को नोएडा में 114 कोविड केस सामने आए, जो इस साल सबसे ज्यादा हैं। लोगों से कहा गया है कि वे मास्क पहनकर ही बाहर निकलें। बच्चों और बुजुर्गों को भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचने की सलाह दी गई है।


5. U-Turn Trailer: खौफनाक ट्रेलर रिलीज, सामंथा और भूमिका चावला की इस फिल्म का है रीमेक!

हम अकसर देखते हैं कि ट्रैफिक से बचने के लिए लोग गलत जगह से यू-टर्न मार लेते हैं। इस चक्कर में न जाने कितने ही लोगों को जान गंवानी पड़ती है। खतरनाक एक्सीडेंट भी हो जाते हैं। इसी यू-टर्न के खौफनाक मंजर पर अलाया एफ की नई फिल्म बेस्ड है। इसका नाम 'यू-टर्न' है और हाल ही इसका ट्रेलर रिलीज किया गया है। फिल्म किस तरह खौफनाक और हैरतअंगेज ट्विस्ट से भरी होगी, इसकी झलक 'यू-टर्न' के ट्रेलर में साफ नजर आ रही है। इस फिल्म में अलाया एफ एक जर्नलिस्ट के रोल में हैं।U-Turn के ट्रेलर में दिखाया गया है कि किस तरह शहर में फ्लाईओवर से रोजाना यू-टर्न लेकर मरने वालों की खबरें आ रही हैं। मरने वालों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। तभी एक कत्ल हो जाता है और जांच के दौरान अलाया एफ का किरदार यानी राधिका बख्शी संदेह के घेरे में आ जाती है। दरअसल राधिका को मरे हुए लोग सपने में दिखाई देते हैं। राधिका को जब भी फ्लाईओवर के यू-टर्न पर किसी के मरने का सपना आता है तो वह तुरंत ही स्पॉट पर पहुंचती है। वह उस यू-टर्न पर होने वाले सभी एक्सीडेंट्स की वजह की जांच करती है।

यू-टर्न की कहानी और ट्विस्ट

राधिका जानना चाहती है कि आखिर उसी एक फ्लाईओवर पर इतने एक्सीडेंट क्यों हो रहे हैं? वह जिन भी लोगों को सपने में देखती है, वो फ्लाईओवर पर यू-टर्न लेते वक्त कैसे मर रहे हैं? इसी जांच के दौरान राधिका जब कुछ मोटरसाइकल सवारों से पर्सनली मिलती है और वजह तलाशती है। तभी पता चलता है कि कोई रुहानी ताकत है, जिसके कारण ऐसा हो रहा है। उधर पुलिस भी फ्लाईओवर पर होने वाली मौतों की जांच करती है तो सभी मौतों में एक कॉमन कनेक्शन मिलता है। और वह है राधिका। इसीलिए पुलिस का शक राधिका पर और गहरा हो जाता है। पर जब आखिर में असल वजह का पता चलता है तो हर किसी के होश उड़ जाते हैं।

28 अप्रैल को ओटीटी पर रिलीज

'यू-टर्न' को आरिफ खान ने डायरेक्ट किया है और यह 28 अप्रैल को ओटीटी प्लेटफॉर्म ZEE5 पर रिलीज होगी। फिल्म को एकता कपूर और उनकी मां शोभा कपूर ने प्रोड्यूस किया है। इसमें राजेश शर्मा, आशिम गुलाटी, श्रीधर दुबे और अपूर्व सुमन जैसे कलाकार भी नजर आएंगे। अलाया एफ की 'यू-टर्न' का ट्रेलर काफी पंसद किया जा रहा है। लेकिन फैन्स का कहना है कि वो इसे देखने के बजाय ओरिजिनल देखना ही पसंद करेंगे। वहीं कुछ यूजर्स को यह बात समझ में नहीं आ रही कि जिस फिल्म का कई बार रीमेक किया जा चुका है, उसे बॉलीवुड फिर से क्यों बना रहा है? एक यूजर ने लिखा है, 'बॉलीवुड में रीमेक का ट्रेंड कभी खत्म नहीं होगा।'


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