11 April 2023: दिन की पांच बड़ी ख़बरें 'Top 5 News Of The Day
1. संघर्ष जारी रहेगा": अनशन खत्म कर बोले सचिन पायलट
राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट का अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ एक दिन का अनशन खत्म हो गया. अनशन के बाद सचिन पायलट ने कहा, "मैंने सिर्फ करप्शन पर कार्रवाई के उद्देश्य के लिए अनशन रखा था. अगर कोई बात संगठन की होती, तो मैं संगठन से बात करता. साल भर से मैं मुख्यमंत्री से मांग कर रहा था. भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी. हमारा संघर्ष जारी रहेगा."
सचिन पायलट ने कहा- 'सुखजिंदर सिंह रंधावा कुछ दिन पहले ही प्रभारी बने हैं. मैंने पूर्व के प्रभारियों से भी बात की थी, लेकिन यह भ्रष्टाचार का मामला अभी तक बना हुआ है. हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलना चाहिए. भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी.'करप्शन के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पॉलिसी
पायलट ने कहा-"भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी रही है. ऐसे में कार्रवाई भी होनी चाहिए. मुझे उम्मीद है कि कार्रवाई जरूर होगी. भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा. हम चाहते हैं कि देश और प्रदेश में स्वच्छ राजनीति हो."
वसुंधरा राजे के शासन में हुए घोटालों की जांच की मांग
पायलट बीजेपी की सीएम वसुंधरा राजे के शासन में हुए घोटालों की जांच की मांग को लेकर सीएम गहलोत सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठे थे. वे सुबह अपने समर्थकों के साथ शहीद स्मारक पहुंचे. हालांकि, इन अनशन से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने दूरी बनाई. गांधी परिवार को कई सदस्य अनशन में नहीं दिखा.
राहुल-सोनिया पोस्टर से गायब
सचिन पायल ने अपने धरनास्थल पर लगे पोस्टरों में न राहुल-सोनिया का फोटो लगाया गया, ना ही कांग्रेस का चिह्न. पोस्टर पर सिर्फ महात्मा गांधी की फोटो लगाई गई. उधर, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने जयपुर दौरा रद्द कर दिया. रंधावा ने पायलट के अनशन को पार्टी विरोधी बताया था.
वसुंधरा राजे सरकार पर 45 हजार करोड़ के भ्रष्टाचार के आरोप
इससे पहले 9 अप्रैल को सचिन पायलट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वसुंधरा राजे सरकार पर करीब 45 हजार करोड़ के भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. अशोक गहलोत ने वादा किया था कि सरकार में आने पर इनकी जांच कर कार्रवाई करेंगे, लेकिन सवा चार साल बीतने के बाद भी सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की. पायलट ने कहा- 'मैंने दो बार मुख्यमंत्री गहलोत को इस संबंध में चिट्ठी लिखी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला, इसलिए कार्रवाई की मांग को लेकर मैं अनशन पर बैठ रहा हूं.'
2. सरकार ने CBSE को दी इनकम टैक्स में छूट, किताबें और परीक्षाएं हो जाएंगी सस्ती
CBSE बोर्ड में अपने बच्चों को पढ़ाने वाले अभिभावकों के लिए एक राहत की खबर आ गई है। वित्त मंत्रालय ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) को परीक्षा शुल्क, पाठ्य पुस्तकों और प्रकाशनों की बिक्री तथा अन्य तरह से होने वाली आय पर इनकम टैक्स की छूट दी है। इससे CBSE की किताबें सस्ती हो जाएंगी। साथ ही परीक्षाओं में लगने वाले फीस में भी कमी देखने को मिलने वाली हैं।एक अधिसूचना में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने कहा कि सरकार ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, दिल्ली, केंद्र सरकार द्वारा गठित बोर्ड को IT अधिनियम की धारा 10 (46) के तहत अधिसूचित किया है और इसे भुगतान करने से छूट दी है।
इन वर्षों के लिए मिल रही टैक्स छूट
इनकम टैक्स में छूट वित्तीय वर्ष 2020-2021 यानी कि 1 जून, 2020 से 31 मार्च, 2021 की अवधि के लिए और वित्तीय वर्ष 2021-22 और 2022-23 के लिए दी गई है। यह छूट चालू वित्त वर्ष और अगले वित्त वर्ष 2024-25 में जारी रहेगी।
इन चीजों में मिलेगी राहत
वित्तीय मंत्रालय द्वारा दिए जाने वाले टैक्स बेनेफिट में परीक्षा शुल्क; संबद्धता शुल्क; पाठ्य पुस्तकों और प्रकाशनों की बिक्री, पंजीकरण शुल्क, खेल शुल्क, प्रशिक्षण शुल्क और अन्य शैक्षणिक रसीदें। साथ ही, सीबीएसई परियोजनाओं/कार्यक्रमों से प्राप्तियां; आयकर रिफंड पर ब्याज; जैसे आय पर इनकम टैक्स नहीं लिया जाएगा। हालांकि, सीबीएसई किसी भी व्यावसायिक गतिविधि में संलग्न नहीं होगा और गतिविधियों और निर्दिष्ट आय की प्रकृति पूरे वित्तीय वर्षों में अपरिवर्तित रहेगी।
एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के ज्वाइंट पार्टनर (कॉर्पोरेट एंड इंटरनेशनल टैक्स) ओम राजपुरोहित ने कहा है कि वर्तमान अधिसूचना 1 जून, 2020 से वित्त वर्ष 2024-25 तक की सीमित अवधि के लिए प्रदान की गई है और आगे के वर्षों के में छूट लेने के लिए CBSE एक आवेदन CBDT को भेज सकता है और करों के लिए वापसी का दावा कर सकता है।
3. क्या ईरान पर हमला करने की तैयारी कर रहा है इजरायल
बीते कुछ दिनों में सीरिया में संदिग्ध इजरायली हवाई हमलों में दो ईरानी सैन्य सलाहकार मारे गए हैं. हमले के बाद क्षेत्रीय तनाव को बढ़ता देख अस्थायी रूप से देश के दो सबसे बड़े हवाई अड्डों की सेवाएं पूरी तरह से ठप कर दी गई है. इजराइल के हमले के बाद इंटरनेशनल मीडिया में ये चर्चा है कि इजराइल ईरान पर आगे और भी हमले करने वाला है. वहीं ईरान भी हमले का बदला लेने की तैयारी कर रहा है.
टाइम्स ऑफ इजराइल की एक रिपोर्ट में पश्चिमी खुफिया अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि ईरान की आईआरजीसी की एयरोस्पेस फोर्स फारस की खाड़ी और अरब सागर से गुजरने वाले जहाजों पर ड्रोन हमले शुरू करने की तैयारी कर रहा है. आईआरजीसी से जुड़े एक ईरानी राजनीतिक रणनीतिकार ने टाइम्स ऑफ इजराइल अखबार को बताया कि इससे पहले भी सीरिया में हुए हमलों का बदला लेने योजना बनाई गई थी.
पुरानी है ईरान और इजराइल की दुश्मनी
ईरान और इजराइल के बीच दुश्मनी कोई नई नहीं है. साल 1979 में ईरान की क्रांति ने कट्टरपंथियों को सत्ता में आने का मौका दिया और तभी से ईरानी नेता इजराइल को मिटाने की बात करते रहे हैं.वहीं, इजराइल भी ईरान को खतरा मानता है. इजराइल ने हमेशा ईरान के परमाणु हथियारों से नाराजगी जताई है.
इसी नाराजगी में इजरायल नेसीरिया में कथित तौर पर कई हवाई हमले शुरू किए जिसमें कई ईरानी सैन्य सलाहकारों की मौत हो चुकी है. सीरिया में हुए इसी हमले के बाद ईरान ने बदला लेने की ठान ली है.
इजरायल -ईरान युद्ध में सीरिया से क्या कनेक्शन है ?
सीरिया में जंग के हालात साल 2011 से ही बने हुए हैं. सीरिया में बशर अल असद की सरकार है. वहां के लोग सरकार से इस्तीफे की मांग करते हैं. विद्रोही लड़ाकों के बीच चल रहे संघर्ष से इजराइल ने दूरी बनाए रखी है. वहीं ईरान सीरिया की बशर अल असद की हुकूमत का समर्थन करता है. वो विद्रोहियों से सरकार की लड़ाई में बशर अल-असद का मदद कर रहा है.
इजराइल ने कई बार ये दोहराया है कि वो सीरिया में ईरान को सैनिक अड्डे नहीं बनाने देगा. जिनका इस्तेमाल उसके खिलाफ किया जा सकता है. इसलिए सीरिया में जैसे-जैसे ईरान की मौजूदगी बढ़ रही है, वैसे-वैसे ईरानी ठिकानों पर इजराइल के हमले भी तेज होते जा रहे हैं.
एक्शन के लिए तैयार इजराइल
इजराइल के आर्मी रेडियो को दिए इंटरव्यू में एयरफोर्स चीफ ने कहा कि हम ईरान के खिलाफ कार्रवाई के लिए बिल्कुल तैयार हैं. हमारे पास ताकत है और हम हजारों किलोमीटर दूर किसी भी ऑपरेशन को कामयाबी के साथ अंजाम दे सकते हैं.
एक और सवाल के जवाब में इजराइली एयरफोर्स चीफ ने कहा कि हमें बहुत अच्छी तरह पता है कि अकेले हमला कैसे किया जाता है और इसमें कामयाबी कैसे हासिल की जाती है. अच्छा होगा कि अमेरिका इस मिशन में हमारा साथ दे. अगर वो इसमें शामिल नहीं होता है तो भी कोई दिक्कत नहीं है. इजराइल खुद के दम पर ऐसे मिशन कामयाबी के साथ पूरा करने की ताकत रखता है.
इजराइल-ईरान की जंग से भारत पर क्या असर पड़ेगा
29 जनवरी 2021 को दिल्ली के हाई सेक्यूरिटी इलाके वाले राजनयिक क्षेत्र में इजरायली दूतावास के बाहर एक छोटा आईईडी उपकरण फट गया. बम के फटने से 2012 के कार बम विस्फोट की यादें ताजा हो गयी. इस हादसे में भारत में इजरायली रक्षादूत की पत्नी ताल येहोशुआ-कोरेन घायल हो गई थीं. 26 मार्च 2012 को अरब सागर में भारत जा रहे एक इजरायली जहाज को निशाना बनाकर मिसाइल दागी गई थी.
इस हमले के बाद भारतीय पुलिस की जांच में ये पाया गया कि ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स ने हमले की योजना बनाई थी. हालांकि अभी तक सार्वजनिक रूप से इसकी पुष्टि नहीं की गई है.
लेकिन ये खतरनाक घटनाक्रम इस बात की तरफ जरूर इशारा करते हैं भारत की धरती पर इजरायलियों को ईरान से बड़े सुरक्षा खतरों का सामना करना पड़ेगा. अगर इजराइल ईरान पर हमला करता है तो ये खतरा और भी बड़ा हो सकता है.
ईरानी खुफिया और हिट स्क्वाड ने दुनिया भर में इजरायल, इजरायली सुरक्षा केन्द्रों और यहूदी समुदायों को निशाना बनाया है, लेकिन भारत ने अपनी धरती पर कभी भी इस तरह के हमले की उम्मीद कभी नहीं की थी.
दूसरी इजरायल इस समय भारत का बड़ा रणनीतिक और सामरिक साझेदार है. इजरायल में बने रक्षा उपकरण भारतीय सेना इस्तेमाल करती है. अंतरराष्ट्रीय स्तर के मुद्दों पर भारत-इजरायल एक दूसरे का समर्थन करते रहे हैं. इजरायल के साथ संबंधों को मोदी सरकार ने नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है.
क्या इजराइल के लिए ईरान को नाराज कर सकता है भारत
भारत ने हमेशा से पश्चिम और इजरायल के साथ अपने बढ़ते रणनीतिक संबंधों और ईरान के साथ अपने ऐतिहासिक-सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को संतुलित करने की कोशिश की है. वहीं भारत ने दुनिया भर में शांति बनाए रखने के मकसद से ईरान के परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ तीन बार मतदान भी किया है. अमेरिका के प्रतिबंधों के बावजूद भारत ईरान से तेल खरीदता रहा है.
भारत को ये पता है कि पश्चिमी देश आतंकवाद पर दोहरे मानदंड अपनाते हैं. इसका उदाहरण पश्चिमी देशों का पाकिस्तान को लेकर सहानुभूति का रवैया और ईरान के प्रति कठोर रवैया भी है.
4. महाराष्ट्र के सीएम को मिली जान से मारने की धमकी
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को जान से मारने की धमकी मिली है. महाराष्ट्र पुलिस के कंट्रोल रूम में फोन करके कॉलर ने कहा कि मैं एकनाथ शिंदे को उड़ा दूँगा और इतना कहकर उसने फ़ोन कट कर दिया.
महाराष्ट्र पुलिस को कंट्रोल नंबर 112 नंबर एक कॉल मिली थी. यह कॉल सोमवार (10 अप्रैल) को देर शाम आई थी. फोन करने वाले ने पुलिस से कहा कि वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को उड़ा देगा.
पुलिस ने कॉलर को किया गिरफ्तार
सीएम को धमकी की कॉल के बाद पुलिस तुरंत एक्टिव हो गई और कॉलर की लोकेशन ट्रेस की. इसके बाद पुणे पुलिस ने कॉलर को गिरफ्तार कर लिया. कॉलर मुंबई के धारावी इलाके का रहने वाला है. पूछताछ में पता चला कि कॉलर ने जब फोन किया था, उस समय वह शराब के नशे में था.
पुणे से पकड़ा गया फोन करने वाला
मुख्यमंत्री को धमकी देने वाले शख्स का नाम राजेश आगावने है. उसे पुणे के वारजे इलाके से हिरासत में लिया गया. राजेश के कॉल करने के बाद से उसकी तलाश महाराष्ट्र एटीएस और मुंबई क्राइम ब्रांच भी कर रही थी.
मुंबई क्राइम ब्रांच की एक टिम रात में धारावी स्थित उसके घर पर भी गई थी लेकिन वहां नहीं मिला. पुलिस को उसकी लोकेशन पुणे में मिली, जिसके बाद पुणे पुलिस और नागपुर एटीएस की टीम ने उसे वहां से हिरासत में लेकर आगे की कार्रवाई शुरू की.
5. Fecebook और Instagram पर अब सर्कुलट नहीं होगी 18 साल से छोटे बच्चों की अर्धनग्न तस्वीरें, लॉन्च हुआ 'Take It Down' टूल
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