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15 March 2023: दिन की पांच बड़ी ख़बरें 'Top 5 News Of The

 1. सिलिकॉन वैली: हर युवा यहीं जाना चाहता है, जानिए क्यों?

अमेरिका का सिलिकॉन वैली, यहां बात लाखों या करोड़ों की सलाना पैकेज वाली सैलरी की नहीं होती है, अगर आपके पास आइडिया है, टैलेंट है या फिर तकनीकी की दुनिया में कुछ कर गुजरने की चाहत है तो कंपनियां आपको सोने से भी तौलने को तैयार हैं. दुनिया का हर बड़ा टेक्नोक्रेट है और जिनका सपना है वो पहले इसी शहर में आना चाहते हैं. 

कांच से बनीं बड़ी-बड़ी बिल्डिंगे, दुनिया की अर्थव्यवस्था को अपनी उंगलियों पर नचाने वाली बड़ी बिजनेस डीलें और ऐसी नवाचार जो सिलिकॉन में बैठ-बैठे आपके किचन और बेडरूम की जरूरतें उपलब्ध करा रहे हैं. यहां एक बिल्डिंग में लगीं आर्टिफिशियल मशीनें हजारों किलोमीटर दूर भारत के किसी गांव में बैठे युवा की मनोदशा को समझ रही हैं. 

अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि जैसे ही आप अपने घर में एसी, टीवी या मोबाइल की चर्चा करते हैं तो ये प्रोडक्ट आपके मोबाइल पर दिखने लगतें हैं. ई-कॉर्मस साइट फ्लिपकॉर्ट, एमेजन अपने प्रचार  से आपको प्रोडक्ट खरीदने के लिए मजबूर कर देते हैं. ऐसी ही तमाम कंपनियां हर सेक्टर के बिजनेस को इस सिलिकॉन वैली से चला रही हैं. इनमें से कई बड़े नाम हैं जैसे गूगल, फेसबुक, जूम, नेटफ्लिक्स, एडोब, एपल..यानी ऐसी तमाम कंपनियां जो आपकी जिंदगी का हिस्सा हैं. 

अब आपके मन में आ रहा होगा कि आखिर ये सिलिकॉन वैली है क्या और इसके पीछे का क्या इतिहास है. इस सवाल का जवाब अगर सीधे शब्दों में समझें तो यही कहा जा सकता है कि सिलिकॉन वैली आधुनिक विज्ञान का तीर्थस्थल है जहां हर धर्म का युवा जाने के ख्वाब देख रहा है. ये शहर अब पूरी दुनिया का टकसाल है. जहां टैलेंट है तो यहां आपकी हर सेकेंड को डॉलरों से तौल दिया जाएगा.

लेकिन इसी शहर के नाम से जुड़ा सिलिकॉन वैली बैंक इस समय चर्चा में है. इसकी बड़ी वजह है इस बैंक का दिवालिया हो जाना.  सिलिकॉन वैली बैंक के फेल होने की खबर ने जमाकर्ताओं, स्टार्टअप्स और अमेरिकी बैंकिंग प्रणाली में दहशत और डर का माहौल पैदा कर दिया है. इसी के साथ सिलिकॉन वैली में जो बड़ी टेक कंपनियां हैं उनको भी चिंता हो रही है. यहीं से सभी मॉडर्न माइक्रोप्रोसेसर सिलिकॉन कंपनियों ने अपनी पहचान बनाई. बड़ी-बड़ी टेक कंपनियों के हेड ऑफिस यहीं पर है. इसमें फेसबुक. अमेजन, गूगल जैसी कंपनियां भी शामिल हैं. यूं समझ लें कि सैंकड़ों टेक कंपनियां सिलिकॉन वैली को अपना घर कहती हैं.  

सिलिकॉन वैली को आप एक शहर मान सकते हैं जहां पर बड़ी टेक दिग्गज कंपनियों के हेड ऑफिस हैं. यहीं पर गूगल, मेटा जैसी कंपनियों का भी मुख्यालय है. हाल में डूबी एसवीबी बैंक भी यहीं पर है. 31 दिसंबर 2022 तक इस बैंक के खाते में कुल 1743.4 अरब डॉलर जमा थे, और इस बैंक की संपत्ति 209 अरब डॉलर थी. 

क्या है सिलिकॉन वैली के बनने की कहानी 

सिलिकॉन वैली शब्द का पहली बार इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक न्यूज ने 10 जनवरी, 1971 के अपने एक कवर पर किया. तब जर्नलिस्ट डॉन होफ्लर एक कवर स्टोरी कर रहे थे. धीरे-धीरे ये शब्द इस्तेमाल में आने लगा. 

आज सिलिकॉन वैली 1, 854 वर्ग मील के क्षेत्र में फैली है. यहां पर 3 मिलियन से ज्यादा लोगों का घर भी है.  यह कैलिफोर्निया के खाड़ी क्षेत्र में स्थित है. सिलिकॉन वैली में ही सांता क्लारा और सैन मेटियो काउंटी के सभी क्षेत्र हैं. इसके अलावा अलामेडा काउंटी का पश्चिमी किनारा और सांता क्रूज़ काउंटी का स्कॉट्स वैली इसी में आती है. सिलिकॉन वैली का सबसे बड़ा शहर सैन जोस है. यहीं पर स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी भी है.

 तो इसलिए दुनिया भर टेक्नोक्रेट यहां जाने का सपना देखते है

बड़ी हाई प्रोफाइल टेक कपंनियां सिलिकॉन वैली में ही बनीं और विकसित हुई हैं. यही वजह है कि यहां पर सारे टेक स्टार और निवेशक अपना पैसा लगाते हैं. दिसंबर 2020 की शुरुआत तक इस क्षेत्र में 117  टेक और उद्यम  कपंनियों के ऑफिस खुल चुके थे. इनका कारोबार 253 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. इन कंपनियों में ऐप्पल, अल्फाबेट की Google, मेटा (पहले  फेसबुक), और नेटफ्लिक्स, सिस्को सिस्टम्स, इंटेल, ओरेकल और एनवीडिया जैसी हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर कंपनियां वीज़ा और शेवरॉन सहित कई बड़ी कंपनियां शामिल हैं.  2020 तक, सिलिकॉन वैली की कंपनियों ने औसतन बिलियन 138,100 डॉलर की कमाई की है.

सिलिकॉन वैली दुनिया के सबसे अमीर क्षेत्रों में से एक है. फोर्ब्स मैगजीन की एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में कंप्यूटर टेक्नॉलजी से जुड़े 365 अरबपति थे, जिनकी कुल संपत्ति 2.5 ट्रिलियन थी. साल 2020 में,  81 अरबपति कथित तौर पर सिलिकॉन वैली में रह रहे थे.

हालांकि कई बड़े  बिजनेस मैन ने हाल ही में इसे छोड़ने का फैसला लिया और अपनी कंपनियों को संयुक्त राज्य अमेरिका के दूसरे हिस्सों या विदेशों में ले गए हैं. टेस्ला (टीएसएलए) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एलोन मस्क ने घोषणा की कि वह दिसंबर 2020 में टेक्सास जा रहे हैं. इसके बाद हेवलेट पैकर्ड एंटरप्राइज (एचपीई) और ओरेकल ने भी ऐसा ही किया.

क्या है सिलिकॉन और वैली का इतिहास 

1939 में  विलियम हेवलेट और डेविड पैकर्ड ने एक ऑडियो ऑसिलेटर की मदद से हेवलेट-पैकर्ड कंपनी की नींव रखी थी. इसके बाद 1940 के दशक में विलियम शॉकले, जॉन बर्डीन और वाल्टर एच ब्रैटन ने लैब में काम करने वाले एक ट्रांजिस्टर को बनाया. इस ट्रांजिस्टर में सिलिकॉन धातु का इस्तेमाल किया गया था. ये दोनों खोज सैन फ्रांसिस्को क्षेत्र में ही हुई. जो आज सिलिकॉन वैली के नाम से मशहूर है. लेकिन सैन फ्रांसिस्को क्षेत्र का सिलिकॉन वैली बनने का किस्सा कई खोजों के बाद गढ़ा गया था.

1951 में फ्रेड टर्मन ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी और पालो अल्टो शहर के बीच स्टैनफोर्ड रिसर्च पार्क की स्थापना की. ये दोनों भी सैन फ्रांसिस्को क्षेत्र में ही बनाए गए थे. 

साल 1955 में  विलियम शॉकले ने माउंटेन व्यू में अपनी खुद की फर्म, शॉकले सेमिकंडक्टर लेबोरेटरी खोली. साल 1957 में  शॉकले के कई कर्मचारियों ने इस्तीफा दे दिया और एक प्रतिस्पर्धी फर्म, फेयरचाइल्ड सेमीकंडक्टर शुरू की. फेयरचाइल्ड के कर्मचारियों ने  बाद में इंटेल और एएमडी सहित कई दूसरी कंपनियां सैन फ्रांसिस्को क्षेत्र में ही खोली.

1958 से 1960 के बीच सिलिकॉन धातु का इस्तेमाल सिर्फ ट्रांजिस्टर बनाने में ही किया जाता था. बाद के सालों में इस धातु का इस्तेमाल बढ़ता गया और सिलिकॉन धातु बड़े इस्तेमाल की चीज बन गई. आज सिलिकॉन का इस्तेमाल सभी माइक्रोप्रोसेसरों में किया जाता है. जिसकी खोज तब के सैन फ्रांसिस्को क्षेत्र और अब के सिलिकॉन वैली में ही हुई थी. 

 अब बात कैलिफोर्निया के सैन फ्रांसिस्को क्षेत्र की जो आज सिलिकॉन वैली के नाम से जाना जाता है. 

कैलिफोर्निया के सैन फ्रांसिस्को खाड़ी क्षेत्र के दक्षिणी हिस्से में 1961 में पूर्व फेयरचाइल्ड बैकर आर्थर रॉक ने डेविस एंड रॉक की स्थापना की, जिसे दुनिया की पहली टेक फर्म माना जाता है. इसी से एक नए तरह की निवेश टेक की खोज हुई. 

1969  में अर्पानेट कंप्यूटर नेटवर्क ने अलग-अलग चार नोड्स स्थापित किये, जिसमें स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय शामिल था. Arpanet इंटरनेट की नींव भी यहीं से पड़ी. ये कंपनियां खूब मशहूर हुई. 

1971 में पत्रकार डॉन होफ्लर ने इलेक्ट्रॉनिक न्यूज में इस क्षेत्र को तकनीकी विकास के लिए नील का पत्थर कहा. और इसी दौरान उन्होंने इस क्षेत्र को "सिलिकॉन वैली, यू.एस.ए."  करार दिया. 

1970 के दशक में यहीं पर अटारी, एप्पल, माइक्रोसॉफ्ट और ओरेकल की स्थापना हुई.

1980 के दशक यहां सिस्को, सन माइक्रोसिस्टम्स और एडोब की स्थापना की गई.

 1990 के दशक में  नेटस्केप, गूगल, याहू, अमेज़ॅन, PayPal और नेटफ्लिक्स की स्थापना सिलिकॉन में की गई. 

2000 से 2010 के दशक में  मेटा, ट्विटर और Uber की स्थापना भी यहीं पर की गई.

सिलिकॉन वैली में बड़ी टेक कंपनियों पर एक नजर


Apple (AAPL): स्टीव जॉब्स ने इसे साल 1976 में बनाया. 

अल्फाबेट (गूग):  इस कंपनी का मुख्यालय सांता क्लारा काउंटी के माउंटेन व्यू में है. इसे गूगलप्लेक्स भी कहा जाता है.

शेवरॉन (सीवीएक्स): ये कॉन्ट्रा कोस्टा काउंटी में है. शेवरॉन ने 2021 में 155.61 बिलियन की कमाई की थी.  इसका मार्केट कैप 332.84 बिलियन है

मेटा (मेटा): दुनिया के सबसे बड़े सोशल मीडिया नेटवर्क में से एक है.  मेटा का मुख्यालय सैन मेटियो काउंटी के मेनलो पार्क में है.  कंपनी का मार्केट कैप 510.66 अरब डॉलर और पी/ई रेशियो 13.62 अरब डॉलर है.

वीजा (V): वीज़ा भुगतान सेवाएं देता है. इसका मुख्यालय सैन फ्रांसिस्को में है.  कंपनी ने 2021 में  24.11 बिलियन कमाए. इसका मार्केट कैप 425.98 बिलियन डॉलर है और इसका पी/ई रेशियो 32.59 है.

वेल्स फार्गो (डब्ल्यूएफसी): इस वित्तीय सेवा कंपनी की स्थापना 1852 में हुई थी. यह सैन फ्रांसिस्को में स्थित है.  कंपनी ने 2021 में  78.5 बिलियन कमाए. इसका मार्केट कैप 184.89 अरब डॉलर और पी/ई रेशियो 9.79 अरब डॉलर है.

2.CUET UG Exam 2023:​ ​अब दो नहीं तीन पालियों में आयोजित ​होगा एग्जाम

CUET UG Exam: कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट अंडर ग्रेजुएट (CUET UG) अब दो नहीं तीन पालियों में आयोजित होगा. यूजीसी ने पिछले वर्ष मार्च में घोषणा की थी कि सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्नातक प्रवेश एक सामान्य प्रवेश परीक्षा के माध्यम से आयोजित किया जाएगा. 

यूजीसी चेयरमैन एम. जगदीश कुमार ने पीटीआई को दिए गए एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट अंडर ग्रेजुएट अब तीन पालियों में आयोजित किया जाएगा. इसके अलावा जेईई और एनईईटी जैसी महत्वपूर्ण प्रवेश परीक्षाओं के साथ इसके विलय की योजना कम से कम दो साल पहले घोषित की जाएगी. यूजीसी अध्यक्ष ने बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी यह सुनिश्चित करने के लिए तैयार हैं कि सीयूईटी-यूजी का दूसरा संस्करण गड़बड़ मुक्त हो. 

केवल एग्जाम को लेकर चिंता करें छात्र 

उन्होंने कहा कि पिछली बार परीक्षा के दौरान कई गड़बड़ियां हुई थीं, लेकिन इस वर्ष सभी मुद्दों को सुलझा लिया गया है. छात्रों के अनुभव को ध्यान में रखते हुए योजना बनाई गई है. इसके अलावा हम यह सुनिश्चित करने के लिए तैयार हैं कि  परीक्षा के दौरान कोई गड़बड़ नहीं होगी. छात्र केवल अपनी परीक्षा को लेकर चिंता करें. 

13 भाषाओं में होगी परीक्षा 

​इस बार अंडर ग्रेजुएट यूनिवर्सिटी टेस्ट का आयोजन 21 से 31 मई 2023 के मध्य होगा. CUET UG 13 भाषाओं- असमिया, बंगाली, अंग्रेजी, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, मलयालम, मराठी, उड़िया, पंजाबी, तमिल, तेलुगु और उर्दू में आयोजित किया जाएगा. NTA ने देश में करीब 1,000 परीक्षा केंद्रों की पहचान की है, जिनमें से प्रत्येक दिन 450-500 परीक्षा केंद्रों का उपयोग परीक्षा के लिए किया जाएगा.

ऐसे करें अप्लाई

सीयूईटी यूजी की आधिकारिक वेबसाइट cuet.samarth.ac.in पर जाएं.

होम पेज पर उपलब्ध रजिस्ट्रेशन लिंक पर क्लिक करें.

लॉगिन विवरण दर्ज करें और सबमिट पर क्लिक करें.

आवेदन पत्र भरें और सबमिट करें.

आवेदन पत्र भरने के बाद इसे डाउनलोड कर लें.

अंत में एप्लीकेशन फॉर्म का प्रिंट आउट निकाल लें.

3.IPL 2023: ऋषभ पंत से लेकर जसप्रीत बुमराह तक, आगामी सीजन में ये बड़े खिलाड़ी नहीं दिखेंगे मैदान पर

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2023 के सीजन को शुरू होने में अब अधिक समय नहीं बचा है. आगामी सीजन का पहला मुकाबला 31 मार्च को गतविजेता गुजरात टाइटंस और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच में खेला जाएगा. हालांकि इस बार का सीजन शुरू होने से पहले कुछ स्टार खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी की वजह से थोड़ा फीका दिख सकता है, जिसमें ऋषभ पंत से लेकर जसप्रीत बुमराह तक का नाम शामिल है.आईपीएल 2023 के सीजन में इस बार दिल्ली कैपिटल्स टीम के कप्तान ऋषभ पंत एक कार दुर्घटना में बुरी तरह से घायल होने की वजह लंबे समय के लिए क्रिकेट मैदान से दूर हो चुके हैं, जिसमें उनकी जगह पर आगामी सीजन में डेविड वॉर्नर को टीम की कप्तानी सौंपी गई है.

मुंबई इंडियंस टीम का प्रमुख हिस्सा रहने वाले जसप्रीत बुमराह की गेंदबाजी का जलवा भी आगामी आईपीएल सीजन में देखने को नहीं मिलेगा. बुमराह पिछले साल से बैक इंजरी की समस्या से जूझ रहे हैं और इसी कारण अब वह इसकी सर्जरी के लिए न्यूजीलैंड गए हुए हैं, जिसके बाद बुमराह कब तक मैदान पर फिट होकर वापसी करेंगे इसको लेकर अभी कुछ भी तय नहीं है.

काइल जेमिसन, झाय रिचर्डसन और प्रसिद्ध कृष्णा भी नहीं दिखेंगे खेलते हुए

आगामी सीजन में चेन्नई सुपर किंग्स की टीम का हिस्सा कीवी तेज गेंदबाज काइल जेमिसन भी स्ट्रेस फ्रेक्चर की समस्या सामने आने के बाद इस सीजन में खेलते हुए नहीं दिखाई देंगे. इसके अलावा ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज झाय रिचर्ड्स जो मुंबई इंडियंस टीम का हिस्सा थे उन्हें हैमस्ट्रिंग में समस्या होने की वजह से सर्जरी करानी पड़ी और इस कारण वह इस आईपीएल सीजन में खेलते हुए नहीं दिखाई देंगे.

इसके अलावा पिछले सीजन में राजस्थान रॉयल्स की तरफ से खेलते हुए अपनी गेंदबाजी से शानदार प्रदर्शन करने वाले प्रसिद्ध कृष्णा भी अपनी बैक सर्जरी की वजह से इस सीजन में खेलते हुए नहीं दिखाई देंगे. कोलकाता नाइट राइडर्स टीम के कप्तान श्रेयस अय्यर को लेकर भी ऐसी खबरें सामने आ रही हैं कि वह आईपीएल 2023 सीजन के पहले हाफ में अपनी पीठ की समस्या की वजह से बाहर रह सकते हैं.

4. WHO ने नमक को सफेद जहर बताया: जान गंवा देंगे 70 लाख लोग

नमक को लेकर WHO यानी वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की एक रिपोर्ट आई है। जिसमें बताया गया है कि नमक ज्यादा खाना कई बीमारियों की वजह है।

WHO का लक्ष्य 2030 तक लोगों के खाने से 30 प्रतिशत नमक कम करने का है।

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अगर समय रहते जरूरी कदम नहीं उठाया तो आने वाले 7 सालों में लगभग 70 लाख लोग नमक से होने वाली बीमारियों से अपनी जान गंवा बैठेंगे।

हर साल 14 से 20 मार्च तक वर्ल्ड सॉल्ट अवेयरनेस वीक मनाया जाता है। नमक के बारे में बात करने का ये सही मौका है।

नमक की जरूरत हमारे शरीर में क्यों पड़ती है?

नमक में सोडियम और पोटैशियम दोनों होता है। सोडियम इंसान के शरीर में पानी का सही लेवल बनाने से लेकर ऑक्सीजन और दूसरे पोषक तत्व सभी ऑगर्न तक पहुंचाने में मदद करता है। इसकी वजह से हमारी वैस्कुलर हेल्थ, नर्व यानी तंत्रिका में एनर्जी आती है।

 कम नमक या बिल्कुल नमक नहीं खाएंगे तब क्या नुकसान होगा?

 कम नमक खाने से भी कई प्रॉब्लम होती हैं…

लो ब्लडप्रेशर के पेशेंट बन सकते हैं।

टाइप 2 डायबिटीज के शिकार हो सकते हैं।

कमजोरी और उल्टी की प्रॉब्लम हो सकती है।

ब्रेन और हार्ट में सूजन आ सकती है।

सूजन की वजह से सिरदर्द, कोमा और सीजर्स के अटैक भी आ सकते हैं।

बॉडी के जिस ऑगर्न को जितना खून चाहिए, उस तक उतना नहीं पहुंच पाता।

एलडीएल (बैड) कोलेस्ट्रॉल 4.6% बढ़ जाता है।

इसलिए शरीर में नमक का सही बैलेंस होना बहुत जरूरी है।

नमक ज्यादा खाने से क्या नुकसान होता है?

बालों का झड़ना शुरू हो जाता है।

किडनी में सूजन आ जाती है।

शरीर में वाटर रिटेंशन बढ़ जाता है। जो शरीर में पानी को जमा करके रखता है।

हड्डियां कमजोर होती हैं और उन्हें ऑस्टियोपोरोसिस की प्रॉब्लम हो सकती है।

हार्ट डिजीज, लकवा, हाई ब्लड प्रेशर और स्ट्रोक जैसी कई बीमारियां हो जाती है।

प्यास ज्यादा लगती है। कई बार होटल का खाना खाने से ज्यादा प्यास लगती है, यानी उसमें नमक हाई वैल्यूम में पड़ा होता है।

एक हेल्दी व्यक्ति काे एक दिन में कितना नमक खाना चाहिए?

हर रोज 5 ग्राम यानी सिर्फ एक टी स्पून नमक खाना चाहिए। और भी आसान तरीके से समझना है तो ये बात याद रखें कि आपके हर खाने में एक छोटा चम्मच नमक ही होना चाहिए।

ये भी याद रखें कि एक दिन में आपको 2.3 ग्राम ही सोडियम लेना चाहिए, जो कि आपको 5 ग्राम नमक में मिल जाता है।

5. AAI Recruitment 2023: 400 से ज्यादा पद पर निकली वैकेंसी, ग्रेजुएट फटाफट करें अप्लाई

​Airports Authority of India Jobs 2023: एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने एक भर्ती अधिसूचना जारी की है. जिसके अनुसार एएआई में बम्पर पद पर भर्ती की जाएगी. जिसके लिए उम्मीदवार आधिकारिक साइट aaiclas.aero पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. इस भर्ती के लिए अप्लाई करने की लास्ट डेट नजदीक आ चुकी है. पात्र उम्मीदवार इस भर्ती के लिए 19 मार्च 2023 से पहले आवेदन कर लें.

रिक्ति विवरण: इस अभियान के जरिए संस्थान में सिक्योरिटी स्क्रीनर के 400 रिक्त पद पर भर्ती की जाएगी.

​पात्रता: इस भर्ती के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवार के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएशन या समकक्ष डिग्री होनी चाहिए.​ वहीं, अप्लाई करने वाले उम्मीदवारों की न्यूनतम आयु 27 वर्ष निर्धारित की गई है.

​स्टाइपेंड: इन पद पर चयनित अभ्यर्थियों को 15,000 रुपये प्रतिमाह स्टाइपेंड के तौर पर दिए जाएंगे.

​ऐसे होगा चयन: उम्मीदवारों के चयन के लिए शॉर्टलिस्टिंग प्रक्रिया / लिखित परीक्षा का आयोजन किया जाएगा लिखित परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों को इंटरेक्शन/ दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाया जाएगा कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर उम्मीदवारों की नियुक्ति तीन वर्ष की अवधि के लिए होगी.

​आवेदन शुल्क: इस भर्ती अभियान के लिए उम्मीदवारों को आवेदन शुल्क का भुगतान करना होगा. भर्ती के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को 750 रुपये के शुल्क का भुगतान करना होगा.

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