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16 March 2023: दिन की पांच बड़ी ख़बरें 'Top 5 News Of The

 1. GATE Result 2023: घोषित हुए गेट परीक्षा के परिणाम

ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (GATE) परिणाम 2023 आज 16 मार्च, 2023 को रिलीज कर दिया है। परीक्षा में सफल होने पर उम्मीदवारों ने ट्वीटर पर इसकी खुशी जताई है।हालांकि कुछ स्टूडेंट्स सर्वर पर बढ़े लोड को सॉल्व करने के लि भी कह रहे हैं। GATE की प्रोविजनल आंसर-की 21 फरवरी को जारी की गई थी। इसके बाद ऑब्जेक्शन विंडो ओपन की गई थी। उम्मीदवारों को इसके लिए 25 फरवरी, 2023 तक का समय दिया गया था। फाइनल आंसर-की परिणामों के साथ रिलीज होने की उम्मीद है। गेट परीक्षा का स्कोरकार्ड 2023 21 मार्च को आधिकारिक वेबसाइट gate.iitk.ac.in पर उपलब्ध कराया जाएगा।

GATE 2023 Result: गेट रिजल्ट में ये डिटेल्स होंगी मेंशन

पंजीकरण संख्या, उम्मीदवार का नाम, परीक्षा पत्र का नाम, परीक्षा स्कोर, ऑल इंडिया रैंक,प्रत्येक पेपर के लिए योग्यता अंक। 

How to check GATE result 2023: गेट रिजल्ट चेक करने के लिए फॉलो करें ये स्टेप्स

गेट रिजल्ट चेक करने के लिए सबसे पहले कैंडिडेट्स को आधिकारिक वेबसाइट - gate.iitk.ac.in पर जाना होगा। अब गेट 2023 रिजल्ट चेक करने के लिए डायरेक्ट लिंक पर क्लिक करें। अब नामांकन आईडी और पासवर्ड का उपयोग करके लॉगिन करें। गेट परीक्षा परिणाम 2023 स्क्रीन पर प्रदर्शित किया जाएगा। डाउनलोड करें और भविष्य के संदर्भ के लिए GATE परिणाम का प्रिंटआउट लें।

ये हैं पिछले साल के टॉपर

निखिल कुमार साहा, मैकेनिकल स्ट्रीम- AIR 1 रैंक

गौरव कुमार, इलेक्ट्रिकल, AIR 1 रैंक

अभिनव गर्ग, कंप्यूटर साइंस- AIR 1 रैंक

सौरभ पटेल, प्रोडक्शन- AIR 1 रैंक

सिद्धार्थ सभरवाल, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन-AIR 1 रैंक

2. इग्नू ने लॉन्च किया बीए एप्लाइड संस्कृत कोर्स

ऐसे स्टूडेंट्स जो संस्कृत विषय से 12वीं के बाद भी अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं, उनके लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने बीए एप्लाइड संस्कृत कोर्स (BA Applied Sanskrit Course) लॉन्च किया है। जो स्टूडेंट्स नए संस्कृत कोर्स में एडमिशन लेना चाहते हैं, वे इसकी ऑफिशियल वेबसाइट ignou.ac.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

3 वर्षीय है यह कोर्स

इस नए संस्कृत कोर्स की अवधि 3 साल की है। ऐसे स्टूडेट्स जो 12वीं पास या समकक्ष योग्यता रखते हैं, वे इस कोर्स में एडमिशन पाने के लिए आवेदन कर सकते हैं।

कोर्स की फीस

बीए एप्लाइड संस्कृत कोर्स की फीस सालाना 4,500 रुपये है। इसके अलावा इस कोर्स में एडमिशन के लिए आवेदन करने वाले स्टूडेंट्स को रजिस्ट्रेशन/डेवलपमेंट फीस का भुगतान भी करना होगा।

ऐसे करें आवेदन

इग्नू की ऑफिशियल वेबसाइट ignou.ac.in पर जाएं।

होम पेज पर उपलब्ध फ्रेश एडमिशन लिंक पर क्लिक करें।

यहां एक नया पेज ओपन होगा, जहां आप अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।

आवेदन फॉर्म भरें और फीस का भुगतान करें।

इसके बाद सबमिट बटन पर क्लिक करें।

अब कन्फर्मेशन पेज डाउनलोड कर लें।

आगे की जरूरत के लिए इसकी एक हार्ड कॉपी अपने पास रखें।

3. कनाडा सिक्योरिटी डिपार्टमेंट ने कहा 700 भारतीय स्टूडेंट्स के वीजा डॉक्यूमेंट्स जाली, देश भेजे जाएंगे

कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार ने भारत के 700 स्टूडेंट्स को उनके देश भेजने का फैसला किया था। कैनेडियन बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स एजेंसी (CBSA) ने इन सभी छात्रों के खिलाफ डिपोर्टेशन नोटिस जारी कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- ये सभी स्टूडेंट्स 2018 या उसके बाद स्टडी प्रोग्राम के तहत कनाडा पहुंचे थे। इन छात्रों ने एडमिशन के वक्त जो ऑफर लेटर सबमिट किए थे, उन्हें जांच में जाली पाया गया।

कैसे हुआ खुलासा

रिपोर्ट्स के मुताबिक- इस मामले की जांच कुछ वक्त से चल रही थी। कुछ स्टूडेंट्स ने तो 2 साल का डिप्लोमा कोर्स पूरा कर लिया था। इसके बाद उन्होंने वर्क परमिट के लिए अप्लाई किया था। अगर वो ये हासिल कर लेते तो कनाडा में परमानेंट रेसीडेंस स्टेटस भी हासिल कर लेते।

इसी कड़ी में उन्हें इमीग्रेशन डिपार्टमेंट के पास भी डॉक्यूमेंट्स सबमिट करने थे। उन्होंने ये डॉक्यूमेंट्स सबमिट किए भी। यहां जब उनके डॉक्यूमेंट्स को वेरिफाई किया गया तो ये फेक यानी जाली पाए गए।एजेंट पर शक

न्यूज एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, स्टडी वीजा के लिए इन स्टूडेंट्स ने जालंधर की एजुकेशन माइग्रेशन सर्विस से संपर्क किया था। यह एजेंसी ब्रजेश मिश्रा नाम का एजेंट चलाता है।

आरोप है कि ब्रजेश ने हर स्टूडेंट्स से वीजा के लिए 16 से 20 लाख रुपए लिए। इसमें एडमिशन फीस और दूसरे चार्ज भी शामिल थे। हालांकि, इसमें एयर टिकट और सिक्योरिटी डिपॉजिट शामिल नहीं थे।

भारतीय छात्रों ने एडमिशन ऑफर लेटर भी सबमिट किए थे। ये परमानेंट रेसीडेंस या वर्क परमिट के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट है। वीजा जारी करने से पहले इन डॉक्यूमेंट्स की बारीकी से जांच की जाती है। इसके बाद इंटरव्यू होते हैं।

4. अरुणाचल में भारतीय सेना का चीता हेलिकॉप्टर क्रैश, पायलट की तलाश में सर्च ऑपरेशन शुरू

भारतीय सेना का चीता हेलीकॉप्टर (Cheetah Helicopter) अरुणाचल प्रदेश के मंडला पहाड़ी इलाके के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया है. पायलटों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन (Search Operation) शुरू कर दिया गया है. सेना के सूत्र ने इस बात की जानकारी दी. यह सेन्गे से मिसामारी की ओर उड़ रहा था. हादसे के वक्त हेलीकॉप्टर में पायलट और को-पायलट थे. 

गुवाहाटी के जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत (Lt. Col. Mahendra Rawat) ने पुष्टि की कि ऑपरेशनल सॉर्टी पर चीता हेलीकॉप्टर का आज सुबह करीब 9.15 बजे एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) से संपर्क टूट गया था. 

इससे पहले साल 2022 में भी इंडियन आर्मी का चीता हेलीकॉप्ट तवांग के पास क्रैश हो गया था. इस हादसे में दो पायलटों में से एक की मौत हो गई थी. असम के तेजपुर में सेना के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया था कि तवांग के पास अग्रिम क्षेत्र में उड़ान भर रहा सेना का एक चीता हेलीकॉप्टर 5 अक्टूबर 2022 में सुबह करीब 10 बजे एक नियमित उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. दोनों पायलटों को पास के एक अस्पताल ले जाया गया था लेकिन एक को नहीं बचाया जा सका.मृतक पायलट की पहचान लेफ्टिनेंट कर्नल सौरभ यादव के रूप में हुई थी. 

पिछले 6 सालों में सेना के 18 हेलिकॉप्टर क्रैश 

पिछले पांच सालों में भारतीय मिलिट्री यानी तीनों सेनाओं के 18 हेलिकॉप्टर क्रैश हो चुके हैं. यह जानकारी पिछले साल 17 दिसंबर को लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में राज्य रक्षामंत्री अजय भट्ट ने दी थी. 2017 से लेकर 2021 तक 15 हादसे हुए थे. इसके बाद तीन हादसे और हो चुके हैं. इसमें से दो हादसे साल 2022 में अक्टूबर महीने में ही हुए थे. इसमें रुद्र और चीता हेलिकॉप्टर शामिल थे. 


5.गुजिया खाने पर पायलट सस्पेंड, जानिए प्लेन उड़ाते वक्त क्या नहीं कर सकते पायलट? 

होली पर जश्न का मतलब है रंग और गुजिया. आपने भी इस बार होली पर मजे से खाई होंगी. मगर एक पायलट ने खा ली तो उनकी नौकरी पर बात आ गई और उन्हें सस्पेंड कर दिया गया. कारण ये है कि उन्होंने ये गुजिया घर पर नहीं बल्कि प्लेन के कॉकपिट में खाई थी. बस, प्लेन के कॉकपिट में गुजिया खा ली तो उन्हें सस्पेंड कर दिया गया, क्योंकि यह नियमों के हिसाब से नहीं था. आपको बता दें कि पायलट जब प्लेन उड़ाते हैं तो उन्हें फ्लाइट के कॉकपिट से जुड़े नियमों का पालन करना पड़ता है, जिसमें खाने से जुड़े भी कई नियम हैं. 

प्लेन की सुरक्षा को देखते हुए पायलट के लिए कुछ नियम होते हैं, जिनमें बताया गया है कि एक पायलट कॉकपिट में क्या कर सकता है और क्या नहीं. पायलट पर कई काम करने पर पाबंदी होती है. तो आज हम आपको बताते हैं कि आखिर पायलट कॉकपिट में क्या क्या नहीं कर सकते हैं....

क्या होता है कॉकपिट?

प्लेन में कॉकपिट वो केबिन या जगह होती है, जहां पायलट और को-पायलट विमान उड़ाने का काम करते हैं. यह केबिन पायलट और को-पायलट के लिए एक ऑफिस का काम करता है. यहां पर पायलट को डेटा मिलता है और वहां से ही सभी जानकारी भेजी जाती है. इसके साथ ही यहां विमान का 90 फीसदी कंट्रोल रहता है. ऐसे में इस अहम जगह में पायलट के लिए भी कुछ नियम होते हैं. 

कॉकपिट में क्या नहीं कर सकते पायलट

दरअसल, हर एयरलाइन की एक नीति होती है, लेकिन ये काफी मिलती जुलती होती है. इसमें फूड को लेकर भी खास नियम होते हैं. जैसे कुछ फ्लाइट में प्लेन उड़ाते वक्त पायलट को कॉफी पीने की भी मनाही होती है जबकि कुछ एयरलाइंस में इसकी छूट होती है. इसके साथ ही सभी एयरलाइंस पायलट के कॉकपिट में कुछ भी खाने पर प्रतिबंध रखती हैं. हाल ही में आए इस मामले में भी इसी वजह से कार्रवाई हुई है, क्योंकि खाने की मनाही होने के बाद भी पायलट गुजिया खा रहे थे. 

- इसके साथ ही एयरलाइंस 8 आर रुल को फॉलो करती हैं. इसमें पायलट 8 घंटे से पहले एल्कोहॉल नहीं ले सकते हैं. यानी फ्लाइट से पहले वो एल्कोहॉल नहीं ले सकते हैं. 

- कई एयरलाइंस ने पायलट के कॉकपिट में किताब पढ़ने पर रोक लगा रखी है, वहीं कुछ एयरलाइन सिर्फ न्यूजपेपर पढ़ने की छूट देते हैं. न्यूजपेपर के लिए छूट इसलिए दी जाती है, क्योंकि इसमें अलग अलग आर्टिकल होते हैं और वो पूरी तरह से इन्वॉल्व नहीं होते हैं. किताब में इनवॉल्व होने की वजह से उसके इस्तेमाल पर मनाही है. 

- वहीं, पायलट की लंबी शिफ्ट के लिए मनाही होती है. इसके साथ ही फ्लाइट में पायलट को आराम करने की इजाजत दी जाती है, लेकिन उस वक्त दूसरा पायलट सीट पर होना जरुरी है. पायलट को ज्यादा वर्क स्ट्रेस नहीं दिया जाता है. 

- इसके साथ ही कैप्टन और फर्स्ट ऑफिसर को सेम खाना खाने की भी मनाही होती है. इसकी वजह ये होती है कि अगर किसी खाने में दिक्कत हो तो दोनों पायलट को दिक्कत नहीं हो. इसलिए अलग अलग खाना खाने की सलाह दी जाती है, जिससे किसी एक को दिक्कत है तो दूसरा पायलट उसे संभाल सके. 

- पायलट को प्लेन उड़ाते वक्त कॉकपिट में कोई भी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट चलाने की मनाही होती है. साथ ही दोनों पायलट एक साथ सो नहीं सकते हैं. एक पायलट को सीट पर होनी जरूरी होता है. 


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