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28 February 2023: दिन की पांच बड़ी ख़बरें 'Top 5 News Of The

 1. मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन ने मंत्री पद से दिया इस्तीफा, सीएम केजरीवाल ने किया स्वीकार

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दोनों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. मनीष सिसोदिया के पास कई विभागों का जिम्मेदारी थी. सत्येंद्र जैन के जेल जाने के बाद उनके विभाग का काम मनीष सिसोदिया ही देख रहे थे. दिल्ली सरकार के 33 विभागों में से 18 विभागों की जिम्मेदारी मनीष सिसोदिया के पास थी. सत्येंद्र जैन नौ महीनों से जेल में बंद हैं. दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मामले में मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद से ही विपक्षी दल केजरीवाल सरकार पर पूरी तरह हमलावर हो गए थे. वहीं, सत्येंद्र जैन स्वास्थ्य मंत्री के पद पर थे. दोनों के इस्तीफे को लेकर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा है कि इससे काम नहीं रुकेंगे और बीजेपी अपने मंसूबे में कामयाब नहीं होगी.

बीजेपी ने मांगा सीएम केजरीवाल का इस्तीफा

दोनों मंत्रियों के इस्तीफे के बाद बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने सीएम केजरीवाल पर निशाना साधा. मनोज तिवारी ने ट्वीट करते हुए कहा, "सुप्रीम कोर्ट की ज़बरदस्त फटकार से आम आदमी पार्टी की नींद टूटी...आख़िरकार मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को देना ही पड़ा इस्तीफ़ा. केजरीवाल जी नैतिकता के आधार पर इस्तीफ़ा तो आपका भी बनता है."

2. हरिद्वार में हर की पैड़ी कॉरिडोर का क्‍यों हो रहा विरोध?

हर की पैड़ी कॉरिडोर के निर्माण को लेकर विरोध के स्वर उठने लगे हैं। पूर्व कानून मंत्री और भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने अपने दो दिवसीय हरिद्वार प्रवास के दौरान हर की पैड़ी कॉरिडोर का विरोध किया। उन्होंने कहा कि हरिद्वार में कॉरिडोर की आवश्यकता नहीं है। इससे हरिद्वार की नैसर्गिक और वास्तविक सुंदरता समाप्त हो जाएगी, इसलिए सरकार को पुनर्विचार करते हुए कॉरिडोर का निर्माण नहीं करना चाहिए। सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि काशी विश्वनाथ में कॉरिडोर के दौरान अनेक मंदिर मठ तोड़े गए थे। सुब्रह्मण्यम स्वामी के बाद गंगा सभा के पूर्व अध्यक्ष राम कुमार मिश्रा ने भी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि हरिद्वार में बनने वाले हर की पैड़ी कॉरिडोर निर्माण पर पुनर्विचार किया जाए। धर्मनगरी हरिद्वार के तीर्थ पुरोहित और गंगा सभा के पूर्व अध्यक्ष राम कुमार मिश्रा ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार काशी विश्वनाथ की तर्ज पर हर की पैड़ी पर भी कॉरिडोर के निर्माण की योजना ला रही है, लेकिन दोनों तीर्थ स्थानों की भौगोलिक और क्षेत्रीय परिस्थितियों में काफी अंतर है।

उन्होंने कहा कि जहां एक ओर काशी विश्वनाथ मंदिर में आने-जाने के लिए छोटी-छोटी गलियां थीं। उसके अलावा गंगा घाट से भी आने-जाने का कोई साधन नहीं था। इसके विपरीत हर की पैड़ी पर मुख्य मार्ग के अलावा भीमगोडा से कांगड़ा मंदिर तक गंगा किनारे भव्य काफी चौड़ा घाट पंतदीप,रोड़ी बेलवाला, सीसीआर टावर से आने-जाने वालों के लिए पुल बने हुए हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के और बढ़ती भीड़ के दबाव को कम करने के लिए प्रत्येक कुंभ में हर की पैड़ी पर आवागमन के लिए अस्थायी लोहे के पुल बनाए जाते हैं।

पत्र में यह भी लिखा गया है कि व्यवस्था को सरकार और बेहतर बनाना चाहती है तो इसमें भी और संशोधन करके वीआईपी घाट के निकट से ही पुल बनाकर हर की पैड़ी पर आने-जाने को और अधिक सुरक्षित बना सकती है कुल मिलाकर पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री को धर्म नगरी की पौराणिकता का हवाला देकर पुनर्विचार करने की बात लिखी गई है। जिलाधिकारी हरिद्वार विनय शंकर पांडे के मुताबिक, 2024 से कॉरिडोर प्रोजेक्ट पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा, जिसके लिए हर की पैड़ी पहुंचने के लिए 4 द्वार विकसित किए जाएंगे। इनमें अपर रोड, मोती बाजार, रोडीबेल वाला और भीमगोड़ा क्षेत्र हैं।

3. इस बार मार्च से ही चलेगी लू, सरकार की आ गई सलाह

इस वर्ष मार्च से मई तक के तीन महीने जोरों की लू की चपेट में होंगे। मौसम विभाग ने इसका अनुमान जताया है। इसका असर अभी से ही देखा जा रहा है। देश के ज्यादातर हिस्सों में तेजी से पारा चढ़ रहा है और अचानक गर्मी महसूस होने लगी है। ऐसे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी कर दी है। मंत्रालय ने बताया है कि लू से बचने के लिए क्या करें और क्या नहीं करें। पिछले वर्ष का मार्च महीने बीते एक सदी में सबसे ज्यादा गर्म रहा था। तब भयंकर लू चली थी जिसके प्रकोप से फसलें जल गई थीं और जल स्तर काफी नीचे चला गया था। इस बार भी तेजी से पारा चढ़ने के कारण मौसम में अचानक बदलाव हो रहा है। इसका असर बीमारियों के रूप में सामने आ रहा है। अभी घर-घर सर्दी, खांसी और बुखार का प्रकोप देखा जा रहा है। चिंता की बात है कि कई मामलों में तमाम इलाज के बावजूद बीमारी जल्दी जा नहीं रही है।इन्हीं सब समस्याओं के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अतिरिक्त सतर्कता बरतते हुए एडवाइजरी जारी कर दी है। उसने बताया है कि लू की चपेट में आने से कौन-कौन सी बीमारियां हो सकती हैं। मंत्रालय ने अपनी गाइडलाइंस में कहा है कि अगर आप प्यास नहीं भी महसूस कर रहे हैं तो भी यथासंभव पानी पीते रहिए। लू से बचने के लिए ओरल रीहाइड्रेशन सॉल्युशन (ORS) का घोल, नींबू पानी, लस्सी, हल्का नमक मिलाकर फलों के जूस आदि पीने की सलाह दी गई है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइंस कहती है कि लोगों को गर्मियों में पतला, ढीला-ढाला, हल्के रंग का सूती कपड़ा पहनना चाहिए। साथ ही, तेज धूप से बचने के लिए छाता लगाएं या टोपी पहने या फिर तौलिए से सिर ढकें। सरकार ने कहा है कि लोगों को अपने इलाके के मौसम का हाल जानने के लिए टीवी, रेडियो, न्यूज पेपर देखते रहना चाहिए। इसके लिए भारतीय मौसम विभाग (IMD) की वेबसाइट या इसके सोशल मीडिया हैंडल्स को भी खंगालते रहना चाहिए।

यह तो पता ही है कि लू से बचने के लिए बेवजह घर से बाहर निकलने से परहेज करना चाहिए। मंत्रालय ने भी सलाह दी है कि लोगों को हवादार और ठंडी जगहों में रहना चाहिए, लेकिन सूर्य की सीधी रोशनी में आने से बचा जाए। जिधर से धूप आए, उधर की खिड़कियां दिन में बंद हों या पर्दे लगे हों। रात में खिड़कियां खोल दें ताकि ठंडी-ठंडी हवा घर में आए। अगर काम के लिए घर से निकलना जरूरी ही हो तो कोशिश करें कि सुबह या शाम को काम निपटाएं।

4. पाकिस्तान में चावल 150, प्याज 230 रुपये, महंगाई ने जनता की कमर तोड़ी

खाली पेट सोना किसी के लिए भी आसान नहीं होता है। एक बार को आप चाहे खाली पेट सो भी जाएं, लेकिन अगर बच्चा भूख के मारे रो रहा हो, तो हर मां बाप अंदर से टूट जाता है। कुछ ऐसा ही हाल इस समय पाकिस्तान में देखने को मिल रहा है। पाकिस्तान में महंगाई इतनी ज्यादा है कि गरीब आदमी के लिए जीना मुश्किल हो रहा है। लोग नहीं समझ पा रहे हैं कि वह खाना खरीदें या अपने जरूरी बिल को भरें। पाकिस्तान में दूध, आटा, मीट का दाम लगभग दोगुना हो गया है। कई लोगों ने कहा कि वह अब मीट सिर्फ बकरीद पर खा रहे हैं, या फिर कोई दे देता है तो ही खाते हैं।वर्तमान में महंगाई के पीछे सबसे बड़ी वजह पाकिस्तान में बाढ़ को बताया जा रहा है। बाढ़ के कारण पाकिस्तान का लगभग एक तिहाई हिस्सा डूब गया था, जिसके कारण पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर फसलें बर्बाद हो गईं। पाकिस्तान आटा अब गरीब आदमी की पहुंच से दूर हो गया है। पाकिस्तान में कई जगहों पर आटा 2000 रुपए प्रति 10 किग्रा बिक रहा है।पाकिस्तान में आटा के अलावा अब चावल की भी कमी है। दरअसल जब पाकिस्तान में बाढ़ आई थी तो वह धान का सीजन था। इस कारण से पाकिस्तान में धान की फसल बर्बाद हो गई। बासमती चावल जो चार साल पहले 80 रुपए के करीब था वह अब 150 रुपए प्रति किग्रा पहुंच गया है।पाकिस्तान में चिकन का दाम

पाकिस्तान में चिकन का दाम भी बढ़ता चला जा रहा है। पाकिस्तान में चिकन का दाम चार साल पहले की तुलना में 170 रुपए से 374 रुपए पहुंच गया है। कई इलाकों में चिकन का दाम 700 रुपए भी है। बोनलेस चिकन की बात करें तो यह 1100 रुपए प्रति किग्रा पहुंच गया है।

5. संयुक्त राष्ट्र की मीटिंग में शामिल हुआ भगोड़े नित्‍यानंद का देश कैलाशा

वैश्विक कूटनीतिक स्तर पर एक ऐसी घटना हुई है जो किसी मजाक से कम नहीं है। रेप के आरोपी और खुद को भगवान का दर्जा देने वाले नित्यानंद की ओर से स्थापित किया गया काल्पनिक देश 'कैलाशा' का एक प्रतिनिधि यूएन की मीटिंग में शामिल हुआ। इस मीटिंग में भारत के खिलाफ जहर उगलने में कोई कसर नहीं छोड़ा गया। कैलाशा के प्रतिनिधि ने कहा कि नित्यानंद 'हिंदू धर्म में सबसे सर्वोच्च गुरू' है और उसे सताया जा रहा है। UN की मीटिंग में नित्यानंद को सुरक्षा देने की मांग की गई है।नित्यानंद का पक्ष रखने के लिए मा विजयप्रिया नित्यानंद नाम की महिला UN के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों (CESR) की 19वीं बैठक में शामिल हुई। उसने दावा किया कि 'यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलाशा' के संस्थापक नित्यानंद का भारत उत्पीड़न कर रहा है। कैलाशा को हिंदू धर्म का पहला संप्रभु राज्य बताते हुए, विजयप्रिया ने राष्ट्रीय समुदाय से कहा है कि वह कैलाशा के 20 लाख हिंदू प्रवासियों और नित्यानंद का उत्पीड़न रोकें।

क्या UN ने दी है मान्यता

मीटिंग के दौरान उसने यह भी दावा किया कि 150 देशों में उसने दूतावास और गैर सरकारी संगठन स्थापित किए। हालांकि अभी यह पता नहीं चल सका है कि कैलाशा को संयुक्त राष्ट्र ने मान्यता दी है या नहीं। और अगर मान्यता दी गई है तो नित्यानंद को काल्पनिक देश का राजा किस प्रक्रिया के तहत बनाया गया? नित्यानंद यौन उत्पीड़न के आरोप में एक भगोड़ा घोषित है। नवंबर 2019 में गुजरात पुलिस ने बताया था कि वह फरार हो चुका है। पुलिस उसके आश्रम में बच्चों के अपहरण से जुड़े आरोपों की जांच कर रही थी।खड़ो होते हैं कई सवाल

अक्टूबर 2022 में ब्रिटेन के कंजर्वेटिव सांसदों को तब आलोचना झेलनी पड़ी जब उन्होंने नित्यानंद के समर्थकों को संसद में होने वाली दिवाली पार्टी में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। इंटरपोल ने नित्यानंद के लिए ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी करने से इनकार किया है। हालांकि एक काल्पनिक देश के प्रतिनिधि को इतने प्रतिष्ठित आयोजनों में शामिल होने देना कई सवाल खड़े करता है। सवाल है कि क्या इस तरह के आयोजनों में शामिल होने से यौन उत्पीड़ के आरोपी को बढ़ावा नहीं मिलेगा? दूसरा बड़ा सवाल है कि एक ऐसा देश जिसके अस्तित्व का कोई पता नहीं, क्या उसके प्रतिनिधियों को UN की मीटिंग में शामिल होने देना संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांतों का अपमान नहीं है?


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