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24 February 2023: दिन की पांच बड़ी ख़बरें 'Top 5 News Of The

 1. कल अमृतसर में हुआ था उग्र विरोध, आज पंजाब के कट्टरपंथी नेता का साथी जेल से रिहा

पंजाब के कट्टरपंथी नेता अमृतपाल सिंह के साथी लवप्रीत तूफान को आज जेल से रिहा कर दिया गया. उसकी गिरफ्तारी के विरोध में कल अमृतसर में उग्र विरोध प्रदर्शन हुआ था. सैकड़ों लोग पुलिस से भिड़ गए थे. कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने बृहस्पतिवार को पंजाब के अमृतसर जिले में एक थाने पर हमला किया और वहां तब तक डटे रहे जबतक उन्हें यह आश्वासन नहीं मिला कि गिरफ्तार किए गए लवप्रीत तूफान को रिहा कर दिया जाएगा.

 इस दौरान एसएसपी हरपाल सिंह ने कहा कि कल जो हुआ वो नहीं होना चाहिए था. पंजाब पुलिस ने जवाबी कार्रवाई (retaliate) इसलिए नहीं की क्योंकि अमृतपाल अपने साथ गुरूग्रंथ साहब लेकर आया था. अगर हम जवाबी कार्रवाई करते तो बात बहुत बिगड़ जाती. हमने गुरुग्रंथ साहब का सम्मान किया. अमृतपाल ने पहले कहा था कि वो सिर्फ़ शांतिपूर्ण धरना देगा. लेकिन अमृतपाल ने हमें धोखा दिया. उसके लोगों ने पंजाब पुलिस पर हमला किया, पर हमने बिल्कुल जवाब नहीं दिया. क्योंकि गुरुग्रंथ साहिब सामने थे.

हरपाल सिंह ने आगे कहा कि मैं पंजाब पुलिस के जवानों को सैल्यूट करना चाहूंगा, जिन्होंने जवाब नहीं दिया. पंजाब में क़ानून का राज है. उन्होंने आगे कहा कि अमृतपाल कानून से बड़ा नहीं है. कल अगर हम ज़रा भी एक्शन ले लेते तो पूरे पंजाब में हालात ख़राब हो सकते थे. हमने जो मौक़े पर ठीक लगा वो किया. जो कल हुआ उसमें क़ानून के हिसाब से कार्यवाही होगी.

पंजाब में कोई खालिस्तानी आंदोलन नहीं

खालिस्तानी आंदोलन पर उन्होंने कहा कि पंजाब में कोई खालिस्तानी आंदोलन नहीं होने जा रहा. ये कुछ बदमाश लोग हैं. आज हर जगह अमृतपाल को ग़लत बोला जा रहा है. हम पूरे देश को यक़ीन दिलाना चाहते हैं कि पंजाब में क़ानून का राज है. SIT का गठन हुआ है , सबकी भूमिका की जांच होगी. तूफ़ान के ख़िलाफ़ एफआईआर रद्द नहीं हुई है.

2. 1 अप्रैल से ​बदल जाएगा NPS से पैसा निकालने का नियम, इन दस्तावेजों को देना होगा जरूरी 

पीएफआरडी नेशनल पेंशन सिस्टम स्कीम से पैसा निकालने के लिए नए नियम को लागू करने जा रही है. 1 अप्रैल से ये नियम लागू हो जाएगा. इस नियम के तहत कुछ दस्तावेजों को देना अनिवार्य होगा. अगर सब्सक्राइबर इन दस्तावेजों को अपलोड नहीं करते हैं तो वे NPS से पैसा नहीं निकाल पाएंगे. 

22 फरवरी को जारी किए गए सर्कुलर में कहा गया है कि सब्सक्राइबरों को केवाईसी दस्तावेज देना अनिवार्य होंगा. PFRDA ने नोडल अधिकारियों और सब्सक्राइबरों को ये दस्तावेज अनिवार्य रूप से अपलोड होने को सुनिश्चित करने के लिए कहा है. अगर इन दस्तावेजों में किसी तरह की गलती पाई जाती है तो NPS का पैसा रुक सकता है. 

कौन से दस्तावेज होंगे जरूरी 

विड्रॉल करने से पहले आपको ये सुनिश्चित करना होगा कि आपने NPS विड्रॉल फॉर्म अपलोड किया है या नहीं. पहचान पत्र और एड्रेस प्रूफ के मुताबिक ही विड्रॉल फॉर्म में जानकारी भरी होनी चाहिए. बैंक अकाउंट प्रूफ, प्रैन या पर्मानेंट रिटायमेंट अकाउंट नंबर कार्ड की कॉपी भी होनी चाहिए. अगर इनमें से कोई भी दस्तावेज अपलोड नहीं होतो है तो एनपीएस से पैसा नहीं निकाला जा सकता है. 

ऐसे अपलोड करें दस्तावेज 

CRA सिस्टम पर दस्तावेजों को अपलोड करने के लिए लॉग इन करें.

लॉग इन ई-साइन, ओटीपी प्रमाणीकरण के आधार पर करने का रिक्वेस्ट भेज सकते हैं.

रिक्वेस्ट के दौरान एड्रेस, बैंक डिटेल, नॉमिनी डिटेल जैसी जानकारी आॅटो अपलोड हो जाएगी.

अब सब्सक्राइबर को एकमुश्त एन्युटी रकम और डिटेल सेलेक्ट करना होगा.

इसके बाद आपके बैंक अकाउंट को वेरिफाई करना होगा.

साथ ही केवाईसी दस्तावेज पहचान और एड्रेस प्रूफ, प्रैन कार्ड और बैंक प्रूफ को अपलोड करने के लिए रिक्वेस्ट करें. 

स्कैन किया गया दस्तावेज और स्कैन तस्वीर होनी चाहिए.

सब्सक्राइबर ओटीपी प्रमाणीकरण और आधार की मदद से ई-साइन का उपयोग करके इस प्रोसेस को पूरा कर सकते हैं.  

NPS से पैसा निकालने का क्या है नियम 

मौजूदा समय में एनपीएस सब्सक्राइबर कुल कॉपर्स में से 60 फीसदी तक रकम एकमुश्त रकम विड्रॉल कर सकते हैं. वहीं 40 फीसदी कॉपर्स को यूटिलाइज कर सकते हैं. मान लीजिए अगर आपका कुल एनपीएस कॉपर्स 5 लाख रुपये है, तो ​मैच्योरिटी पूरा होने के बाद सब्सक्राइबर इसमें से 60 फीसदी रकम निकाल सकेंगे. वहीं प्रीमैच्योरिटी से पहले विड्रॉल करने पर 80 फीसदी कॉपर्स से एन्युटी खरीदने की आवश्यकता होगी. 

3. केजरीवाल सरकार का अधिकारियों को निर्देश 'एलजी से सीधे आदेश लेना बंद करें'

दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल और उपराज्यपाल वीके सक्सेना के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है. केजरीवाल सरकार के मंत्रियों ने शुक्रवार (24 फरवरी) को अधिकारियों को निर्देश दिया कि वो एलजी सक्सेना से आदेश लेना बंद कर दें. 

सभी मंत्रियों ने अपने-अपने विभाग सचिव को निर्देश दिए कि ट्रांजेक्शन ऑफ बिजनेस रूल्स (TBR) का सख्ती से पालन करें. सचिवों से कहा गया कि एलजी सक्सेना से मिलने वाले किसी भी सीधे आदेश को लेकर मंत्री को रिपोर्ट करें.

क्या कारण बताया?

इसके पीछे केजरीवाल सरकार के मिनिस्टरों ने कारण बताते हुए कहा कि उपराज्यपाल सक्सेना के ऐसे असंवैधानिक सीधे आदेशों को लागू करना टीबीआर के नियम 57 का उल्लंघन है. साथ ही एलजी की तरफ से दिया जाने वाला कोई भी आदेश संविधान और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक भी नहीं है.

एलजी और सीएम केजरीवाल में बढ़ता विवाद

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार (23 फरवरी) को कहा कि एलजी सक्सेना को दिल्ली की बदतर होती कानून व्यवस्था को लेकर कदम उठाने चाहिए. उन्होंने नेब सराय पुलिस थाना क्षेत्र में 75 साल की महिला की हत्या से संबंधित मीडिया रिपोर्ट को साझा करते हुये ट्वीट किया, ‘‘कल जब आपने कहा था कि आप दिल्ली की कानून व्यवस्था की स्थिति से संतुष्ट हैं, लोग बेहद दुखी हुए थे.’’

केजरीवाल ने कहा, ‘'माननीय उपराज्यपाल महोदय, शहर की कानून व्यवस्था की स्थिति का कुछ करिए.’’ दिल्ली पुलिस के उपायुक्तों के साथ सक्सेना की बैठक के एक दिन बाद बुधवार (22 फरवरी) को वो और उपराज्यपाल ट्विटर पर भिड़ गये थे. सक्सेना ने ट्वीट किया था कि दिल्ली पुलिस चुनौतियों के बावजूद सराहनीय काम कर रही है.  यह टकराव कभी दिल्ली की आबकारी नीति के मामले को लेकर हो रहा तो कभी एलजी पर बीजेपी के लिए काम करने के आरोप भी केजरीवाल सरकार लगाती रही है. 

4. Delhi World Book Fair 2023: नई शिक्षा नीति और आजादी का अमृत महोत्सव की होगी झलक

दो साल बाद प्रत्यक्ष रूप में हो रहे नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2023 में इस बार पाठकों के सामने कई विशेष आकर्षण होंगे. पुस्तक में मेला में जहां इस बार नए युवा लेखकों को दुनिया के सामने पेश किया जाएगा वहीं, बच्चों के लिए अलग से चिल्ड्रन कॉर्नर भी होगा. इस बार विश्व पुस्तक मेला में फ्रांस एक सहयोगी देश के रूप में शिरकत कर रहा है.

नई दिल्ली स्थित कंस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास यानी नेशनल बुक ट्रस्ट के चेयरमैन गोविंद प्रसाद शर्मा ने कहा कि पुस्तक मेला में तमाम भारतीय भाषाओं और बोलियों के साहित्य पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि यह एशिया का सबसे बड़ा पुस्तक मेला है.

एनबीटी के निदेशक युवराज मलिक ने बताया कि विश्व पुस्तक मेला अपनी 50वीं वर्षगांठ मना रहा है. पुस्तक मेला का उद्घाटन केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान करेंगे. इस अवसर पर भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनैन, साहित्य में नोबेल पुरस्कार विजेता फ्रांस की लेखिका एनी एरनॉक्स सहित साहित्य की दुनिया के कई दिग्गज शामिल होंगे.

युवराज मलिक ने बताया कि आजादी के अमृत मोहत्सव के उपलक्ष्य में पुस्तक मेला की थीम अमृत महोत्सव पर होगी. इस दौरान देश की आजादी के प्राण न्यौछावर करने वाले वीर सैनिकों, लेखकों आदि की गाथा और उनसे जुड़े साहित्य का प्रदर्शन किया जाएगका. उन्होंने बताया कि इस बार पुस्तक प्रेमियों को पुस्तक मेला में जी-20 पवेलियन, राष्ट्रीय शिक्षा नीति पवेलियन, एजुकेशन टेक जोन, युवा लेखक कॉर्नर जैसे 

नए प्रयोगों से रू-ब-रू होने का मौका मिलेगा. 

एनबीटी के डायरेक्टर युवराज मलिक ने बताया कि विश्व पुस्तक मेला में इस बार फ्रांस अतिथि देश के रूप में शामिल हो रहा है. यहां फ्रेंच पवेलियन खास आकर्षण का केंद्र होगा. इस पवेलियन को फ्रेंच उपन्यासकार सिमोन लामॉर्ट ने डिजाइन किया है. विश्व पुस्तक मेला में फ्रांस के कई लेखक शिकरत कर रहे हैं. इनमें नोबेल प्राइज से सम्मानित 82 साल की एनी एरनॉक्स भी शामिल हैं.

बुक फेयर की टिकट

विश्व पुस्तक मेला में प्रगति मैदान के गेट नंबर 4 और 10 से प्रवेश किया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट मेट्रो स्टेशन से पुस्तक मेला में पैदल ही प्रवेश किया जा सकता है. साथ ही बच्चों और बुजुर्ग लोगों के लिए इलेक्ट्रिक गाड़ियों का भी इंतजाम रहेगा.

युवराज मलिक ने बताया कि पुस्तक मेला सुबह 11 बजे से रात र8 बजे तक खुला रहेगा. बुक फेयर की टिकट की कीमत 20 रुपये रखी गई है. स्कूल के बच्चे बुजुर्ग, और दिव्यांगों के लिए प्रवेश निशुल्क रहेगा. बच्चों के लिए टिकट की कीमत 10 रुपये रखी गई है.

5. DELHI  MCD Election: आप पार्षद पवन सहरावत बीजेपी में शामिल

एमसीडी की स्टैंडिंग कमिटी के चुनाव से आम आदमी पार्टी (आप) को बड़ा झटका लगा है। बवाना से आप के पार्षद पवन सहरावत बीजेपी में शामिल हो गए हैं। इसके साथ ही बीजेपी ने स्टैंडिंग कमिटी में अपने 3 कैंडिडेट को जिताने लायक वोटों का जुगाड़ कर लिया है। बीजेपी को अपने तीन कैंडिडेट को जिताने के लिए 105 पार्षदों की जरूरत थी। उसके पास अभी तक 104 पार्षद थे लेकिन पवन के भगवा दल में शामिल होन से आंकड़ा 105 तक पहुंच गया है। दरअसल, इस चुनाव में आप और बीजेपी दोनों जोर लगा रही है। गौरतलब है कि मेयर के पद शैली ओबरॉय के चुने जाने के बाद स्टैंडिंग कमिटी का चुनाव नहीं हो पाया था। सदन में दोनों दलों के पार्षदों ने जबरदस्त हंगामा किया था।एमसीडी में गुरुवार को हुआ था जबरदस्त हंगामा

गौरतलब है कि गुरुवार को एमसीडी में स्टैंडिंग कमिटी के चुनाव को लेकर काफी हंगामा हुआ था। मेयर शैली ओबरॉय ने पहले पार्षदों को सदन में मोबाइल लाने की इजाजत दे दी फिर बीजेपी के विरोध के बाद उस आदेश को वापस ले लिया। हालांकि, तबतक काफी वोट डाले जा चुके थे। बीजेपी ने इसका काफी विरोध किया। फिर गुरुवार को रातभर सदन में हंगामा होता रहा।स्थायी समिति के वोटों का गणित

स्थायी समिति में 6 सदस्यों का चुनाव होना है। लेकिन इसबार कुल 7 सदस्य मैदान में है। आप की तरफ से 4 जबकि बीजेपी की तरफ से 3 पार्षद मैदान में है। एमसीडी एक्ट के अनुसार, एक प्रत्याशी को 35 वोट मिलने के बाद वह निर्वाचित हो जाएगा। ऐसे में अगर बीजेपी को अपने तीनों कैंडिडेट को जिताने हैं तो उसे 105 वोटों की जरूरत थी। अभी उसके 104 पार्षद थे। लेकिन सहरावत के पार्टी में शामिल होने के बाद उनके पार्षदों की संख्या 105 हो गई है। यानी मौजूदा गणित के तहत बीजेपी के तीनों सदस्य चुनाव जी जाएंगे। वहीं, आप के भी तीन सदस्य जीत तो जाएंगे लेकिन चौथे कैंडिडेट की जीत के लिए उसे 6 वोटों की दरकार है।


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