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12 February 2023: दिन की पांच बड़ी ख़बरें 'Top 5 News Of The Day'

1. मौलाना अरशद मदनी के बयान से भड़के धर्मगुरु

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अधिवेशन के आखिरी दिन मौलाना अरशद मदनी के बयान पर जबर्दस्त बवाल हो गया। मदनी RSS चीफ के उस बयान का जवाब दे रहे थे, जिसमें उन्होंने कहा था- हिंदुओं और मुसलमानों के पूर्वज एक जैसे हैं। मदनी ने कहा- तुम्हारे पूर्वज हिंदू नहीं, मनु थे यानी आदम। उनके इस बयान के विरोध में अधिवेशन में पहुंचे अलग-अलग धर्मगुरु मंच छोड़कर चले गए।

दिल्ली के रामलीला मैदान में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के 34वें अधिवेशन के आखिरी दिन मौलाना मदनी ने कहा- मैंने पूछा कि जब कोई नहीं था। न श्रीराम थे, न ब्रह्मा थे और न शिव थे; जब कोई नहीं था तो मनु पूजते किसको थे। कोई कहता है कि शिव को पूजते थे। बहुत कम लोग ये बताते हैं कि मनु ओम को पूजते थे। ओम कौन है? बहुत से लोगों ने कहा कि उसका कोई रूप-रंग नहीं है। वो दुनिया में हर जगह हैं। अरे बाबा इन्हीं को तो हम अल्लाह कहते हैं। इन्हें आप ईश्वर कहते हैं।

जैन गुरु ने विरोध किया, कई संत उठकर चले गए

मौलाना मदनी के बयान का जैन मुुनि लोकेश ने विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह अधिवेशन लोगों को जोड़ने के लिए हो रहा है। ऐसे में इस तरह का बयान कहां तक जायज है। मुनि लोकेश ने मंच पर यह बात कही। इसके बाद वे कार्यक्रम से उठकर चले गए। उनके बाद दूसरे धर्मों के संतों ने भी कार्यक्रम छोड़ दिया।

अरशद मदनी बोले- हम जिसे आदम कहते हैं, वही मनु

मौलाना मदनी ने कहा, 'हजरत आदम जो नबी थे, सबसे पहले उन्हें भारत की धरती के भीतर उतारा। अगर चाहता तो आदम को अफ्रीका, अरब, रूस में उतार देता। वो भी जानते हैं, हम भी जानते हैं कि आदम को दुनिया में उतारने के लिए भारत की धरती को चुना गया।'

2.  म्यांमार में लाइसेंसी गन रख सकेंगे आम नागरिक! सरकार इस शर्त पर दे सकती है इजाजत

म्यांमार में अब आम लोगों को भी लाइसेंसी गन रखने की छूट मिल सकती है. मीडिया रिपोर्ट और एक असत्यापित सरकारी दस्तावेज के मुताबिक मिलिट्री शासित (Military Ruled) म्यांमार नागरिकों को फायर आर्म्स (Firearms) रखने को लेकर लाइसेंस के लिए आवेदन करने की अनुमति देने के लिए तैयार है. हालांकि इसके लिए सरकार सिर्फ उन्हें ही आवेदन करने के लिए इजाजत देगी, जो देश के प्रति वफादार नागरिक हैं. उधर, विशेषज्ञों को इस बात की चिंता सता रही है कि गन (Gun) रखने के लिए लाइसेंस मिलने से हिंसा (Violence) में बढ़ोतरी होगी.

म्यांमार में किस शर्त पर लाइसेंसी गन?

म्यांमार में गन लाइसेंस (Gun License) से संबंधित लीक हुए दस्तावेज की रॉयटर्स समेत कई अन्य मीडिया संस्थानों की ओर से समीक्षा की गई थी. कथित रिपोर्ट के मुताबिक गन का लाइसेंस चाहने वालों के लिए सरकार ने मानदंड तय किए हैं. दस्तावेज़ में पाई गई शर्तों में वफादारी की जरूरत के अलावा, 18 वर्ष की आयु सीमा शामिल है. हालांकि रॉयटर्स 15 पेज के दस्तावेज़ को तुरंत सत्यापित नहीं कर सका और यह स्पष्ट नहीं था कि ऐसा कानून कब प्रभावी होगा.

म्यांमार में बढ़ सकती है हिंसा

म्यांमार (Myanmar) में गन लाइसेंस से संबंधित कथित खबरों को लेकर विशेषज्ञों की चिंता बढ़ गई है. उनका मानना है कि नागरिकों को बंदूक ले जाने की अनुमति देने से प्रो-जुंटा ग्रुप सशक्त होंगे और केवल हिंसा को बढ़ाने का काम करेंगे. सैन्य और सशस्त्र प्रतिरोध बलों के बीच रोजाना संघर्ष और बढ़ेंगे. रिपोर्ट के मुताबिक सैन्य सरकार को रक्षा मंत्रालय की ओर से लाइसेंस प्राप्त बंदूक और गोला-बारूद के आयात और बिक्री का अधिकार होगा.

विस्थापित लोगों को लेकर यूएन की रिपोर्ट

अमेरिका स्थित संघर्ष निगरानी समूह Acled का कहना है कि पिछले साल लगभग 19,000 लोग मारे गए थे क्योंकि विरोध प्रदर्शनों पर सेना की कार्रवाई के कारण कई लोगों ने जुंटा के खिलाफ हथियार उठा लिए थे. संयुक्त राष्ट्र (UN) के मुताबिक संघर्ष में करीब 1.2 मिलियन लोग विस्थापित हुए हैं और 70,000 से अधिक लोग देश छोड़कर चले गए हैं.

3. 13 राज्यों को मिले नए राज्यपाल, किनका हुआ तबादला-किनको मिली कुर्सी


महाराष्ट्र समेत 13 राज्यों के राज्यपाल बदले गए हैं. केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इन नामों पर मुहर लगा दी है. इसके पहले राष्ट्रपति ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और लद्दाख के उपराज्यपाल राधा कृष्णन माथुर का इस्तीफा स्वीकार किया था. इन जगहों पर नई नियुक्ति भी की गई है. महाराष्ट्र में कोश्यारी की जगह रमेश बैस को गर्वनर बनाया गया है. रमेश बैस अब तक झारखंड के राज्यपाल थे. आइए देखते हैं किन राज्यों में नए राज्यपाल की नियुक्ति की गई है.

अरुणाचल प्रदेश

(रिटायर) लेफ्टिनेंट जनरल कैवल्य त्रिविक्रम परनाइम अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल बनाए गए हैं. इसके पहले यहां पर बीडी मिश्रा राज्यपाल थे. 

सिक्किम

लक्ष्मण प्रसाद आचार्य को सिक्किम का नया राज्यपाल बनाया गया है. वे गंगा प्रसाद चौरसिया की जगह लेंगे. चौरसिया का कार्यकाल 7 फरवरी को पूरा हो चुका है.

झारखंड

बीजेपी के वरिष्ठ नेता सी. पी. राधाकृष्णन को झारखंड के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया है. वे रमेश बैस की जगह लेंगे, जिन्हें महाराष्ट्र का गवर्नर बनाकर भेजा गया है.

हिमाचल प्रदेश

पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश को भी नया राज्यपाल मिला है. शिव प्रताप शुक्ल को यहां नियुक्ति दी गई है. उत्तर प्रदेश से संबंध रखने वाले शिव प्रताप शुक्ला बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं.

असम

बीजेपी नेता गुलाब चंद कटारिया को असम का राज्यपाल बनाकर भेजा गया है. यहां पर अभी तक जगदीश मुखी की राज्यपाल के रूप में तैनाती थी. 

आंध्र प्रदेश

पूर्व जस्टिस एस अब्दुल नजीर को आंध्र प्रदेश का नया राज्यपाल बनाया गया है. वे इसी साल 4 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए थे. 

छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके को भी बदला गया है. उनकी आंध्र प्रदेश के राज्यपाल बिस्वा भूषण हरिचंदन को तैनाती दी गई है. 

मणिपुर

छत्तीसगढ़ की राज्यपाल के रूप में वर्तमान में तैनात अनुसुइया उइके को मणिपुर का राज्यपाल बनी हैं. वे मणिपुर में तैनात ला गणेशन की जगह लेंगी. 

नागालैंड

मणिपुर के राज्यपाल ला गणेशन को नगालैंड का राज्यपाल बनाकर भेजा गया है. राज्य में चुनावों के बीच राज्यपाल की तैनाती को महत्वपूर्ण माना जा रहा है. 

मेघालय

यूपी से तीन नेताओं को लिस्ट में जगह मिली है. फागू चौहान भी उनमें से एक हैं. फागू चौहान को मेघालय का राज्यपाल बनाया गया है. वे अभी तक बिहार के राज्यपाल थे.

बिहार

राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को बिहार का नया राज्यपाल बनाया गया है. वर्तमान में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आर्लेकर बिहार में फागू चौहान की जगह लेंगे.

महाराष्ट्र

झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया गया है. महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने इस्तीफा दिया था, जिसे राष्ट्रपति ने मंजूर कर लिया है.

लद्दाख

केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को पूर्व ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा के रूप में नया उपराज्यपाल मिला है. वे अभी तक अरुणाचल  प्रदेश के राज्यपाल थे. 

4. दिल्‍ली-मुंबई एक्‍सप्रेसवे: सिर्फ 3 घंटे में जयपुर! 

दिल्‍ली से जयपुर बाई रोड जाना है तो अब आधे वक्‍त में पहुंच जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को दिल्‍ली-मुंबई एक्‍सप्रेसवे के पहले स्‍ट्रेच का उद्घाटन करेंगे। हरियाणा के सोहना से राजस्थान के दौसा के बीच का स्‍ट्रेच तैयार है। मंगलवार से इसपर ट्रैफिक शुरू कर दिया जाएगा। अभी दिल्‍ली से जयपुर पहुंचने में करीब 5 घंटे लगते हैं। सोहना-दौसा स्‍ट्रेच खुलने के बाद करीब 3 घंटे में जयपुर पहुंचना पॉसिबल होगा। इस एक्सप्रेसवे पर ऑटो, बाइक को ड्राइव करने पर पाबंदी रहेगी। दिल्‍ली-मुंबई एक्‍सप्रेसवे पर ट्रेवलर्स को तेज रफ्तार के अलावा कई सुविधाएं मिलेंगी। देश के सबसे लंबे ग्रीन कॉरिडोर पर ऑप्टिकल फाइबर केबल, पाइपलाईन, सौर ऊर्जा एवं वाटर हार्वेस्टिंग के लिए खास इंतजाम हैं। आइए जानते हैं कि दिल्‍ली-मुंबई एक्‍सप्रेसवे का सोहना-दौसा स्‍ट्रेच खुलने के बाद क्‍या-क्‍या बदलने वाला है।दिल्ली-वडोदरा-मुंबई (DVM) एक्सप्रेसवे पर सफर का इंतजार अब खत्म होने वाला है। दिल्ली-दौसा तक का पहला फेज बनकर तैयार है। रविवार को पीएम नरेंद्र मोदी दौसा से इसका उद्घाटन करेंगे। सोहना रोड के अलीपुर में DVM एक्सप्रेसवे के पहले एंट्री पॉइंट पर समारोह होगा। उद्घाटन के दो दिन बाद एक्सप्रेसवे पर दिल्ली से जयपुर के बीच आवागमन शुरू हो जाएगा।

5. लॉकर में रखे रुपये दीमक चाट गए, तो क्या बैंक वापस करेगा? नियम क्या कहता है

ग्राहक बैंक लॉकर (Bank Locker) में अपना कीमती सामान इसलिए रखते हैं, ताकी वह सुरक्षित रहे। लेकिन अगर लॉकर में रखा-रखा ही आपका सामान बर्बाद हो जाए, तो जिम्मेदारी किसकी है? उदयपुर में पीएनबी बैंक लॉकर (PNB Bank Locker) की घटना के बाद से लाखों लोगों को यह सवाल परेशान कर रहा है। यहां बैंक लॉकर में रखे लाखों रुपयों को दीमक चट कर गई। ग्राहक ने लॉकर में सवा 2 लाख रुपये रखे थे। पैसों की जरूरत पड़ी तो वह निकालने पहुंचा। लॉकर देखा तो होश उड़ गए। नोटों की गड्डियां पाउडर बन गई थीं। दीमक (Termite) नोटों को चट कर गई थी। ऐसे में अब नुकसान की भरपाई कौन करेगा? क्या बैंक की कोई जिम्मेदारी नहीं है। आइए जानते हैं।

देश में एक फरवरी 2023 से नए लॉकर रूल्स (New Locker Rules) लागू हो गए हैं। इन नियम में ग्राहकों के लॉकर में रखे सामान की सुरक्षा को मजबूत किया गया है। ये नए रूल्स ग्राहकों के लिए बहुत फायदेमंद हैं। आरबीआई (RBI) ने बैंकों को एक जनवरी से मौजूदा लॉकर ग्राहकों के साथ लॉकर एग्रीमेंट (Locker Agreement) को रिन्यू करने के लिए कहा था। आरबीआई ने कहा था, 'बैंक यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके लॉकर एग्रीमेंट्स में कोई अनुचित शर्त या नियम नहीं हो। साथ ही लॉकर एग्रीमेंट ज्यादा कठिन नहीं हों।' अब आइए जानते हैं कि ये नियम क्या हैं।

अगर बैंक की लापरवाही से लॉकर में रखे सामान को कोई नुकसान पहुंचता है, तो बैंक को इसके लिए मुआवजा (Compensation) देना होगा। आरबीआई के नए मानकों में यह प्रावधान रखा गया है। आरबीआई के नए रूल्स के अनुसार बैंकों कि जिम्मेदारी है कि वे लॉकर और बैंक परिसर की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएं। बैंक को यह सुनिश्चित करना होगा कि आग, चोरी, डकैती या बिल्डिंग गिर जाने जैसी घटनाएं उनकी अपनी लापरवाही या चूक के चलते नहीं हों।

आरबीआई के नए नियमों के अनुसार, बैंकों को लॉकर में रखे सामान को हुए नुकसान की जिम्मेदारी लेनी होगी। वे यह नहीं कह सकते की सामान को हुए नुकसान के लिए उनका ग्राहक के प्रति कोई उत्तरदायित्व नहीं है।

अगर बैंक की लापरवाही के चलते लॉकर में रखी सामग्री को नुकसान होता है, तो बैंक को मुआवजा देना होगा। बैंक के कर्मचारी की धोखाधड़ी के कारण नुकसान होता है तो भी मुआवजा देना होगा। यह मुआवजा लॉकर के सालाना किराए के 100 गुना तक होगा।

अगर प्राकृतिक आपदा जैसे- भूकंप, बिजली गिरने, तूफान या बाढ़ आदि के चलते लॉकर के सामान को नुकसान होता है, तो बैंक की जिम्मेदारी नहीं होगी। ग्राहक की गलती या लापरवाही के कारण अगर लॉकर के सामान को नुकसान पहुंचता है, तो भी बैंक जिम्मेदार नहीं होगा। हालांकि, बैकों को ऐसी आपदाओं से सुरक्षा के लिए सावधानी बरतने के निर्देश दिये गए हैं।

उदयपुर की पीएनबी ब्रांच में दीमक की घटना सामने आने के बाद ब्रांच के दूसरे लॉकर्स में भी दीमक होने की आशंका जताई जा रही है। ऐसा हुआ तो इससे बैंक की लापरवाही सिद्ध होगी। ऐसे में बैंक को नुकसान का मुआवजा देना पड़ सकता है। बैंक मैनेजर का कहना है कि उन्होंने इस घटना के बारे में अधिकारियों को जानकारी दी है। लेकिन लॉकर में दीमक कैसे लगी, इस बारे में अभी बैंक अधिकारी कुछ नहीं कह पा रहे हैं।


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