शैतान बच्चों की इस हरकत से डरे हुए हैं स्कूल
स्कूल में बच्चों को बुली करना या होना, एक आम समस्या है और ये बात आज की नहीं है बल्कि कई सालों से चली आ रही है। बच्चों पर इस हरकत का बहुत बुरा असर पड़ता है और कभी-कभी तो वो मेंटली बहुत आहत हो जाते हैं और कोई गलत कदम उठा लेते हैं।
अब बच्चों को बुली से बचाने के लिए दिल्ली के स्कूलों में कई कदम उठाए गए हैं जैसे कि स्कूल की कमेटी ने स्कूल में बच्चों की शिकायत दर्ज करने के लिए एक कंप्लेंट बॉक्स रखा है, जूनियर और सीनियर बच्चों के लंच ब्रेक का टाइम अलग कर दिया है और बच्चों के लिए काउंसलर उपलब्ध करवाए हैं।
दिल्ली के स्कूलों में किए गए इन बदलावों से ही आप समझ सकते हैं कि बच्चों का स्कूल में बुली होना कितनी बड़ी प्रॉब्लम है और यह बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो सकता है।
यहां हम आपको स्कूल में बच्चे के बुली होने से जुड़ी कुछ अहम बातों के बारे में बता रहे हैं। अगर आपका बच्चा भी स्कूल जाता है, तो आप बच्चों के बुली होने की बातों को इग्नोर बिलकुल न करें।
फरीदाबाद में स्कूल के अंदर लंबे समय से बुली का शिकार हो रहे एक 16 साल के लड़के ने सुसाइड कर लिया था। इस हादसे के बाद ही स्कूलों में बुली को एक बड़ी चिंता के रूप में देखा जा रहा है।
इस मामले में दिल्ली के स्कूलों के प्रिंसिपलों का कहना है कि अब संस्थानों के लिए अपराध पर दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करना अनिवार्य हो गया है।
यहां हम आपको कुछ ऐसे लक्षणों या संकेतों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें देखने के बाद आपको यह अंदाजा हो जाना चाहिए कि स्कूल में आपके बच्चे को बुली किया जा रहा है।
लगातार स्ट्रेस और एंग्जायटी में रहने की वजह से सिरदर्द और पेट दर्द होना आम बात है। नेशनल बुली प्रिवेंशन सेंटर में एजुकेशनल राइट्स के पेरेंट एडवोकेसी कोएलिशन में एसोसिएट बेली लिंडग्रेन का कहना है कि अगर बच्चा बहुत जल्दी-जल्दी बीमार पड़ रहा है तो यह किसी मेंटल टेंशन का संकेत हो सकता है।
इसके अलावा जब बच्चा ठीक से सो नहीं पा रहा, बहुत उदास रहने लगा है या बात-बात पर रो पड़ता है, बात करनी कम कर दी है, तो आप इन चीजों को इग्नोर न करें।साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर देवेंद्र से जब पूछा गया कि बच्चे के बुली होने की वजह से परेशान होने पर पैरेंट्स को क्या करना चाहिए तो उन्होंने बताया कि सबसे पहले पेरेंट-चाइल्ड का रिश्ता ओपन होना चाहिए।
डॉक्टर देवेंद्र कहते हैं कि आपका रिश्ता बच्चे से ऐसा होना चाहिए कि वो अपनी हर बात आपसे शेयर करे, अपने दोस्तों और स्कूल में दिन कैसा गया, इस सबके बारे में बताएं।
अगर बुली होने की वजह से बच्चा मानसिक रूप से डिस्टर्ब हो रहा है, तो आप बच्चे की बातचीत काउंसल, साइकेट्रिस्ट, मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल या स्पेशलिस्ट से करवाएं।
इसके अलावा डॉक्टर देवेंद्र घर में पॉजिटिव एनवायरमेंट रखने की सलाह देते हैं।
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