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8 JUNE 2023: दिन की पांच बड़ी ख़बरें 'Top 5 News Of The Day

 1.WhatsApp पर प्राइवेट ब्रॉडकास्ट मैसेज हुआ आसान, Meta ने पेश किया खास टूल चैनल्स

सोशल मीडिया कंपनी मेटा (Meta) ने अपने मैसेंजर प्लेटफॉर्म व्हाट्सऐप (WhatsApp) के लिए गुरुवार को ब्रॉडकास्ट टूल चैनल्स पेश किया है. मेटा ने कहा कि यह एक ऐसी सुविधा है, ऐप को प्राइवेट ब्रॉडकास्ट मैसेज प्रोडक्ट बनाने में मदद करेगा. रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, कोलम्बिया और सिंगापुर के यूजर्स को सबसे पहले चैनल का एक्सेस हासिल होगा. कंपनी का कहना है कि आने वाले महीनों में वह ज्यादा देशों में यूजर्स के लिए डिवाइस की उपलब्धता का विस्तार करेगा.

चैनल एडमिन किसमें होंगे सक्षम

खबर के मुताबिक, चैनल एडमिन की प्रोफ़ाइल फ़ोटो और संपर्क जानकारी फ़ॉलोअर को दिखाई नहीं देंगी. इसी तरह, फॉलोअर्स के पास उनके फोन नंबर नहीं होंगे. चैनल एडमिन मैसेज टेक्स्ट, फोटो, वीडियो, स्टीकर्स और पोल अपने फॉलोअर को भेजने में सक्षम होंगे. इस पर उनके फॉलोअर रिप्लाई नहीं कर सकेंगे. चैनल एडमिन को अपने चैनल में फ़ॉलोअर ऐड करने की परमिशन नहीं होगी. मैसेज डिलीट होने से 30 दिन पहले तक स्टोर रहेंगे.

चैनल एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन का इस्तेमाल नहीं करेंगे

व्हाट्सऐप ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि परंपरागत व्हाट्सऐप (WhatsApp) मैसेज के उलट, चैनल एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन का इस्तेमाल नहीं करेंगे ताकि वे बड़े लेवल पर व्यूअर्स तक पहुंच सकें. कंपनी का कहना है कि एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड चैनल भविष्य में एनजीओ या स्वास्थ्य संगठनों जैसे समूहों के लिए शुरू हो सकते हैं जो चाहते हैं कि उनका कम्यूनिकेशन ज्यादा सेफ रहे.

एक नए अपडेट टैब करेगा काम

व्हाट्सऐप (WhatsApp) यूजर्स आखिरकार उन चैनलों को खोजने में सक्षम होंगे जिन्हें वे सर्च लायक डायरेक्ट्री में शामिल करना चाहते हैं. यूजर एक नए अपडेट टैब के जरिये फॉलो किए जाने वाले चैनल तक पहुंच सकेंगे. व्हाट्सएप ने कहा कि टैब फैमिली, दोस्तों और कम्यूनिटी के साथ आपकी चैट से अलग होगा. बता दें, मेटा (Meta), जब फेसबुक के नाम से जाना जाता था, तब कंपनी ने साल 2014 में 19 बिलियन डॉलर में व्हाट्सऐप (WhatsApp) का अधिग्रहण किया था. 


2.क्या है e-RUPI वाउचर? आरबीआई ने नॉन बैंक कंपनियों को दी अनुमति, जानें आपका क्या फायदा

भारतीय रिजर्व ​बैंक की मौद्रिक नीति समिति के बैठक के बाद आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करने का एलान किया है. इसी के साथ ही e-RUPI वाउचर के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि इसका दायरा अब बढ़ाया जा रहा है और अब नॉन बैंकिंग कंपनियों को भी इसे जारी करने की अनुमति होगी. 

गर्वनर ने कहा कि ई-रूपी वाउचर की सुविधा को सरल बनाने के लिए नॉन बैंक को भी अनुमाति दी गई है. गर्वनर ने e-RUPI वाउचर को जारी करने के प्रॉसेस और रिडेम्पशन को भी सरकल करने के​ लिए कहा है. अभी तक केवल बैंकों की ओर से ही ई-रूपी वाउचर जारी करने की सुविधा थी. दास ने कहा कि इससे डिजिटल पैठ और गहरा होगा. 

क्या है e-RUPI वाउचर?

अगस्त 2021 में डिजिटल बाउचर e-RUPI को लॉन्च किया गया था. यह भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) सिस्टम पर चलता है. मौजूदा समय में इस वाउचर को बैंकों की ओर से केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से एक सीमित सीमा तक जारी किया जाता है. यह एक डिजिटल पेमेंट का तरीका है. सरकार इस तरीके का उपयोग अपने वेलफेयर स्कीम के लिए कर रही है. इस तरीके से कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस तरीके पैसे मिल जाते हैं और किसी मिडिलमैन की आवश्यकता नहीं होती है. इसमें सिर्फ एक QR Code के स्कैन करने पैसे व्यक्तियों के अकाउंट में आसानी से और जल्दी चले जाते हैं. 

कैसे करता है ये काम?

ई-रूपी वाउचर नेट बैंकिंग , IMPS आदि जैसे पेमेंट विकल्पों से सरल है. ई-रूपी वाउचर के तहत एक क्यूआर कोड से एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में पैसे भेज दिए जाते हैं. इसे एक प्रीपेड वाउचर की तरह उपयोग कर सकते हैं. 

क्या होगा फायदा 

यह सुविधा एसबीआई (SBI),  एक्सिस बैंक (Axis Bank), बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda), आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank), एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) आदि बैंकों द्वारा दी जाती है. हालांकि अब आरबीआई ने इसका दायरा बढ़ाने का एलान किया है. यह खासकर उन लोगों के लिए है, जो बैंक से मनी ट्रांसफर या बैंक की सुविधाओं का उपयोग नहीं करते हैं. उदाहरण- अगर कोई व्यक्ति अस्पताल में भर्ती है और सरकार उसे पैसे भेजना चाहती है तो एक क्यूआर कोड भेजेगी, जिसे स्कैन करके हॉस्पिटल अपना पेमेंट ले सकता है. 

3. लोन महंगे नहीं होंगे, EMI भी नहीं बढ़ेगी:रेपो रेट 6.50% पर बरकरार

भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को रेपो रेट में इजाफा न करने का फैसला किया। यानी ब्याज दर 6.50% बनी रहेगी। लगातार दूसरी बार RBI ने दरों में बदलाव नहीं किया है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग में लिए फैसलों की जानकारी दी।

RBI के अनुमान के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 (FY24) में महंगाई 4% के ऊपर ही रहने की संभावना है। इसके अलावा वित्त वर्ष 2023-24 में रियल GDP ग्रोथ 6.5% रहने का अनुमान है। Q1 में 8%, Q2 में 6.5%, Q3 में 6% और Q4 में 5.7% GDP रह सकती है।

RBI ने 6 बार में दरें 2.50% बढ़ाई

RBI ने मई 2022 से फरवरी 2023 तक 6 बार में दरों में 2.50% की बढ़ोतरी की है। अप्रैल में रेपो रेट को 6.50% पर अपरिवर्तित रखा गया था। उससे पहले फरवरी में दरों को 6.25% से बढ़ाकर 6.50% किया गया था। मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग हर दो महीने में होती है।रेपो रेट में बदलाव न होने से लोन महंगे नहीं होंगे, EMI भी नहीं बढ़ेगी

RBI के पास रेपो रेट के रूप में महंगाई से लड़ने का एक शक्तिशाली टूल है। जब महंगाई बहुत ज्यादा होती है तो, RBI रेपो रेट बढ़ाकर इकोनॉमी में मनी फ्लो को कम करने की कोशिश करता है। रेपो रेट ज्यादा होगा तो बैंकों को RBI से मिलेने वाला कर्ज महंगा होगा। बदले में बैंक अपने ग्राहकों के लिए लोन महंगा कर देते हैं। इससे इकोनॉमी में मनी फ्लो कम होता है। मनी फ्लो कम होता है तो डिमांड में कमी आती है और महंगाई घट जाती है।

इसी तरह जब इकोनॉमी बुरे दौर से गुजरती है तो रिकवरी के लिए मनी फ्लो बढ़ाने की जरूरत पड़ती है। ऐसे में RBI रेपो रेट कम कर देता है। इससे बैंकों को RBI से मिलने वाला कर्ज सस्ता हो जाता है और ग्राहकों को भी सस्ती दर पर लोन मिलता है। इस उदाहरण से समझते हैं। कोरोना काल में जब इकोनॉमिक एक्टिविटी ठप हो गई थीं तो डिमांड में कमी आई थी। ऐसे में RBI ने ब्याज दरों को कम करके इकोनॉमी में मनी फ्लो को बढ़ाया था।

2023-24 में रियल GDP ग्रोथ 6.5% रह सकती है

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने GDP को लेकर कहा कि भारत की वित्त वर्ष 2023 में रियल GDP 7.2% देखने को मिली जो पहले के 7% के अनुमान से ज्यादा मजबूत है। सभी फैक्टर्स को ध्यान में रखते हुए, 2023-24 के लिए रियल GDP ग्रोथ 6.5% देखने को मिल सकती है।

महंगाई को लेकर चिंता और अनिश्चितता बरकरार

RBI गवर्नर ने कहा कि महंगाई को लेकर चिंता और अनिश्चितता अभी भी बरकरार है। RBI के अनुमान के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 (FY24) में महंगाई 4% के ऊपर ही रहने की संभावना है। RBI ने महंगाई अनुमान को FY24 में 5.2% से घटाकर 5.1% किया है।

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने महंगाई पर अर्जुन की नजर बनाए रखने की जरूरत को दोहराया। उन्होंने कहा कि महंगाई अभी भी 4% के टारगेट से ऊपर बनी हुई है। उन्होंने ये भी कहा कि यात्रा का अंतिम चरण हमेशा सबसे कठिन होता है।

4. मुंबई: 56 साल के शख्स ने लिव-इन पार्टनर को कटर से टुकड़े कर कुकर में उबाले, फिर कुत्तों को खिलाए

मुंबई में श्रद्धा वालकर हत्याकांड जैसा मामला सामने आया है। यहां के मीरा रोड इलाके में एक 32 साल की महिला का उसके 56 साल के लिव इन पार्टनर ने मर्डर करके लाश को आरी से काटा। कुछ टुकड़ों को उसने कुकर में भी उबाला। ऐसा कहा जा रहा है कि दोनों के बीच झगड़ा हुआ था। इसके बाद आरोपी ने गुस्से में हत्या कर दी।

आरोपी का नाम मनोज साहनी है। वह पिछले 3 साल से सरस्वती वैद्य नाम की महिला के साथ मीरा रोड इलाके की आकाशगंगा बिल्डिंग के 7वें फ्लोर पर किराए के फ्लैट में रह रहा था। फ्लैट से बदबू आने के बाद बिल्डिंग के लोगों ने बुधवार को पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस यहां जांच करने पहुंची।

पुलिस को संदेह है कि शरीर के कुछ हिस्सों को आवारा कुत्तों को खिलाया गया। सोसाइटी के रहवासियों ने पुलिस को बताया कि आरोपी को पिछले दो-तीन दिनों में कुत्तों को कुछ खिलाते देखा गया। इन लोगों ने बताया कि आरोपी को पहले ऐसा करते कभी नहीं देखा गया। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है।

तीन-चार दिन पहले किया गया मर्डर

DCP जंयत बजबाले ने बताया कि हम मौके पर पहुंचे तो फ्लैट में एक महिला की लाश के टुकड़े मिले। ये टुकड़े सड़ चुके थे, जिसे देखकर हमने अनुमान लगाया है कि मर्डर तीन-चार दिन पहले किया गया था। अभी तक हत्या की तारीख पता नहीं चली है। शुरुआती जांच में बस ये पता चला है कि महिला की बेरहमी से हत्या की गई।

पुलिस ने बताया: झगड़े के चलते किया मर्डर

जयंत बजबाले ने बताया कि मनोज साहनी और सरस्वती वैद्य के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था, जिसके बाद मनोज ने उसकी हत्या कर दी। मनोज ने उसके शरीर को कटर से काटा। जब हम वहां पहुंचे और गेट खोला तो हमें समझ आया कि ये मर्डर का केस है और आरोपी ने सबूत छिपाने की कोशिश की है। पुलिस हत्या की वजह का पता लगा रही है।

पिछले हफ्ते भायंदर बीच पर मिली थी सिर कटी लाश

पिछले हफ्ते 2 जून को मुंबई के भायंदर बीच पर एक महिला की सिर कटी लाश मिली थी। लाश एक सूटकेस में रखी हुई थी। पुलिस ने मृतका की पहचान कर ली है। ये लाश बिहार के सीतामढ़ी की रहने वाली अंजलि सिंह की थी।

अंजलि पिछले 2 साल से मुंबई में रह रही थी। पुलिस ने हत्या के आरोप में अंजलि के पति मिंटू सिंह को गिरफ्तार किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मिंटू ने लड़ाई के दौरान अंजलि का सिर दीवार में दे मारा, जिससे उसकी मौत हो गई।

5.Conversion Racket: यूपी से लेकर महाराष्ट्र तक फैला 'धर्मांतरण का खेल', जानें क्या है ये खतरनाक सीक्रेट गेम

यूपी के गाजियाबाद में धर्म परिवर्तन के बड़े मामले का खुलासा हुआ है. आरोप है कि ऑनलाइन गेमिंग के जरिए नाबालिग बच्चों को टारगेट किया जा रहा था और उनक धर्मांतरण हो रहा था. इस गैंग पर करीब 400 लोगों के धर्मांतरण का आरोप है. इस पूरे मामले के तार अब गाजियाबाद से लेकर महाराष्ट्र के मुंब्रा तक फैल चुके हैं. पुलिस और एनआईए पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर ये सीक्रेट खेल कितना बड़ा है और कैसे सैकड़ों लोग इसके जाल में फंसे.

धर्मांतरण की जो कहानी गाजियाबाद से शुरू हुई तो वो अब महाराष्ट्र के मुंब्रा तक पहुंच गई है और अब हर किसी के जेहन में यही सस्पेंस कौंध रहा है कि ये कैसा रैकेट है जो शहर दर शहर धर्मांतरण का बड़ा नेटवर्क चला रहा है. आखिर कन्वर्जन का ये खेल क्या है, इसका मास्टरमाइंड कौन है, इस पड़ताल में जो जानकारी सामने आई है वो बेहद हैरान करने वाली है. 

कई शहरों के बच्चों को टारगेट करने की बात

गाजियाबाद में जिस तरह से बच्चों के धर्मपरिवर्तन का खेल चल रहा था उसकी जांच में कई बड़े सस्पेंस से पर्दा उठा है. पता ये चला है कि ऑनलाइन गेम के जरिए पांच बच्चों का धर्मांतरण किया गया और वो बच्चे अलग-अलग शहरों के हैं, लेकिन हर बच्चा एक खास तरह का गेम खेल रहा था. इस पूरे कन्वर्जन रैकेज का मास्टरमाइंड शहनवाज उर्फ बद्दो को बताया गया है. जिसने ऑनलाइन गेमिंग के जरिए बच्चों को अपने जाल में फंसाने का काम किया. 

मास्टरमाइंड की तलाश में जुटी पुलिस

पुलिस जांच में पता चला है कि शहनवाज ऑनलाइन गेम के जरिए बच्चों को गुमराह करने में महारथ हासिल कर चुका था. जांच में पता चला है कि शहनवाज ने एक नहीं पांच-पांच बच्चों को गेम के जरिए गुमराह किया. जांच शुरू हुई तो इस खेल में शामिल अब्दुल रहमान नाम का एक मौलवी भी पकड़ा गया, लेकिन खेल का मास्टरमाइंड बद्दो अब तक फरार है. जिसकी तलाश में मुंबई पहुंची गाजियाबाद पुलिस ने ठाणे और सोलापुर में कई लोगों को हिरासत में लिया. 

इस गेम को बनाया गया धर्मांतरण का हथियार

आरोपी बद्दो Fortnite गेम का सहारा लेकर बच्चों को टारगेट करता था. बच्चों के इस ऑनलाइन गेम से कई लोग वाकिफ हैं, लेकिन लोग इस बात से अंजान थे कि इस गेम के जरिए गाजियाबाद में बच्चों के धर्मांतरण का नापाक खेल चल रहा है. पुलिस की मानें तो शहनवाज Fortnite गेम का माहिर खिलाड़ी है. कोरोना काल में ये ऑनलाइन खेल बच्चों में खूब लोकप्रिय हुआ, पुलिस के मुताबिक ये गेम प्ले स्टोर पर उपलब्ध नहीं है, लेकिन इसे दूसरे ऐप के जरिए जरिए डाउनलोड किया जा रहा था.  

बच्चों से ऐसे होती थी बातचीत

दरअसल Fortnite गेम में कई प्लेयर होते हैं. इसका एक प्लेयर शहनवाज भी था. शहनवाज ने गेम में अपनी आईडी बद्दो के नाम से बना रखी थी. बच्चे शहनवाज के साथ ऑनलाइन गेम खेलना पसंद करते थे, क्योंकि वो इस खेल में चैंपियन था. बच्चों के साथ बातचीत के लिए Discord चैटिंग ऐप का इस्तेमाल किया जाता था, जिसमें ज्यादातर गेमर ही होते हैं. 

पुलिस जांच के मुताबिक इस ऐप पर शहनवाज ने बच्चों का एक ग्रुप बनाया हुआ था. इस चैट ग्रुप में बच्चे शहनवाज से गेम खलने के लिए कहते थे और उनके कहने पर शहनवाज ऑनलाइन गेम के लिए हाजिर हो जाता था. इसी चैटिंग प्लेटफॉर्म पर विवादित स्कॉलर जाकिर नाइक के वीडियो शेयर होते थे और कुछ ब्रेन वॉश करने वाले वीडियो भी शेयर किए जाते थे. इसके बाद बच्चों और लोगों को अपने पास की मस्जिद में जाकर इसकी प्रैक्टिस करने को कहा जाता था. 

मुंबई की लड़की का बड़ा दावा

गाजियाबाद के अलावा मुंबई की रहने वाली एक लड़की ने पुलिस से गुहार लगाई है, उसका कहना है कि उसके पापा का धर्म परिवर्तन कर दिया गया है और अब उस पर भी धर्म बदलने का दवाब डाला जा रहा है. सामने आए वीडियो में लड़की दावा कर रही है कि उसके पापा की तरह चार सौ लोगों का धर्म परिवर्तन किया जा चुका है. लड़की ने ये वीडियो उपदेश राणा नाम के शख्स को भेजा था, जो सनातन संघ नाम का संगठन चलाते हैं. लड़की ने उपदेश राणा से मदद मांगी कि किसी तरह उनके पापा को धर्म परिवर्तन गैंग के चंगुल से बाहर निकाला जाए. इसके बाद मामला पुलिस के सामने आया. 

धर्मांतण के इस बड़े रैकेट पर अब गृहमंत्रालय की भी नजर है. कहा जा रहा है कि केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए इस मामले की जांच कर सकती है. फिलहाल दो राज्यों की पुलिस इस मामले के मास्टरमाइंड की तलाश में ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है. 

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