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6 June 2023: दिन की पांच बड़ी ख़बरें 'Top 5 News Of The Day

 1.Cyclone Biporjoy: कितना कहर बरपाएगा चक्रवाती तूफान 'बिपरजॉय'? 

देश के तटीय इलाकों पर एक और चक्रवात का खतरा मंडरा रहा है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मंगलवार (6 जून) को कहा कि गुजरात में दक्षिणी पोरबंदर में दक्षिण-पूर्व अरब सागर पर कम दबाव का क्षेत्र उत्तर-पश्चिम की तरफ बढ़ सकता है. इसके चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है. इस तूफान को 'बिपरजॉय' (Cyclone Biporjoy) कहा जाएगा. बांग्लादेश की तरफ से ये नाम दिया गया है. 

मौसम विभाग ने एक बुलेटिन में कहा कि कम दबाव का क्षेत्र सुबह 8.30 बजे दक्षिण-पश्चिम गोवा से करीब 950 किलोमीटर, दक्षिण-दक्षिणपश्चिम मुंबई से 1,100 किमी, दक्षिण पोरबंदर से 1,190 किमी और पाकिस्तान में दक्षिण कराची से 1,490 किलोमीटर पर बना हुआ था. अगले 24 घंटों के दौरान दबाव क्षेत्र के उत्तर की ओर बढ़ने की संभावना है. यह पूर्व-मध्य अरब सागर और उससे सटे दक्षिण-पूर्व अरब सागर पर चक्रवाती तूफान में बदल सकता है. 

खतरनाक रूप ले सकता है चक्रवात

मौसम विभाग ने बताया कि चक्रवाती तूफान के गुरुवार (8 जून) की सुबह तक भीषण चक्रवाती तूफान में बदलने और शुक्रवार (9 जून) शाम तक प्रचंड रूप लेने की संभावना है. इसका सीधा असर केरल-कर्नाटक के तटों और लक्षद्वीप-मालदीव के इलाकों में देखने को मिलेगा. इसके साथ ही कोंकण-गोवा-महाराष्ट्र तट पर 8 से 10 जून तक समुद्र में बहुत ऊंची लहरें उठने की संभावना है. खतरे को देखते हुए समुद्र में गए मछुआरों को तट पर लौटने की सलाह दी गई है.  

केरल में कब होगी मानसून की शुरुआत?

आईएमडी ने सोमवार (5 जून) को कहा था कि दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बनने और अगले दो दिनों में इसमें तेजी आने के कारण चक्रवाती हवाएं मानसून के केरल तट की ओर आगमन को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं. हालांकि, केरल में मानसून की शुरुआत की तारीख नहीं बताई गई है. वहीं, 'स्काइमेट वेदर' ने बताया कि केरल में मानसून 8 या 9 को दस्तक दे सकता है लेकिन हल्की बारिश की ही संभावना है. 

IMD ने मानसून को लेकर क्या कहा?

आईएमडी (IMD) में वरिष्ठ वैज्ञानिक डीएस पई ने बताया कि केरल में सोमवार (5 जून) को भी अच्छी बारिश हुई थी और अगले दो से तीन दिन में मानसून के आगमन के लिए मौसम अनुकूल है. पई ने कहा कि चक्रवाती तूफान और बंगाल की खाड़ी में बन रहे कम दबाव के कारण दक्षिणी प्रायद्वीप में बारिश होगी. चक्रवात के कमजोर होने के बाद मानसून दक्षिणी प्रायद्वीप से आगे बढ़ेगा. 

मानसून के पिछले सालों के रिकॉर्ड

बीते सालों के रिकॉर्ड के मुताबिक इस बार दक्षिण पूर्वी मानसून (South East Monsoon) में देरी हुई है. साल 2022 में 29 मई, 2021 में 3 जून, 2020 में 1 जून, 2019 में 8 जून और 2018 में 29 मई को मानसून ने दस्तक दी थी. वैज्ञानिकों का कहना है कि केरल में मानसून में थोड़ी देर होने का मतलब यह नहीं होता कि मानसून देश के अन्य हिस्सों में भी देरी से पहुंचेगा. इससे मानसून के दौरान देशभर में कुल बारिश पर भी असर नहीं पड़ता है.

2. बिना Debit Card के भी निकाल सकते हैं एटीएम से कैश

बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) ने अपने ग्राहकों को बड़ी खुशखबरी दी है। इस बार बैंक ने एक नया फीचर शुरू किया है। अब ग्राहक बिना एटीएम कार्ड (ATM Card) के जरिये भी पैसे निकाल सकते हैं। बैंक ने ग्राहकों को ध्यान में रखते हुए ये सुविधा शुरू की है। अब ग्राहक एटीएम में यूपीआई ऐप (UPI App) के जरिये पैसे निकाल सकते हैं।

बैंक ऑफ बड़ौदा का बयान

बैंक ऑफ बड़ौदा ने इस सुविधा को लेकर कहा है कि वह पब्लिक सेक्टर का पहला बैंक है, जिसमें ये सुविधा ग्राहकों को दी गई है। अब ग्राहक आईसीसीडब्ल्यू (ICCW) सुविधा का लाभ उठाकर भीम (BHIM) ऐप या अन्य यूपीआई एप्लिकेशन के जरिये एटीएम से नकद निकासी कर सकेंगे। अन्य बैंकों के ग्राहक भी इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।

यूपीआई से पैसे कैसे निकाले

बैंक ऑफ बड़ौदा के एटीएम से पैसे निकालने के लिए ग्राहकों को डेबिट कार्ड की जरूरत नहीं होगी। आप यूपीआई के जरिये भी पैसे निकाल सकते हैं। इसके लिए आपको बैंक ऑफ बड़ौदा के एटीएम पर‘UPI Cash Withdrawal’का ऑप्शन चुनना होगा। इसके बाद आपको एटीएम की स्क्रीन पर एक क्यूआर कोड शो होगा। कोड को स्कैन करने के बाद आपको पिन दर्ज करना होगा। इसके बाद आपको अमाउंट डालना होगा।

बैंक के मुख्य डिजिटल ऑफिसर अखिल हांडा ने कहा कि आईसीसीडब्ल्यू की सेवा से ग्राहकों को डेबिट कार्ड के बिना पैसे निकालने की आजादी होगी। ग्राहक एक दिन में 2 बार टांजेक्शन कर सकते हैं। यानी कि आप पूरे दिन में केवल दो बार ही सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। आप एक बार में 5,000 रुपये से ज्यादा विड्रॉ कर सकते हैं। भारत में बैंक ऑफ बड़ौदा के 11,000 से ज्यादा एटीएम है। अगर आप बैंक ऑफ बड़ौदा के ग्राहक नहीं है तब भी आप इस सर्विस का लाभ उठा सकते हैं।

3. मणिपुर में फिर हिंसा: उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ में BSF जवान शहीद, 2 जवान भी घायल; किया गया एयरलिफ्ट

सेना के अधिकारियों ने बताया कि मणिपुर के सेरो में सुरक्षाबलों और उग्रवादियों के एक समूह के बीच 5-6 जून की दरमियानी रात एक बार फिर गोलीबारी की खबर सामने आई है। इसमें सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक जवान की मौत हो गई, जबकि असम राइफल्स के दो जवान गंभीर रूप से घायल हैं।

एक जवान की मौत, एक गंभीर रूप से घायल

भारतीय सेना के स्पीयर कोर ने एक बयान में कहा, "बीएसएफ के एक जवान की गंभीर रूप से घायल होने के कारण मौत हो गई, जबकि असम राइफल्स के दो जवान गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हैं।" अधिकारियों ने बताया कि घायल असम राइफल्स के जवानों को विमान से मंत्रिपुखरी ले जाया गया है।

साथ ही, उन्होंने कहा "असम राइफल्स, बीएसएफ और पुलिस द्वारा मणिपुर में सुगनू/सेरौ के क्षेत्रों में व्यापक व्यापक सर्चिंग अभियान चलाए गए। सुरक्षा बलों और विद्रोहियों के समूह के बीच 5-6 जून की रात को रुक-रुक कर पूरी रात गोलीबारी हुई, सुरक्षा बलों ने प्रभावी ढंग से जवाबी कार्रवाई की।"

तेजी से चलाया जा रहा सर्च ऑपरेशन

असम राइफल्स, सीएपीएफ (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल) और पुलिस के साथ भारतीय सेना ने मणिपुर में हाल के संकट के बाद व्यापक रूप से अभियान शुरू कर दिया है और सर्च ऑपरेशन भी तेजी से चल रहा है।

भारी मात्रा में हथियार बरामद

सेना के अधिकारियों ने कहा कि सेना, असम राइफल्स, पुलिस और सीआरपीएफ ने शनिवार को पूरे मणिपुर में पहाड़ी और घाटी क्षेत्र में एरिया डोमिनेशन ऑपरेशन शुरू किया। मानव रहित हवाई वाहनों और क्वाडकॉप्टरों की निगरानी के जरिए अब तक 40 हथियार (ज्यादातर स्वचालित), मोर्टार, गोला-बारूद और अन्य जंगी सामान बरामद किए गए हैं।

10 जून तक राज्य में इंटरनेट बंद

मणिपुर सरकार ने राज्य में इंटरनेट को 10 जून तक बंद रखने का फैसला लिया है। आयुक्त (गृह) एच ज्ञान प्रकाश द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है कि ब्रॉडबैंड सहित मोबाइल डेटा सेवाओं का निलंबन 10 जून की दोपहर तीन बजे तक बढ़ा दिया गया है। राज्य में तीन मई से इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाया गया था।

अमित शाह ने दी थी चेतावनी

मणिपुर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे के दौरान दिए गए निर्देशों के बाद सुरक्षाबलों ने एक बार फिर सभी लोगों से मणिपुर में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए जल्द से जल्द हथियार रखने की अपील की है। सुरक्षाबलों ने यह भी चेतावनी दी कि इन हथियारों को सरेंडर करने में विफल रहने पर ऐसे सभी लोग कड़ी कानूनी कार्रवाई के लिए उत्तरदायी होंगे।

मणिपुर में 3 मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन (एटीएसयू) द्वारा मैतेई को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में शामिल करने की मांग के विरोध में आयोजित एक रैली के दौरान हिंसा हुई थी। 

4. पहलवानों के मामले में एक्शन, बृजभूषण सिंह के यूपी वाले घर पहुंची SIT, परिवार समेत 12 के बयान दर्ज

बीजेपी सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद पर रहे बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पिछले लंबे समय से पहलवानों का प्रदर्शन जारी है. यौन उत्पीड़न और तमाम तरह के आरोपों के बाद उनके खिलाफ मामला तो दर्ज कर लिया गया, लेकिन अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई. जिसे लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहलवान धरने पर बैठे हैं. अब इस मामले में दिल्ली पुलिस की एसआईटी यूपी पहुंच चुकी है. महिला पहलवानों के यौन शोषण मामले की जांच कर रही एसआईटी गोंडा में सांसद बृजभूषण सिंह के पैतृक निवास पहुंची, जहां कई लोगों के बयान दर्ज किए गए. 

लोगों के बयान किए दर्ज

दिल्ली पुलिस की टीम बृजभूषण शरण के पैतृक निवास विश्नोहरपुर पहुंची और यहां 12 लोगों के बयान लिए गए, इनमें सांसद के करीबी, परिजन, सहयोगी और सुरक्षाकर्मी शामिल हैं. जांच टीम ने गोंडा से कुछ लोगों के नाम-पते, मोबाइल नंबर के अलावा पहचान पत्र भी साक्ष्य के तौर पर जुटाए हैं. जिसके बाद इस मामले में आगे कार्रवाई हो सकती है. 

आरोपों की जांच कर रही पुलिस

दिल्ली पुलिस एसआईटी पहले भी इस मामले को लेकर गोंडा में लोगों के बयान रिकॉर्ड कर चुकी है. वह देश के साथ विदेश में भी कुश्ती प्रतियोगिता के दौरान बीजेपी सांसद पर लगे आरोपों की जांच कर रही है. पिछले लंबे समय से दिल्ली पुलिस की ये जांच जारी है. हालांकि पहलवान लगातार सवाल उठा रहे हैं कि इतने गंभीर आरोपों के बावजूद अब तक बृजभूषण सिंह के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई. वहीं दिल्ली पुलिस का कहना है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है. 

कैसे दर्ज हुई थी एफआईआर

महिला पहलवानों की तरफ से इस मामले को लेकर दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई थी, लेकिन काफी वक्त तक पुलिस ने एफआईआर ही दर्ज नहीं की. इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और तुरंत एफआईआर दर्ज हो गई. दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि इस मामले में आरोपी सांसद के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है. बीजेपी सांसद के खिलाफ पॉक्सो समेत तमाम धाराओं में मामला दर्ज हुआ, हालांकि गिरफ्तारी नहीं हुई. 

5.बालासोर ट्रेन हादसे को लेकर बड़ा खुलासा, इंटरलॉकिंग सिस्टम से हुई थी छेड़छाड़

ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनों की टक्कर के पीछे क्या कोई बड़ी साजिश थी. क्या किसी ने जानबूझ पटरियों से छेड़छाड़ की जिससे 275 बेगुनाहों की जान चली गई? ये सवाल अब और गंभीर हो चला है. इस मामले में जो ताजा खुलासा हुआ है वो इसी तरफ इशारा कर रहा है. रेलवे को शुुरुआती जांच में इस बात के सबूत मिले हैं कि पटरियों की इंटरलॉकिंग सिस्टम में जानबूझ कर छेड़छाड़ की गई थी. इसी वजह से रेलवे ने दुर्घटना की जांच सीबीआई से करवाने का फैसला किया है.

रेलवे के उच्च अधिकारियों का कहना है कि बालासोर ट्रेन दुर्घटना के पीछे इंटरलॉकिंग सिस्टम में छेड़छाड़ की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. उनके मुताबिक रेलवे की प्रारंभिक जांच में इस बात के सुराग मिले हैं कि इसमें जानबूझकर छेड़छाड़ की गई हो और इसलिए ये महसूस किया गया कि इसकी जांच किसी पेशेवर जांच एजेंसी से करवाई जाए.

हादसा या साजिश?

अधिकारियों के मुताबिक रेलवे का इंटरलॉकिंग सिस्टम काफी सुरक्षित होता है और इसमें गड़बड़ी की गुंजाइश न के बराबर होती है. उनका कहना है कि शुरुआती जांच में पता चला है कि जब तक जानबूझकर कोई छेड़छाड़ नहीं करे तब तक इंटरलॉकिंग सिस्टम में बदलाव नहीं किया जा सकता है. 

रेलवे अधिकारियों के इन खुलासों से एक बार फिर ये सवाल उठ रहा है कि बालासोर की दुर्घटना कोई हादसा नहीं बल्कि साजिश हो सकती है. अधिकारियों ने कहा कि दुर्घटना की जांच में इस पहलू की भी प्रमुखता से जांच की जा रही है. अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई की जांच इसलिए करवाई जा रही है कि इंटरलॉकिंग सिस्टम में मानवीय हस्तक्षेप के पीछे मकसद का पता लगाया जा सके . 

सीबीआई ने शुरू की जांच

पीटीआई के मुताबिक, सीबीआई की 10 सदस्यीय टीम ने बालासोर ट्रेन दुर्घटना स्थल का सोमवार को दौरा किया और अपनी जांच शुरू की. रेलवे के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. खुर्दा रोड मंडल के डीआरएम आर रॉय ने कहा कि उनकी जानकारी के अनुसार सीबीआई जांच शुरू हो गई है लेकिन विस्तृत विवरण अभी उपलब्ध नहीं है. रेलवे बोर्ड ने रविवार को हादसे की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी.

विपक्ष के आरोपों पर सरकार की सफाई

उधर. सरकार के सूत्रों ने CAG की रिपोर्ट को आधार बनाकर विपक्ष की ओर से किए जा रहे हमलों को निराधार बताते हुए दावा किया है कि सुरक्षा समेत रेलवे की तमाम जरूरतों के लिए सरकार की ओर से पैसों की कोई कमी नहीं की गई है. सूत्रों ने आंकड़ों के हवाले से बताया कि रेलवे की सुरक्षा के तहत रेल पटरियों के नवीनीकरण पर यूपीए सरकार की तुलना में मोदी सरकार ने करीब ढाई गुना ज़्यादा पैसे खर्च किए हैं. 

सूत्रों ने बताया कि यूपीए सरकार के दस साल के दौरान जहां रेलवे का कुल बजट 1.64 लाख करोड़ रहा, वहीं मोदी सरकार में बढ़कर 8.26 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया . इसमें वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजटीय प्रावधान भी शामिल है. 2023-24 में रेलवे का बजटीय अनुमान 2.24 लाख करोड़ रुपए का है. 

पटरियों के नवीनीकरण पर भी ज्यादा खर्च

अगर रेल पटरियों के नवीनीकरण की बात करें तो जहां यूपीए सरकार के दौरान करीब 47 हज़ार करोड़ रुपए खर्च किए गए वहीं मोदी सरकार में 2023-24 के अंत तक 1.09 लाख करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है. अधिकारियों ने बताया कि 2017 में राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष बनाया गया जिसके तहत 2022 तक रेलवे में सुरक्षा संबंधित कामों पर एक लाख करोड़ खर्च करने का लक्ष्य रखा गया था और उससे ज़्यादा खर्च किया भी गया. इस कोष का कार्यकाल अब पांच साल के लिए और बढ़ा दिया गया है. 


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