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21 May 2023: दिन की पांच बड़ी ख़बरें 'Top 5 News Of The Day

 1. 2000 का नोट बदलने के लिए आईडी की जरूरत नहीं:SBI 

स्टेट बैंक ने रविवार को 2000 का नोट बदलने के लिए गाइड लाइन जारी की है। भारत के सबसे बड़े बैंक ने कहा कि नोट बदलने के लिए किसी आईडी की जरूरत नहीं है। कोई फॉर्म भी नहीं बदलना होगा। एक बार में 10 नोट बदले जा सकेंगे।

स्टेट बैंक ने नोटिफिकेशन इसलिए जारी किया है, क्योंकि सोशल मीडिया पर नोट बदलने को लेकर अलग-अलग जानकारियां दी जा रही थीं। कहा जा रहा था कि नोट बदलने के लिए आधार जैसी कोई आईडी जरूरी होगी और फॉर्म भी भरना होगा।

इससे पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 19 मई को 2000 रुपए के नोट बंद करने का ऐलान किया। RBI ने 30 सितंबर तक ऐसे नोट बैंकों में बदलने या अकाउंट में जमा करने को कहा है। बैंक ने यह भी कहा है कि यह इसके बाद भी लीगल रहेगा।

बदलने की पूरी प्रक्रिया समझें...

1.  कहां से बदल सकते हैं ये 2 हजार के नोट?

आप अपनी पास की किसी भी बैंक की शाखा में जाकर ये नोट बदल सकते हैं।

2. मेरा बैंक अकाउंट नहीं है तो क्या मैं इसके बिना नोट बदल सकता हूं?

हां, आप किसी भी बैंक के ब्रांच में जाकर नोट बदल सकते हैं। उस बैंक में आपका अकाउंट हो ऐसा जरूरी नहीं है। आप सीधे काउंटर पर जाकर नोट बदल सकते हैं। वहीं अगर आपका उस बैंक में अकाउंट है तो आप ये रुपए अपने अकाउंट में जमा भी करा सकते हैं।

3. एक बार में कितने नोट बदल सकते हैं?

 एक बार में ₹20,000 की सीमा तक ₹2000 के नोट बदलवा यानी दूसरे डिनॉमिनेशन में एक्सचेंज करवा सकते हैं। वहीं अगर आपका अकाउंट है तो आप कितने भी 2000 के नोट डिपॉजिट (अकाउंट में जमा) कर सकते हैं।

4. क्या नोट बदलने के लिए बैंक को कोई चार्ज देना पड़ेगा?

नहीं, पैसे बदलने के लिए आपसे कोई भी चार्ज (शुल्क) नहीं देना होगा। ये एकदम फ्री है। अगर कोई कर्मचारी आपसे इसके लिए पैसे मांगता है तो आप बैंक अधिकारी या बैंकिंग लोकपाल में इसकी शिकायत कर सकते हैं।

5. 30 सितंबर तक नोट जमा नहीं किए तो क्या होगा?

लेन-देन के लिए ₹2000 के नोटों का इस्तेमाल जारी रख सकते हैं और उन्हें पेमेंट के रूप में रिसीव भी कर सकते हैं। हालांकि, RBI ने 30 सितंबर 2023 को या उससे पहले इन बैंक नोटों को जमा करने या बदलने की सलाह दी है।

6.  ये नया नियम किन लोगों के लिए लागू हो रहा है? ​​​​​​

यह फैसला सभी के लिए लागू है। हर व्यक्ति को जिसके पास 2000 के नोट हैं, उसे उन्हें 30 सितंबर तक बैंक की किसी भी ब्रांच में डिपॉजिट करने या दूसरे नोटों से एक्सचेंज कराने होंगे।

2. भारत में गूगल के खिलाफ उठाया जाएगा ये बड़ा कदम, पहले ही लग चुका है 275 मिलियन का जुर्माना

भारत सरकार गूगल के खिलाफ कार्रवाई करने की योजना बना रही है. रॉयटर्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक एक शीर्ष आईटी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इस बात की जानकारी दी. राजीव चंद्रशेखर के मुताबिक 'पिछले साल एक एंटीट्रस्ट वॉचडॉग ने पाया कि गूगल अपनी ताकतों का गलत इस्तेमाल कर रहा है. 

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने अक्टूबर में दो मामलों में अल्फाबेट इंक की कंपनी गूगल पर 275 मिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया था. मामला ऑनलाइन सर्च और एंड्रॉइड ऐप स्टोर जैसे बाजारों में अपनी प्रमुख स्थिति का फायदा उठाने का था. सीसीआई ने गूगल से प्री-इंस्टॉलिंग ऐप्स से संबंधित स्मार्टफोन निर्माताओं पर लगाए गए प्रतिबंधों को बदलने के लिए भी कहा था.

यह फैसला ऐसे समय में आया है जब गूगल को दुनिया भर में एंटीट्रस्ट जांच का सामना करना पड़ रहा है. पिछले महीने एक यूरोपीय अदालत ने 2018 के एक फैसले को बरकरार रखते हुए गूगल को बड़ा झटका दिया था. यूरोपीय अदालत नें कहा था 'कंपनी ने एंड्रॉइड मोबाइल उपकरणों के निर्माताओं पर गैरकानूनी प्रतिबंध' लगाए. रॉयटर्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक गूगल ने अदालत के इस फैसले के खिलाफ अपील करने की योजना बनाई है. अदालत के फैसले के बाद गूगल को 410 करोड़ का जुर्माना झेलना पड़ रहा है. 

सरकार गूगल के खिलाफ कार्रवाई करेगी

सूचना प्रौद्योगिकी के मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने रॉयटर्स को दिए इंटरव्यू में बताया ' इस तरह के मामले बेहद "गंभीर" हैं.  ये मामले सरकार को गहरी चिंता में डालते हैं. सरकार गूगल के खिलाफ कार्रवाई करेगी. चंद्रशेखर ने कहा, 'मंत्रालय आने वाले हफ्तों में कार्रवाई करेगा. हम पीछे नहीं हटेंगे मंत्री ने यह बताने से इनकार कर दिया कि सरकार किस तरह की नीति अपनाएगी, या किस तरह की कार्रवाई कर सकती है.  

राजीव चंद्रशेखर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रशासन में सर्वोच्च रैंकिंग अधिकारियों में से एक हैं. रॉयटर्स के मुताबिक उन्होंने इस मामले पर गूगल से किसी भी तरह की कोई बातचीत करने से साफ मना कर दिया. उन्होंने इसे अदालत का मैटर बताया. 

बढ़ेगा भारतीय कंपनियों और गूगल के बीच तनाव

मंत्री की यह टिप्पणी भारतीय कंपनियों और गूगल के बीच बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि का एक हिस्सा मानी जा रही है. भारत की प्रतिस्पर्धा निगरानी संस्था ने टिंडर के मालिक की गूगल की शिकायत के बाद एक जांच शुरू कर दी है. टिंडर के अलावा भी कई स्टार्टअप्स ने गूगल पर आरोप लगाया है.  कंपनियों का कहना है कि ऐप भुगतान के लिए गूगल द्वारा उपयोग की जाने वाली एक नई सेवा शुल्क प्रणाली प्रतिस्पर्धा आयोग के फैसले का उल्लंघन करती है. 

सूत्रों ने रॉयटर्स को बताया कि सीसीआई के एंड्रायड ऐप मामले में गूगल पर 16.2 करोड़ डॉलर के जुर्माने के बाद गूगल की परेशानी बढ़ी है. अब कंपनियों की शिकायत भी एक सिरदर्द है, क्योंकि वो पहले से ही यूरोपिय अदालत से 410 करोड़ का जर्माना झेल रहा है. 

वहीं गूगल ने अभी तक सीसीआई के जवाब में कानूनी कारर्वाई को लेकर कोई भी बयान नहीं दिया है. हालांकि गूगल ने ये कहा था कि सीसीआई का आदेश भारतीय उपभोक्ताओं और व्यवसायों के लिए एक बड़ा झटका है'. 

गूगल पर कई मुकदमें हुए हैं दायर

बता दें कि गूगल पर भारत ,ईयू के अलावा दुनिया के कई जगहों पर मुकदमा दर्ज किया गया है.ज्यादातर आरोप प्रतिस्पर्धा को प्रभावित करने के हैं. इसमें फेसबुक की मूल कंपनी मेटा भी शामिल है. साउथ कोरिया में प्रतिस्पर्धा उल्लंघन मामले में इन दोनों कंपनियों पर 71 मिलियन डॉलर (करीब 565 करोड़ रुपये) का संयुक्त जुर्माना लगा था.

गूगल लगातार सवालों में घिरा हुआ है. गूगल पर अमेरिका में कंपनी पर सर्च में खास नतीजों और गूगल पे सर्विस को को प्राथमिकता देने का आरोप है. इन मामलों में कंपनी पर अरबों डॉलर का जुर्मान लग चुका है.

सबसे पहले चर्चा में कब आया था मुद्दा

साल 2019 में अमेरिकी सरकार की एंटी ट्रस्ट प्रवर्तन एजेंसियाँ, संघीय व्यापार आयोग और न्याय विभाग ने अमेज़ॅन और गूगल के खिलाफ एंटीट्रस्ट जाँच की शुरुआत की थी. 

साल 2018 में भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग (CCI) ने भी  गूगल पर अनुचित व्यापार व्यवहारों को लेकर गूगल पर  1 करोड़ 36 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था.

3. अमेरिका के अल-सल्वाडोर में फुटबॉल मैच के दौरान भगदड़, 9 की मौत

सेंट्रल अमेरिका के अल सल्वाडोर में एक फुटबॉल मैच के दौरान भगदड़ मच गई। हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई। पुलिस के मुताबिक 100 से ज्यादा लोग घायल हैं, इनमें दो की हालत गंभीर है। 500 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि अल सल्वाडोर में लोकल टीम का मैच था। इसी दौरान यह घटना हुई.

मध्य अमेरिकी देश अल सल्वाडोर में एलियांज़ा और सेंटा एना की एफएएस सबसे लोकप्रिय फुटबॉल टीमों में शामिल हैं। इनके मैच को देखने के लिए स्टेडियम के गेट पर भारी भीड़ जमा हो गई थी। जानकारी के मुताबिक कुछ लोग जबरन स्टेडियम में घुसने की कोशिश कर रहे थे। इसी दौरान भगदड़ मची।

4. गर्मी से हो सकते हैं फोन ब्लास्ट, रहें अलर्ट


आखिर ये मोबाइल फोन फटते क्यों हैं, इनसे बचने का उपाय क्या है, मोबाइल के अलावा और कौन-सी चीजें हो सकती हैं ब्लास्ट…

आजकल अधिकतर कंपनियां स्मार्टफोन में लिथियम-आयन बैटरी यूज करती हैं। इनमें पॉजिटिव और नेगेटिव इलेक्ट्रोड होते हैं, जो इसे रिचार्ज करने देता है। जब फोन की बैटरी के पार्ट टूट जाते हैं, तो इससे अक्सर फोन ब्लास्ट होने की घटनाएं होती हैं।

फोन की बैटरी खराब होने की सबसे नॉर्मल वजह गर्मी है। अगर बैटरी चार्ज होने पर या लगातार यूज करने पर जल्दी गर्म हो जाती है, तो फोन की बैटरी डैमेज हो सकती है। इसमें थर्मल रनवे नाम का चेन रिएक्शन हो सकता है। इस प्रोसेस से बैटरी बहुत गर्म हो जाती है, जिस वजह से फोन में आग लग जाती है।

फोन के गिरने, बहुत देर तक धूप के कॉन्टैक्ट में रहने, सीपीयू में मैलवेयर होने और चार्जिंग सर्किल में प्रॉब्लम होने से भी बैटरी डैमेज हो सकती है। कुछ घटनाएं स्मार्टफोन के पुराने होने या मैनुफैक्चरिंग डिफेक्ट होने के कारण भी हो सकती हैं।

अगर आप कई सालों से एक डिवाइस यूज कर रहे हैं। ऐसे में बैटरी के इंटरनल एलीमेंट खराब हो सकते हैं और बैटरी फूल सकती है या गर्म हो सकती है। जिससे ब्लास्ट होने के चांस बढ़ जाते हैं।


फोन की बैटरी फटने के कोई संकेत हैं क्या? जिनसे पता चल सके कि कब अलर्ट रहने की जरूरत है?

इसका कोई तय संकेत नहीं है, लेकिन कुछ हैं जिन्हें हम यहां जानते-समझते हैं। जैसे-

फोन की स्क्रीन का ब्लर होना।

स्क्रीन में पूरी तरह डार्कनेस आ जाना।

फोन बार-बार हैंग होना और प्रोसेसिंग स्लो हो जाना।

बात करते वक्त फोन नॉर्मल से ज्यादा गर्म होना।

बहुत ज्यादा पुराना फोन यूज करने से।

 अपने फोन को फटने से कैसे बचाएं?

आज के जमाने में फोन ऐसी चीज है जिससे कोई चाहकर भी दूरी नहीं बना सकता है। कुछ सावधानी बरतकर और अलर्ट रहकर आप अपनी जिंदगी बचा सकते हैं।

मोबाइल यूज करते टाइम जरूर फॉलो करें ये टिप्स

फोन अगर भींग गया हो, तो तुरंत चार्जिंग पर न लगाएं।

चार्ज करते वक्त फोन यूज न करें।

मोबाइल को 100% तक चार्ज न करें।

बार-बार मोबाइल चार्ज न करें। बैटरी 20% से कम होने पर ही चार्जिंग पर लगाएं।

चार्ज करते समय स्मार्टफोन से कवर हटा दें। गर्म नही होगा।

5.तेजी से बढ़ रहे हैं इसके दाम, किचन से गायब हो जाएगी पीली दाल

दाल एक ऐसी चीज है जो हर भारतीय किचन में रोज पकाई जाती है. लेकिन इसकी बढ़ती कीमत देख कर लग रहा है कि आने वाले दिनों में ये रसोईं से गायब हो जाएगा. दरअसल, अप्रैल तक तो सरकार ने इसकी बढ़ती कीमतों पर लगाम लगा रखी थी, लेकिन अब मई से पीली दाल के दाम बढ़ने लग गए हैं. कंज्यूमर अफेयर डिपार्टमेंट के नए आंकड़ों को देख कर सबके होश उड़ गए हैं और अगर ऐसे ही ये आंकड़े बढ़ते रहे तो वो दिन दूर नहीं जब खाने की थाली से दाल गायब हो जाएंगे.

कितने बढ़े दाम

कंज्यूमर अफेयर डिपार्टमेंट के आंकड़े बताते हैं कि एक मई तक तुअर के दाल की औसत कीमत 116.68 रुपये थी, लेकिन 18 मई आते आते ये बढ़कर 118.98 रुपये हो गई. अब सवाल उठता है कि अभी तो मई का पूरा महीना बीता भी नहीं है तो क्या मई के अंत तक ये 120 का आंकड़ा पार कर जाएगा. अगर ऐसा हुआ तो लोअर मिडिल क्लास सबसे ज्यादा सफर करेगी, क्योंकि उनके महीने का खर्च तय होता है और महंगाई की वजह से उनका बजट बिगड़ जाएगा.

और किन किन दालों के बढ़े दाम

कंज्यूमर अफेयर डिपार्टमेंट के आंकड़ों के मुताबिक, मई में सिर्फ तुअर दाल की कीमतों में ही इजाफा नहीं हुआ, बल्कि मूंग दाल, उड़द दाल, चने की दाल की कीमतों में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है. मूंग दाल की बात करें तो एक मई से 18 मई के बीच ये 107.29 रुपये से 108.41 रुपये हो गई है. वहीं उड़द की दाल भी 108.23 रुपये से बढ़कर 109.44 रुपये हो गई है. जबकि, चने की दाल की बात करें तो ये 73.71 रुपये से बढ़कर 74.23 रुपये हो गई है.

सरकार क्या कर रही है?

दाल की बढ़ती कीमतों को लेकर सरकार भी चिंतित है. यही वजह है कि दालों की बढ़ती कीमतों को देखते हुए केंद्र सरकार ने एक एडवाइजरी जारी कर दी है और उसके अनुसार, कोई भी एक महीने से ज्यादा समय तक दालों को स्टॉक करके नहीं रख सकता. अगर कोई ऐसा करता है तो उस पर सख्त कार्रवाई होगी. इंपोर्ट के लिए भी सरकार की ओर सख्त एडवाइजरी जारी की गई है. दरअसल, भारत में 70 प्रतिशत तुअर की दाल इंपोर्ट की जाती है.

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