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18 February 2023: दिन की पांच बड़ी ख़बरें 'Top 5 News Of The Day'

 1.जयशंकर ने सोरोस को बताया, "बूढ़ा, रईस, हठधर्मी और ख़तरनाक"


शनिवार को ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में रायसीना डायलॉग के उद्घाटन सत्र के दौरान जयशंकर ने अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस को "बूढ़ा, रईस, हठधर्मी और ख़तरनाक" बताया.

जयशंकर ने कहा कि सोरोस की टिप्पणी ठेठ 'यूरो अटलांटिक नज़रिये' वाली है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, जयशंकर ने कहा, "सोरोस एक बूढ़े, रईस, हठधर्मी व्यक्ति हैं जो न्यूयॉर्क में बैठकर सोचते हैं कि उनके विचारों से पूरी दुनिया की गति तय होनी चाहिए... अगर मैं ठीक से कहूं तो वो बूढ़े, रईस, हठधर्मी और ख़तरनाक हैं.''

बीते गुरुवार को जर्मनी के म्यूनिख़ रक्षा सम्मेलन में 92 साल के अरबपति जॉर्ज सोरोस ने म्यूनिख़ सिक्योरिटी कॉन्फ्रेन्स में पीएम नरेंद्र मोदी की कड़ी आलोचना की थी.

सोरोस ने कहा था, "भारत तो एक लोकतांत्रिक देश है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकतांत्रिक नहीं हैं. उनकी इतने तेज़ी से आगे बढ़ने के पीछे भारतीय मुसलमानों के साथ हिंसा भड़काना एक बड़ा कारक रहा है."

सोरोस ने कहा, "मोदी और अरबपति अडानी में क़रीबी रिश्ते हैं. दोनों का भविष्य एक दूसरे से बंधा हुआ है. अडानी पर स्टॉक मैनीपुलेशन के आरोप हैं और मोदी इस मामले पर खामोश हैं लेकिन उन्हें विदेशी निवेशकों और संसद में सवालों के जवाब देने ही होंगे."

2.स्ट्रेलिया के खिलाफ गलत फैसले का शिकार हुए कोहली? ड्रेसिंग रूम में भड़के

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टेस्ट की पहली पारी में विराट कोहली अर्धशतक लगाने से चूक गए। दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में मैच के तीसरे दिन शनिवार (18 फरवरी) को वह 44 रन बनाकर आउट हो गए। उन्हें मैथ्यू कुह्नेमैन ने एलबीडब्ल्यू कर दिया। इसके बाद कोहली ड्रेसिंग रूम में गुस्से में दिखाई दिए। वहीं, सोशल मीडिया पर फैंस ने अंपायर पर भड़ास निकाली।

50वें ओवर में बाएं हाथ के स्पिनर कुह्नेमैन गेंदबाजी करने आए। यह उनका पहला टेस्ट है। कुह्नेमैन की तीसरी गेंद पर विराट ने डिफेंस करने का प्रयास किया। गेंद उनके पैड से जा टकराई। अंपायर ने विराट को आउट दिया। इस पर कोहली ने रिव्यू लेने का फैसला किया। रिप्ले में साफ पता चल रहा था कि गेंद कोहली के बैट और पैड से एक ही समय में लगी है। फैंस को उम्मीद थी कि इसका फायदा विराट को मिलेगा और उन्हें नॉटआउट दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। थर्ड अंपायर ने भी कोहली को आउट दिया।

3. नेट परीक्षा के पहले फेज का एडमिट कार्ड जारी

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने यूजीसी नेट परीक्षा 2022 के पहले चरण का एडमिट कार्ड जारी कर दिया है। यूजीसी नेट दिसंबर 2022 के लिए पंजीकृत उम्मीदवार अपना एडमिट कार्ड यूजीसी नेट की आधिकारिक वेबसाइट ugcnet.nta.nic.in के माध्यम से डाउनलोड कर सकते हैं।

इसके पहले एनटीए ने 13 फरवरी को यूजीसी नेट दिसंबर 2022 पहले चरण की परीक्षा के लिए परीक्षा शहर सूचना पर्ची जारी की थी। यूजीसी नेट एडमिट कार्ड डाउनलोड लिंक एनटीए की आधिकारिक वेबसाइट पर सक्रिय है। उम्मीदवारों को हॉल टिकट देखने के लिए अपना यूजीसी नेट आवेदन संख्या और जन्म तिथि दर्ज करनी होगी। पहले चरण की यूजीसी नेट परीक्षा 2023 की तारीख 21 से 24 फरवरी 2023 तक है।

 

ऐसे करें डाउनलोड

यूजीसी नेट के पहले चरण की परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड डाउनलोड करने के लिए उम्मीदवार नीचे दिए गए इन सरल चरणों का पालन कर सकते हैं।

सबसे पहले UGC NET की आधिकारिक वेबसाइट ugcnet.nta.nic.in पर जाएं।

होम पेज पर यूजीसी नेट एडमिट कार्ड 2022 लिंक पर क्लिक करें।

लॉगइन विवरण दर्ज करें और सबमिट पर क्लिक करें।

आपका एडमिट कार्ड स्क्रीन पर प्रदर्शित हो जाएगा।

अब एडमिट कार्ड चेक करें और पेज डाउनलोड करें।

आगे की जरूरत के लिए एक हार्ड कॉपी अपने पास रखें। 

4.आतंकियों के हमले से कराची पुलिस हेडक्वार्टर में कोहराम


पाकिस्तान के कराची (Karachi) में आतंकवादियों ने शुक्रवार (17 फरवरी) को शाम पुलिस मुख्यालय पर हमला बोल दिया. करीब 4 घंटे तक ताबड़तोड़ फायरिंग की गई. इस हमले में 4 लोगों की मौत हो गई, जबकि करीब 18 लोग जख्मी हो गए. शुक्रवार को देर रात पुलिस और सुरक्षा बल के जवानों ने पुलिस मुख्यालय को आतंकवादियों (Terrorists) से खाली करा लिया.पुलिस और सुरक्षाबलों के जवानों ने 5 आतंकवादियों को मार गिराया. ये सभी तहरीक-ए-तालिबान (पाकिस्तान) के आतंकवादी बताए जा रहे हैं.

कराची पुलिस हेडक्वार्टर पर हमला

देश के सबसे अधिक आबादी वाले शहर शरिया फैसल इलाके में स्थित पुलिस मुख्यालय की इमारत पर नियंत्रण हासिल करने के लिए करीब चार घंटे तक अभियान चलाया गया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ये अभियान शुक्रवार रात करीब 10 बजकर 50 मिनट पर खत्म हुआ. भारी गोलीबारी के दौरान सुरक्षा बल के जवान समेत 4 की मौत हो गई. एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक सिंध सरकार के प्रवक्ता मुर्तजा वहाब सिद्दीकी ने बताया, "हमले में चार लोग मारे गए, जिनमें दो पुलिसकर्मी, एक रेंजर और एक सफाई कर्मचारी शामिल हैं''.

5 आतंकी भी मारे गए

पीटीआई ने एक वरिष्ठ सुरक्षा स्रोत का हवाला देते हुए बताया है कि ऑपरेशन के दौरान तालिबान के पांच आतंकवादी मारे गए. हमला शुक्रवार शाम 7:10 बजे शुरू हुआ था. सुरक्षाबलों के जवानों ने आतंकियों के खिलाफ अभियान को रात करीब पौने दस बजे खत्म कर दिया. प्रांतीय प्रशासन के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा कि केपीओ पर हमला एक गंभीर सुरक्षा चूक थी.

सुरक्षा को लेकर सवाल 

कानून प्रवर्तन एजेंसी के मुख्यालय पर हमले को एक गंभीर सुरक्षा चूक के रूप में देखा जा रहा है. प्रांतीय महानगर के मध्य में भारी सुरक्षा वाले कराची पुलिस कार्यालय (केपीओ) पर हमले के बाद सरकारी भवनों और प्रतिष्ठानों में सुरक्षा व्यवस्था की वर्तमान स्थिति पर चिंता जताई गई है. प्रशासन और प्रांतीय सरकार ने 'सुरक्षा ऑडिट' करने का निर्णय लिया है. 

पीएम शहबाज ने क्या कहा?

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान न केवल आतंकवाद को जड़ से उखाड़ेगा, बल्कि आतंकवादियों को न्याय के कठघरे में लाकर सजा दिलाएगा. सिंध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह ने पुलिस उप महानिरीक्षक (DIG) को पुलिस प्रमुख के कार्यालय पर हमला स्वीकार नहीं है. उन्होंने हमले के पीछे के साजिशकर्ताओं को तुरंत गिरफ्तार करने के आदेश दिए. 

अमेरिका ने भी की हमले की निंदा

उधर, अमेरिका ने भी आतंकी हमले की निंदा की. यूएस विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका आतंकवादियों के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान के साथ दृढ़ता से खड़ा है. हिंसा इसका जवाब नहीं है और इसे बंद होना चाहिए.

5. ठाकरे परिवार के हाथ से छीन गई शिवसेना 

19 जून 1966 को बाला साहेब ठाकरे (Balasaheb Thackeray) ने शिवसेना का गठन किया था. पिता की बनाई 57 साल पुरानी पार्टी का चुनाव चिन्ह ठाकरे परिवार के हाथ से निकल गया. भारतीय चुनाव आयोग के फैसले में यह तय हुआ कि ठाकरे गुट के बजाय शिंदे गुट के पास आधिकारिक नाम शिवसेना और पार्टी का चुनाव चिह्न ‘धनुष और तीर’ रहेगा. इससे ठाकरे गुट को बड़ा झटका लगा है. इससे पहले भी कई ऐसे राजनीतिक दल हैं जिन्होंने अलग होने के बाद वास्तविक चुनवी चिह्न की मांग की है. चुनाव आयोग ने बताया कि उसने शिंदे गुट के पक्ष में फैसला विधानसभा में कुल 67 विधायकों में से 40 एमएलए का समर्थन उनके पास होने के कारण दिया है. वहीं संसद में भी शिंदे गुट के पास ज्यादा सांसद हैं. आयोग ने कहा कि 13 सांसद शिंदे गुट के साथ हैं, तो वहीं 7 उद्धव ठाकरे के साथ. यही कारण है कि शिंदे गुट को वास्तविक चुनवी चिह्न दिया गया है और ठाकरे गुट से 6 दशक पुराना चिह्न वापस ले लिया गया. 

पहले भी सामने आए हैं ऐसे मामले

1969- 1969 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में विभाजन हुआ था. इसके बाद दो दल कांग्रेस (ओ) और कांग्रेस (आई) का गठन हुआ था. इसके बाद 1978 में कांग्रेस एक बार फिर विभाजित हुई जब कांग्रेस (इंदिरा) और कांग्रेस (उर्स) बनाई गई.

1980- इसके बाद 1980 में तमिलनाडु की अन्नाद्रमुक दो गुटों में विभाजित हो गई. इसके बाद जनता दल में भी इसी तरह का विभाजन देखा गया और जेडीयू और जेडीएस अलग हो गए. 

2012-  इसके बाद साल 2012 में उत्तराखंड आंदोलन को अंजाम तक पहुंचाने वाला क्रांति दल दो गुटों में बंट गया था. इसके बाद उत्तर प्रदेश में साल 2017 में समाजवादी पार्टी विभाजित हो गईं.


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