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29 May 2023: दिन की पांच बड़ी ख़बरें 'Top 5 News Of The Day

 1. इस तारीख तक आ सकता है UPSC Prelims 2023 रिजल्ट



संघ लोक सेवा आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा 2023 और भारतीय वन सेवा परीक्षा 2023 के संयुक्त प्रारंभिक चरण यानी प्रारंभिक परीक्षा (यूपीएससी प्रिलिम्स 2023) का आयोजन बीते रविवार, 28 मई 2023 को किया। पिछले वर्ष के 11.52 लाख से मुकाबले इस बार अधिक संख्या में 12 लाख (मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक) उम्मीदवार सम्मिलित हुए। आयोग द्वारा घोषित कार्यक्रम के मुताबिक परीक्षा दो-दो घंटों की दो पालियों में आयोजित की गई, जो कि सुबह 9.30 बजे और दोपहर 2.30 बजे शुरू हुईं। परीक्षा में सम्मिलित उम्मीदवारों की मिली प्रतिक्रिया के मुताबिक जहां पहला पेपर 1 यानी जनरल स्टडीज (GS) के कुछ क्वेश्चन आसान थे तो कई मध्यम से कठिन स्तर के रहे। वहीं पेपर 2 यानी सिविल सर्विसेस एप्टीट्यूट टेस्ट (CSAT) मध्य कठिनाई स्तर के रहे।

UPSC Prelims 2023: इस तारीख तक आ सकता है रिजल्ट

सिविल सेवा और वन सेवा प्रारंभिक परीक्षा के संयुक्त आयोजन के बाद अब संघ लोक सेवा आयोग द्वारा पहले चरण में प्रदर्शन के आधार पर अगले चरण यानी प्रधान (लिखित परीक्षा) के लिए योग्य पाए गए उम्मीदवारों की सूची जारी की जानी है। आयोग ने इस सूची को जारी करने के तिथि का औपचारिक एलान नहीं किया है। हालांकि, पिछले वर्ष के पैटर्न को देखें तो परिणाम 17वें दिन जारी किए गए थे। ऐसे में जबकि यूपीएससी ने इस बार प्रारंभिक परीक्षा 28 मई को आयोजित की तो परिणाम जून 2023 में 12 से 14 तारीख के बीच घोषित किए जा सकते हैं। हालांकि, आधिकारिक अपडेट के लिए आयोग की वेबसाइट, upsc.gov.in पर नजर रखें।

UPSC Prelims 2023: कितना हो सकता है Cut-Off?

 परीक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक अनारक्षित वर्गों के लिए इस बार कट-ऑफ 94 से 99 अंक के बीच रह सकता है। वहीं, एससी वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 79+5 अंक, एसटी वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 75+5 अंक, ईडब्ल्यूएस वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 83+5 अंक और ओबीसी उम्मीदवारों के लिए 91+5 अंक हो सकता है।

2. Maharashtra SSC Result 2023 कब होगा जारी, कैसे कर सकेंगे चेक, यहां से जानें हर सवाल का जवाब

महाराष्ट्र स्टेट बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एंड हायर सेकेंडरी एजुकेशन की 10वीं की बोर्ड परीक्षाएं में इस वर्ष 15 लाख स्टूडेंट्स ने भाग लिया था। इन सभी स्टूडेंट्स को अपने रिजल्ट जारी होने का इंतजार है। मीडिया में चल रही खबरों को माने तो बोर्ड की ओर से जल्द ही महाराष्ट्र बोर्ड 10th क्लास का रिजल्ट जारी किया जा सकता है। अगर आपके मन में भी महाराष्ट्र बोर्ड से 10वीं रिजल्ट कब जारी होगा? नतीजे कैसे चेक किए जा सकते हैं? आदि सवालों हैं तो यहां से आप हर सवाल का जवाब आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।

Maharashtra SSC 10th Result 2023: महाराष्ट्र बोर्ड 10th रिजल्ट कब आएगा?

महाराष्ट्र बोर्ड 12वीं कक्षा का रिजल्ट 25 मई को घोषित किया जा चुका है जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि महाराष्ट्र बोर्ड 10वीं का रिजल्ट भी जल्द घोषित किया जा सकता है। हालांकि बोर्ड की ओर से अभी तक इससे संबंधित कोई भी आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की गयी है।

Maharashtra Board 10th Result 2023: कैसे चेक कर सकेंगे रिजल्ट?

जो स्टूडेंट्स महाराष्ट्र बोर्ड 10वीं की परीक्षाओं में शामिल हुए हैं वे आगे दिए गए बिंदुओं को फॉलो कर आसानी से रिजल्ट जांच सकेंगे। परिणाम की जांच के लिए आपको पहले बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। वेबसाइट के होम पेज पर आपको एसएससी रिजल्ट 2023 के लिंक पर क्लिक करना होगा। अब आपको मांगी गयी जानकारी दर्ज करके सबमिट करनी होगी। इसके बाद आपका रिजल्ट स्क्रीन पर प्रदर्शित हो जाएगा।

Maharashtra Board 10th Result: महाराष्ट्र बोर्ड 10वीं रिजल्ट क्या आज होगा जारी?

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र बोर्ड रिजल्ट आज जारी हो सकता है। हालांकि अभी तक बोर्ड की ओर से ऐसी कोई सूचना नहीं दी गयी है। स्टूडेंट्स को सलाह दी जाती है कि वे रिजल्ट से जुड़ी ताजा जानकारी के लिए समय-समय पर ऑफिशियल वेबसाइट mahahsscboard.in या mahresult.nic.in पर विजिट करते रहें।

3.दिल्ली में सरेआम नाबालिग की चाकू-पत्थर से हत्या करने वाला आरोपी बुलंदशहर से अरेस्ट

दिल्ली के शाहबाद डेरी इलाके में 16 साल की नाबालिग लड़की की चाकुओं से गोदकर हत्या करने वाला 20 साल का आरोपी साहिल बुलंदशहर से गिरफ्तार हुआ है. ये दर्दनाक घटना सीसीटीवी में कैद हुई थी. वीडियो में साफ दिख रहा है कि एक शख्स (साहिल) ने कई बार लड़की को चाकुओं से गोदा और फिर भारी-भरकम पत्थर उठाकर कई बार नाबालिग को मारा. हत्या का वीडियो देखकर कोई भी सहम जाएगा. जिस जगह लड़की को चाकुओं से गोदा जा रहा है, वहां से लोग भी गुजरते दिख रहे हैं. लेकिन किसी ने बीच-बचाव नहीं किया.पुलिस के मुताबिक, आरोपी साहिल की उम्र 20 साल है और उसकी लड़की की दोस्ती थी, लेकिन कल उनका किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था. लड़की जब अपनी दोस्त के बेटे के जन्मदिन में जा रही थी, इसी बीच आरोपी ने उसको रास्ते मे रोका और उस पर कई बार चाकू से हमला किया और फिर पत्थर से हमला किया. लड़की की अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया.

डीसीडब्ल्यू प्रमुख स्वाति मालीवाल ने कहा कि एक 16 साल की लड़की को 40-50 बार चाकू मारा गया और फिर पत्थर से कई बार वार किया गया, जिसके बाद उसकी मौत हो गई. यह सब सीसीटीवी में कैद हुआ है. वहां कई लोगों ने इस घटना को देखा, लेकिन कुछ नहीं किया. दिल्ली में महिलाएं और लड़कियां बेहद असुरक्षित हैं. मैं गृहमंत्रालय, दिल्ली एलजी, डीसीडब्ल्यू प्रमुख और दिल्ली के सीएम के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाने की अपील करती हूं.

4. आपकी इन लापरवाही से आपके बच्चे हो रहे हैं डिप्रेशन का शिकार...ऐसे करें सिचुएशन पर काबू

बच्चे बड़े या बुजुर्ग आजकल स्मार्टफोन हर किसी की जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है. लेकिन बच्चों में इसकी एडिक्शन देखने को मिल रही है. इसकी एक वजह कोरोना महामारी भी है क्योंकि जब लॉकडाउन हुआ तब ऑनलाइन क्लासेज के लिए बच्चों ने मोबाइल और लैपटॉप का ही सहारा लिया. लेकिन अब इसकी जरूरत खत्म होने के बाद भी इसका इस्तेमाल रुका नहीं है. रिपोर्ट्स के मुताबिक लगभग 23 फ़ीसदी से ज्यादा बच्चे सोने से पहले बिस्तर पर स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं. इससे उनके मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ रहा है. कुछ रिपोर्ट तो यह भी कहती है कि स्मार्टफोन के ही इस्तेमाल के चलते बच्चे डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं. आईए जानते हैं कि स्मार्टफोन और डिप्रेशन के बीच क्या कनेक्शन है और किस तरह से मां-बाप की लापरवाही की वजह से बच्चों में इसका इस्तेमाल कुछ ज्यादा बढ़ गया है.

डिप्रेशन और स्मार्टफोन के बीच कनेक्शन

जरूर से ज्यादा स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने के चलते बच्चों का सामाजिक अलगाव हो जाता है. बच्चे मोबाइल में ही इतना खोए रहते हैं कि उन्हें अपने आसपास में होने वाले किसी भी घटना से कोई फर्क नहीं पड़ता है. कई बार देखा गया है कि घर में कोई गेस्ट भी आते हैं तो बच्चे उनसे मिलने जुलने की बजाए फोन में लगे रहते हैं. इसके अलावा फोन इस्तेमाल करने के चलते स्लीपिंग पैटर्न भी खराब हो जाता है. बच्चों को 8 घंटे की प्रॉपर नींद नहीं मिल पाती है. इसकी वजह से चिड़चिड़ापन फोकस में कमी बनी रहती है. वहीं स्मार्टफोन के इस्तेमाल से बच्चे बाहर जाकर खेलना कूदना बंद कर देते हैं यानी कि शारीरिक गतिविधि कम हो जाती है ब्रेन का विकास ठीक से नहीं हो पाता है, इसके अलावा आपका बच्चा चार लोगों के बीच में बातचीत करने में हिचकिचाहट महसूस करने लगता है और ये सारी समस्याएं मिलकर डिप्रेशन के लक्षणों को बढ़ावा देती है.

मोबाइल की लत के लिए मां बाप जिम्मेदार

अक्सर मां बाप अपने बच्चों को खुद ही स्मार्टफोन पकड़ाते हैं और उन्हें ये देखकर खुशी होती है कि उनका बच्चा स्मार्टफोन में सब कुछ कर लेता है जो एक बड़ा आदमी नहीं कर सकता. उन्हें लगता है कि बच्चा कितना स्मार्ट है. लेकिन छोटी सी गलती आगे जाकर यह बुरी आदत बन जाती है.  कई बार मां-बाप का यह भी कहना होता है कि अगर फटाफट स्कूल का काम कर लोगे तो मोबाइल मिल जाएगा या फिर खाना खाओगे तो मोबाइल मिल जाएगा. ऐसी कुछ शर्ते बच्चों के सामने अक्सर रखी जाती है इसके लालच में बच्चा फटाफट काम तो फटाफट निपटा लेता है लेकिन उसका ध्यान मोबाइल पर ही लगा रहता है. कई बार माता-पिता खुद के ऑफिस वर्क में इतने बिजी रहते हैं कि बच्चों को टाइम ही नहीं दे पाते और बच्चों से पीछा छुड़वाने के लिए उन्हें स्मार्टफोन थमा देते हैं. इसके अलावा माता पिता खुद ही मोबाइल फोन में लगे रहते हैं तो ऐसे में आपके बच्चे को लगता है कि इसका इस्तेमाल सही है.

कैसे छुड़वाएं लत

अगर बच्चों से मोबाइल फोन की लत को छुड़वाना है तो आपको सख्त बनने की जरूरत है.

खुद भी मोबाइल फोन से दूरी बनाएं ऐसा करने से इसका सीधा असर आपके बच्चे पर पड़ेगा.

अगर आपका बच्चा सुबह उठते ही मोबाइल देखने की जिद करता है तो मोबाइल को उसकी नजरों से दूर कर दें

बच्चों के साथ टाइम स्पेंड करें, उनके साथ बाहर खेलने जाएं, योग और एक्सरसाइज करें, साथ में प्लांट लगाएं

रात में सोते वक्त खुद भी मोबाइल से दूरी बनाएं और बच्चों को भी दूर रखें.


5. इसरो ने लॉन्च किया NAVIC सैटेलाइट,स्पेस से रखेगी सब पर नजर!



भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार (29 मई) को नाविक (जीपीएस) सेवाओं को बढ़ाने के लिए नई पीढ़ी के सैटेलाइट को लॉन्च किया. श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किए गए जीएसएलवी-एफ12 (GSLV-F12) रॉकेट पर एनवीएस-1 (NVS-1) सैटेलाइट को लगाया गया था.


जानकारी के अनुसार, दो हजार किलो से ज्यादा वजनी स्पेसक्राफ्ट एनवीएस-01 भारत की नेविगेशनल और निगरानी करने की क्षमताओं को बढ़ा देगा.  बताया जा रहा है कि इस स्पेसक्राफ्ट को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में स्थापित कर दिया गया है.


भारत की 'आंख' बनेगा NVS-01

एनवीएस-01 के जरिये भारत का नेविगेशन सिस्टम और मजबूत होगा. इसके साथ ही देश की सीमाओं पर निगरानी में मदद करेगी. कहना गलत नहीं होगा कि इस सैटेलाइट के सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में स्थापित होने से चीन और पाकिस्तान को मिर्च लगना तय है. दोनों ही देशों की ओर से भारतीय सीमाओं पर लगातार उकसावे वाली कार्रवाई की जाती रही है. 


कहा जा रहा है कि एनवीएस-01 के जरिये अब भारत समय रहते ही सीमाओं पर होने वाली पड़ोसी देशों की नापाक कारगुजारियों का जवाब देने के लिए तैयार हो सकेगा. किसी भी आपात स्थिति में भी इसरो की नाविक सैटेलाइट देश की आंख बनकर सुरक्षा एजेंसियों को रास्ता दिखाने का काम करेगी.

क्या होता है NAVIC?

स्वदेशी नेविगेशन सेटेलाइट (NAVIC) को इसरो ने विकसित किया और बनाया है. ये सात सैटेलाइट का एक समूह है, जो अंतरिक्ष में ग्राउंड स्टेशन की तरह काम करेंगे. ये नेटवर्क सामान्य लोगों से लेकर सैन्य बलों के लिए रणनीतिक तौर पर नेविगेशनल सेवाएं मुहैया कराएगा. इस सिस्टम को भारत में एविएशन सेक्टर में बढ़ रही मांगों को देखते हुए बेहतर नेविगेशन, समय और स्थिति निर्धारण में मदद करेगा.


इस सैटेलाइट के जरिये भारत और आसपास का करीब 1500 किलोमीटर का क्षेत्र निगरानी क्षेत्र में आ जाएगा. इस सैटेलाइट के साथ ही इसरो ने पहली बार स्वदेशी रूप से विकसित रुबिडियम परमाणु घड़ी को भी लॉन्च किया है.


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