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22 February 2023: दिन की पांच बड़ी ख़बरें 'Top 5 News Of The Day'

 1. दिल्ली:  AAP की शैली जीतीं मेयर का चुनाव, BJP की रेखा को 34 वोट से हराया

नगर निगम चुनाव के 80 दिन बाद दिल्ली को नया मेयर मिल गया है। आम आदमी पार्टी की शैली ओबेरॉय को मेयर चुना गया। शैली को 150 वोट मिले। उन्होंने भाजपा की रेखा गुप्ता को 34 वोटों से हराया।

दिल्ली को 10 साल बाद महिला मेयर मिली है। 2011 में भाजपा की रजनी अब्बी आखिरी महिला मेयर थीं। इसके बाद 2012 में शीला दीक्षित सरकार में दिल्ली नगर निगम को 3 हिस्सों में बांटा गया था। 2022 में इन हिस्सों को मिलाकर फिर एक कर दिया गया। इसके बाद यह MCD का पहला चुनाव था।

वहीं, AAP के आले मोहम्मद इकबाल को डिप्टी मेयर चुना गया है। उन्हें 147 वोट मिले हैं। उन्होंने BJP के कमल बागड़ी को हराया।

जीत के बाद बोलीं शैली- CM केजरीवाल की 10 गारंटी पर काम करेंगे

मेयर चुनाव जीतने के बाद शैली ने कहा कि हमें जनता की उम्मीदों को पूरा करने के लिए साथ काम करना होगा। इसके लिए हम CM केजरीवाल की जनता को दी गई 10 गारंटी पर काम करेंगे। लैंडफिल साइट का निरीक्षण 3 महीनों के अंदर किया जाएगा।

उधर, शैली ओबेरॉय की जीत के बाद CM अरविंद केजरीवाल ने कहा कि गुंडागर्दी हार गई, दिल्ली की जनता जीत गई।8 दिसंबर को आया MCD चुनाव का रिजल्ट, 15 साल बाद भाजपा बाहर हुई

दिल्ली में MCD चुनाव 4 दिसंबर को हुए थे, जबकि इनका रिजल्ट 8 दिसंबर को आया था। चुनाव में 15 साल बाद भाजपा को MCD में बहुमत नहीं मिला था। 250 सीट के सदन में मेयर बनने के लिए 138 वोट चाहिए थे। मेयर चुनाव में 241 पार्षद, 10 सांसद और 14 विधायकों ने वोट डाले। 9 कांग्रेस पार्षदों ने चुनाव में हिस्सा नहीं लिया।

सुबह 11 बजे वोटिंग शुरू होने से पहले सिविक सेंटर में हंगामे जैसे हालात दिखे। AAP पार्षदों की पुलिस से झड़प भी हुई। AAP पार्षद सदन में बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता की एंट्री का विरोध कर रहे थे। हंगामे की आशंका को देखते हुए सदन में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। सदन में SSB जवानों को तैनात किया गया।


2. पटवारी पद के आवेदकों में लाखों PhD, MBA, इंजीनियर भी शामिल



मध्यप्रदेश में पटवारी की भर्ती परीक्षा में छह हजार पदों के लिए 12 लाख से ज्यादा लोगों ने आवेदन किया है. इनमें इंजीनियरिंग, एमबीए और पीएचडी डिग्रीधारी भी शामिल हैं. चुनावी साल है, सो भर्ती हो रही है, लेकिन पांच साल पहले निकली पटवारी भर्ती में शामिल उम्मीदवारों का कहना है कि पिछली भर्ती में निकाले गए सभी 9235 पदों पर नियुक्ति नहीं दी गई.

 ऐसे में उम्मीदवार क्या सोचते हैं, यह जानने के लिए हम भोपाल के जवाहर चौक में सिविल सर्विस क्लब में पहुंचे. दो सौ बच्चों का बैच है, कोई यूपीएससी की तैयारी कर रहा है, तो कोई पीएएससी की. कई उम्मीदवार मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग की तैयारी सालों से कर रहे हैं. करें भी तो क्या ... कई सालों से पीएएसी तक में प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है.मध्यप्रदेश में पांच साल बाद 6755 पटवारी के पदों के लिए वेकैंसी आई है. इसके लिए 12,79,000 आवेदन आ गए हैं. चार लाख से ज्यादा आवेदक वे हैं जो न्यूनतम योग्यता, यानी स्नातक से ज्यादा पढ़े लिखे हैं, पीएचडी पास 1000 , इंजीनियरिंग के 85000, एमबीए के एक लाख,  पीजी के 1,80,000 उम्मीदवारों ने पटवारी के लिए आवेदन किया है.

मध्यप्रदेश में बेरोजगारी बढ़ती जा रही है, एमपीपीएससी में पिछले तीन साल से भर्ती, कोर्ट-कचहरी में खड़ी है. लक्ष्मी शरण मिश्रा सिविल सर्विस क्लब के संस्थापक हैं. वे कहते हैं "जिन लोगों ने 2012-13 में तैयारी शुरू की उनके लिए आखिरी अच्छी परीक्षा 2017-18 में हुई है. उस वक्त हो सकता है 1000 लोग सिलेक्ट हुए हों, लेकिन कुछ लोग अभी भी लगे हैं... हर साल कॉलेज खत्म होने पर लाखों बच्चे आ रहे हैं. यहां ऑप्शन प्राइवेट नौकरी का है नहीं इसलिए सरकारी नौकरी के लिए सब प्रयासरत हैं."

3. चीन के इनर मंगोलिया में कोयला खदान धंसी, दो लोगों की मौत, 50 से ज्यादा लापता, रेस्क्यू जारी

चीन के इनर मंगोलिया इलाके में बुधवार को कोयला खदान धंसने से दो लोगो की मौत हो गई। 50 से ज्यादा लोग लापता हैं। लोकल इमरजेंसी डिपार्टमेंट ने फौरन कार्रवाई करते हुए रेस्क्यू टीम को मौके पर भेज दिया है। अल्क्सा लीग में खदान धंसी है। बचावकर्मियों ने तीन लोगों को बाहर निकाला, जिनमें से दो की मौत हो चुकी थी।

4.रामकथा के दौरान कुमार विश्वास ने RSS को बताया 'अनपढ़', अब BJP नेताओं ने दी चेतावनी

मध्य प्रदेश के संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित कराई जा रही रामकथा में कवि कुमार विश्वास ने संघ को लेकर विवादित टिप्पणी की थी, जिसके बाद से वह बीजेपी और आरएसएस के निशाने पर आ गए. बीजेपी के नेताओं ने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि अगर कुमार विश्वास ने माफी नहीं मांगी, तो उनकी रामकथा किसी भी कीमत पर नहीं होने देंगे. मध्य प्रदेश के संस्कृति विभाग द्वारा उज्जैन में तीन दिवसीय रामकथा का आयोजन किया जा रहा है, जिसे कवि कुमार विश्वास अपने उद्बोधन के माध्यम से सुना रहे हैं. राम कथा के दौरान कुमार विश्वास ने आरएसएस और वामपंथी दल पर तीखा निशाना साधा है. उन्होंने कहा, 'जहां वामपंथी कुपढ़ है, वहीं संघ अनपढ़ है.' इस बयान को लेकर बीजेपी और संघ के नेताओं ने कुमार विश्वास पर हमला बोला है. बीजेपी के नेता और उज्जैन नगर निगम के पूर्व सभापति सोनू गहलोत ने कहा है कि अगर कुमार विश्वास मंच से माफी नहीं मांगेंगे, तो उज्जैन में उनका कार्यक्रम नहीं होने दिया जाएगा.  

कुमार विश्वास राम कथा के पहले दिन ही विवादों में घिर गए. अभी 2 दिन और कथा का आयोजन होना है. ऐसे में आरएसएस बीजेपी के नेता लगातार कुमार विश्वास पर निशाना साध रहे हैं. 

कुमार विश्वास ने यह दिया बयान

कुमार विश्वास ने कहा कि संघ के लिए काम करने वाले एक युवक ने बजट के पहले मुझसे पूछा कि बजट कैसा होना चाहिए? तो कुमार विश्वास इस सवाल पर संघ के कार्यकर्ता को कहा, 'जहां वामपंथी कुपढ़ है अर्थात पढ़े लिखें तो है लेकिन उन्होंने सही शिक्षा नहीं ग्रहण की है, वहीं दूसरी तरफ आरएसएस यानी संघ अनपढ़ है.' उन्होंने इस पूरे परिप्रेक्ष्य में रामायण का भी उदाहरण दिया गया. यह भी कहा कि भगवान राम के समय कौन सा बजट पेश किया जाता था? दरअसल, कुमार विश्वास ने रामराज्य को लेकर संघ के स्वयंसेवक पर निशाना साध दिया.

5. UP Budget 2023: योगी सरकार ने पेश किया अब तक का सबसे बड़ा बजट, छात्रों को टैबलेट-स्मार्टफोन, महिलाओं को मुफ्त सिलेंडर, 


उत्तर प्रदेश विधानसभा में बुधवार को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए छह लाख 90 हजार 242 करोड़ रुपये का भारी-भरकम बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना (Suresh Kumar Khanna) ने विपक्ष पर तंज कसने और अपनी बातें रखने के लिए शेर-ओ-शायरी का भी जमकर इस्तेमाल किया. वित्त मंत्री ने विधानसभा में अपने बजट भाषण में पूर्ववर्ती विपक्षी सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा, ''हमारी सरकार के पहले की सरकारों का रवैया प्रदेश की धार्मिक व सांस्कृतिक धरोहरों के प्रति घोर उपेक्षा का रहा.'' सुरेश कुमार खन्ना ने कहा, ''प्रदेश में ऐसा माहौल बना दिया गया था कि अपनी धार्मिक आस्‍था को प्रकट करना अपराध की श्रेणी में आ गया था. जब मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने प्राचीन धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के पुनरुत्थान का अभियान प्रारंभ किया तो उनका विरोध भी किया गया.'' उन्होंने शायराना अंदाज में विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा- ''मैं पक्षी तूफानों में राह बनाता, मेरा राजनीति से केवल इतना नाता. तुम मुझे रोकते हो अवरोध बिछाकर, मैं उसे हटाकर आगे बढ़ता जाता.''

खन्‍ना ने संस्‍कृति और धर्मार्थ कार्यों के लिए बीजेपी सरकार द्वारा अब तक चलाई गयी योजनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा भी दिया. उन्होंने बजट भाषण में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास मंत्र का जिक्र करते हुए कहा, ''प्रदेश की त्वरित विकास यात्रा ने विरोधियों के स्वर को धीमा कर दिया है. यह इस बात का द्योतक है कि हमारी लोकतांत्रिक एवं पारदर्शी कार्यप्रणाली ने अवश्य ही सबको प्रभावित किया है.''

उत्तर प्रदेश के इतिहास के इस सबसे बड़े बजट में मूलभूत अवसंरचना विकास, शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य व किसानों, महिलाओं और युवाओं का खास ख्याल रखा गया है. प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने विधानसभा में छह लाख 90 हजार 242 करोड़ 43 लाख रुपये का बजट पेश किया. सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए छह लाख 15 हजार 518 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था. इस बार बजट में 32 हजार 721 करोड़ 96 लाख रुपये की नयी योजनाएं शामिल की गयी हैं.


इस बजट में कुल छह लाख 83 हजार 292 करोड़ 74 लाख रुपये की कुल प्राप्तियों का अनुमान है. इनमें से पांच लाख 79 हजार 865 करोड़ 66 लाख रुपये की राजस्‍व प्राप्तियां और एक लाख 12 हजार 427 करोड़ आठ लाख रुपये की पूंजीगत प्राप्तियां शामिल हैं. राजस्व प्राप्तियों में कर राजस्व का हिस्सा चार लाख 45 हजार 871 करोड़ 59 लाख रुपये है. लोक लेखे से 5,500 करोड़ रुपये की शुद्ध प्राप्तियां अनुमानित हैं.

बजट में छह लाख 90 हजार 242 करोड़ 43 लाख रुपये का कुल व्यय अनुमानित है. इसमें पांच लाख दो हजार 354 करोड़ एक लाख रुपये राजस्‍व लेखे का व्यय है जबकि एक लाख 87 हजार 888 करोड़ 42 लाख रुपये पूंजी लेखे का व्‍यय है. बजट में राजकोषीय घाटा 84 हजार 883 करोड़ 16 लाख रुपये अनुमानित है जो वर्ष के लिये अनुमानित राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 3.48 प्रतिशत है.

योगी ने बजट को बताया 'नींव का पत्‍थर'
मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने बुधवार को विधानसभा में वित्त वर्ष 2023-24 के लिये पेश बजट को राज्‍य को 1,000 अरब डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था बनाने की 'नींव का पत्‍थर' करार देते हुए कहा कि उनकी सरकार जनता पर कोई नया कर लगाये बगैर वित्तीय अनुशासन और प्रबंधन के बल पर बजट के आकार को बढ़ाने में सफल रही है. मुख्‍यमंत्री ने वित्त मंत्री सुरेश खन्‍ना द्वारा विधानसभा में बजट पेश किए जाने के बाद कहा, ''यह बजट उत्तर प्रदेश को देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करने के लिए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप उत्तर प्रदेश को अगले पांच साल के अंदर 1,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिये नींव का पत्थर साबित होगा.''

योगी ने कहा कि साल 2016-17 में तत्‍कालीन समाजवादी पार्टी सरकार के कार्यकाल में प्रस्‍तुत बजट तीन लाख 40 हजार करोड़ रुपये का था. प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद पिछले छह वर्षों के दौरान बजट में दोगुनी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है. इस दौरान प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय दोगुना से अधिक हो गई है. साथ ही प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में भी दोगुनी से ज्यादा वृद्धि हुई है. आदित्‍यनाथ ने कहा कि प्रदेश की जनता पर कोई अतिरिक्त कर लगाए बगैर अर्थव्यवस्था के दायरे को बढ़ाया गया है. इसके लिए कई कदम उठाने पड़े. वित्तीय अनुशासन का पूरा पालन किया गया है. राजकोषीय अनुशासन को बनाए रखा गया है. प्रदेश में राजकोषीय घाटे की निर्धारित सीमा को साढ़े तीन प्रतिशत से कम करके 3.24 प्रतिशत तक करने में हमें सफलता मिली है.

प्रदेश में टैक्स चोरी को रोका गया- सीएम
सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में कर चोरी को रोका गया. वित्तीय अनुशासन और बेहतर वित्तीय प्रबंधन को प्रदेश में कैसे लागू किया जाए, इसमें शासन-प्रशासन स्तर पर और विभागीय स्तर पर काम हुआ जिसका नतीजा है कि जहां साल 2016-17 में कर राजस्व सिर्फ 86 हजार करोड़ रुपये था, वह मार्च, 2023 में दो लाख 20 हजार करोड़ रुपये को पार कर जाएगा.

मुख्‍यमंत्री ने कहा ''साल 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले हमारी पार्टी ने प्रदेश की जनता से लोक कल्याण संकल्‍प पत्र में 130 वादे किए थे. आज यह बजट प्रस्तुत करने के साथ उनमें से 110 वादों को हम इसमें शामिल कर चुके हैं. पूरे बजट पर अगर आप ध्यान देंगे तो लगभग 64,000 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि लोक कल्याण संकल्प पत्र में घोषित संकल्पों के लिए समर्पित है.'' उन्‍होंने कहा ''आज बजट भाषण में वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने भी कहा है कि वित्‍त वर्ष 2016-17 (तत्‍कालीन समाजवादी पार्टी सरकार के शासन ) में प्रदेश में बेरोजगारी दर 17-18 प्रतिशत थी. आज यह मात्र चार प्रतिशत रह गई है. प्रदेश में नए रोजगार सृजित हुए हैं और रोजगार की संभावनाएं बढ़ी हैं.''

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