कोरोना अबकी बार जानवरों के जरिए कर सकता है हमला
कोरोना वायरस के दैनिक मामलों में कमी देखी जा रही है लेकिन इसका खतरा अभी पूरी तरह टला नहीं है। कई अध्ययनों ने चेतावनी दी है कि कोरोना वायरस का अगला वेरिएंट जानवरों से प्रसारित हो सकता है। इसके बाद वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने सुझाव दिया है कि अभी से ऐसे कदम उठाए जाने चाहिए जिससे कोरोना वायरस मनुष्यों में नहीं फैल सके।
कोरोना की तीसरी लहर खत्म होने और ओमीक्रोन के शांत होते ही कई अध्ययनों में पाया गया है कि कोरोना वायरस ने मिंक और हैम्स्टर्स को संक्रमित कर दिया है। इतना है नहीं, उत्तरी अमेरिका में वायरस ने जंगली सफेद पूंछ वाले हिरण को संक्रमित किया है। अब शोधकर्ता को डर सताने लगा है कि यह वायरस अधिक प्रजातियों को संक्रमित करके फिर से मनुष्यों में वापस आ सकता है और नए खतरनाक वेरिएंट ला सकता है।
शोधकर्ताओं की चेतावनी को गंभीरता से लेते हुए डब्ल्यूएचओ की वैज्ञानिक मारिया वैन करखोव ने कहा है कि हम सभी को सार्स-कोव-2 के प्रसार को कम करने और जानवरों और मनुष्यों के बीच संचरण के जोखिम को कम करने के लिए कदम उठाने चाहिए। उन्होंने इसे रोकने के कुछ सुझाव दिए हैं।
राष्ट्रीय पशु चिकित्सा सेवाओं और राष्ट्रीय वन्यजीव प्राधिकरणों के बीच सहयोग को मजबूत बनाया जाए। यह पशु स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और मानव और पर्यावरणीय स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
वन्यजीवों की निगरानी को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। इसके अलावा सार्स-कोव-2 के लिए संभावित रूप से अतिसंवेदनशील माने जाने वाले जंगली जानवरों के नमूनों की जांच की जाए। पशुओं के जेनेटिक सीक्वेंस डेटा को साझा करें।
विश्व पशु स्वास्थ्य सूचना प्रणाली (OIE-WAHIS) के जरिए सार्स-कोव-2 के पुष्टि किए गए पशु मामलों की रिपोर्ट करें। बाजारों में पकड़े गए जीवित जंगली स्तनधारियों की बिक्री को निलंबित किया जाए।
जानवरों में वायरस के बारे में सावधानी से संदेश तैयार करें ताकि गलत सूचना न जाए। इसके अलावा संक्रमित पाए जाने वाले किसी भी जानवर का सही तरीके से निपटान किया जाना चाहिए ताकि उससे वायरस को फैलने से रोका जा सके।
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